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पांचवे चरण में 12 ज़िलों की 61 सीटों पर कल मतदान, जानिये किन सीटों पर है सबकी नजर

उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अब अंतिम दौर में पहुँचता जा रहा है, पहले चार चरणों में अब तक सूबे के 40 से ज़्यादा ज़िलों में मतदान हो चुके हैं। इस दौरान चुनावी भाषणों में राजनेताओं के अलग-अलग बयान भी आए हैं , कोई अपनी जीत का दांवा कर रहा है तो कोई अपने पिछले कामों का बखान कर रहा है। इन सब के साथ ही ये चुनाव अब अपने पांचवे चरण में आ चुका है , पांचवे चरण मे उत्तर प्रदेश के 12 ज़िलों मे 27 फरवरी को मतदान होंगे। पांचवें चरण के मतदान पश्चिम चरण से अब अवध प्रांत यानी पूर्वांचल की ओर खिसक कर आ चुका है।

इस चरण में 12 जिलोंं अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराईच, श्रावस्ती और गोण्डा शामिल है।

पांचवे चरण में इस बार लगभग 693 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं , इस चरण की 61 विधानसभा सीटों में 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

पांचवा चरण बीजेपी और सपा की साख के लिए काफ़ी अहम माना जा रहा है। इस चरण की कुछ सीटें अति महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसमें राम नगरी अयोध्या और काग्रेस का गढ़ कहा जाने वाला अमेठी, रायबरेली ज़िला भी शामिल है। साथ ही इसमें कुंभ मेला लगने वाला जिला प्रयागराज और चित्रकूट भी शामिल है।

पांचवे चरण की जिन 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे उनमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी और अपना दल का कब्जा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी। वहीं, सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी। इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी और दो सीटों पर निर्दलीय ने जीती थी। बसपा इस चरण में खाता भी नहीं खोल सकी थी।

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इन-इन चरणों के मतदान कराये जा चुके हैं

आपको बता दें कि पहले चरण के लिए मतदान 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान, तीसरे चरण में 20 फरवरी को 16 जिलों की 59 सीटों के लिए औऱ चौथे चरण में 23 फरवरी को 9 जिलों की 59 सीटों के लिए मतदान कराये जा चुके हैं। पांचवे चरण के लिए 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान कराने के बाद अगले दो चरणों का मतदान भी 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों के लिए मतदान होगा। इसके बाद 10 मार्च को मतगणना कराई जाएगी। 

इन सीटों पर दिलचस्प लड़ाई है

सिराथू- सबसे हॉट सीट यूपी के कौशांबी की सिराथू है। क्योंकि यहां से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य खुद बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं। केशव के खिलाफ सपा ने पल्लवी पटेल को मौदान में उतारा है। शुक्रवार को पल्लवी पटेल के समर्थन में डिंपल यादव और जया बच्चन ने चुनावी जनसभा कर लोगों से वोट कर समर्थन मांगा। 2012 में केशव प्रसाद के यहां से जीतने के बाद से भाजपा का इस सीट पर कब्जा रहा। 2017 में शीतला प्रसाद इस सीट पर बीजेपी से जीत कर विधायक बने। कुर्मी वोट को साधने के लिए सपा ने पल्लवी को उतारा है। पल्लवी, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन हैं। जिनका गठबंधन बीजेपी के साथ है। 

इसके अलावा इलाहाबाद पश्चिम से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहाबाद दक्षिण से नंद गोपाल नंदी, प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से मोती सिंह जैसे मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व मंत्रियों अवधेश प्रसाद, तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय, कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह मुख्य हैं।

कुंडा- कुंडा विधानसभा सीट से लगातार 6 बार विधायक रह चुके राजा भईया के लिए भी इस बार बड़ी चुनौती है। प्रदेश के बदले हुए सियासी समीकरणों के बीच बीजेपी के लिए पिछली बार की तरह जीत दर्ज करना बेहद कठिन है। जहां इस बार सपा और रालोद गठबंधन को बेहतर नतीजे मिलने की सम्भावना है। वहीं कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी है। इस बार यहां से कांग्रेस से योगेश यादव, बीजेपी से सिंधुजा मिश्रा, समाजवादी पार्टी से गुलशन यादव औऱ बसपा से मुहम्मद फहीम कड़ी चुनौती दे रहे है।

अमेठी- अमेठी की लड़ाई 2014 में शुरू हुई जब राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चुनौती दी, वह 2014 में तो चुनाव हार गईं लेकिन 2019 में राहुल गांधी को हराकर अपनी पिछली हार का बदला भी लिया। अमेठी इंदिरा गांधी के समय से ही हॉट सीटों में शुमार रही है। राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच चुनावी फाइट ने इसे और चर्चा में ला दिया था। इस बार अमेठी विधानसभा चुनाव में भी दिलचस्प समीकरण बना है। गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी के चुनावी समर में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस इस बार ‘उधार’ के खिलाड़ियों पर निर्भर हैं।

पट्टी- साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से चुनाव लड़ चुके भाजपा प्रत्याशी व केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को क्षेत्र की आवाम ने विजय का ताज पहनाया। अब फिर से 2022 की विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने मोती सिंह को टिकट दिया है।

पट्टी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2 लाख महिला आबादी है, यहां की महिला आबादी का वोट ही तय करेगा कि कौन इस सीट को अपने नाम करेगा। 

47 प्रतिशत महिला वोटर होने के बावजूद किसी भी पार्टी ने (कांग्रेस को छोड़कर) किसी महिला प्रत्याशी पर भरोसा नहीं जताया है। पट्टी में कुल 363665 मतदाता हैं जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी 170753 है। 

कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी सुनीता पटेल को टिकट दिया है, तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने फिर से विधानसभा भेजने के लिए, 2012 में मामूली अंतर से जीत अर्जित करने वाले कुख्यात ददुआ के भतीजे रामसिंह को टिकट दिया है। वहीं अपने राजनीतिक करियर का छठा विधानसभा चुनाव लड़ रहे चार बार के विधायक दो बार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह इस बार फिर से बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे हैं।  

बहुजन समाज पार्टी ने 2012 में अर्चना तिवारी को महिला प्रत्याशी के रूप में उतारा था लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में पट्टी क्षेत्र के रहने वाले फूल चंद मिश्रा को टिकट दिया है।

यहाँ के जातीय समीकरण की बात करें तो पट्टी में कुर्मी तथा ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है उसके बाद यादव और क्षत्रिय हैं इस बार अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने में सभी दल लगे हुए हैं क्योंकि उनकी संख्या लगभग 80 हजार से अधिक है। इसके साथ-साथ गैर यादव और ग़ैरकुर्मी अन्य पिछड़ी जातियों का वोट भी निर्णायक होगा। 

इलाहाबाद पश्चिम- इलाहाबाद पश्चिम सीट पर भाजपा के सिद्धार्थनाथ सिंह को जीत हासिल हुई थी। 2017 में भाजपा को सबसे ज्यादा 85,000 वोट हासिल हुए थे। जबकि सपा प्रत्याशी (कांग्रेस गठबंधन के साथ) ऋचा सिंह को 60182 वोट हासिल हुए थे। इस बार के चुनाव में सपा की ऋचा सिंह से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। 1989 के बाद से लेकर 2017 तक यहां पर कुल 10 बार विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, जिसमें से 5 बार अतीक अहमद और एक बार उनके भाई अशरफ विजयी हुए. लेकिन अभी तक सबसे ज्यादा वोट भाजपा के सिद्धार्थनाथ सिंह को हासिल हुए हैं।

इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट अतीक अहमद के कारण हमेशा से चर्चा में रही है। इलाहाबाद पश्चिम सीट से अतीक अहमद ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 1989 में जीत दर्ज की जिसके बाद उनकी जीत का यह सिलसिला लगातार जारी रहा और 2002 तक वह इस सीट से विधायक निर्वाचित होते रहे। अतीक ने 3 बार निर्दलीय (1989, 1991,1993) प्रत्याशी के तौर पर 1996 में सपा प्रत्याशी के तौर पर और 2002 में अपना दल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और विधायक बने।

2007 में अतीक ने चुनाव नहीं लड़ा। उनके भाई अशरफ को पूजा ने हरा दिया। 2012 में बसपा के पूजा पाल ने ही अतीक अहमद को पहली बार हराया था। वहीं 2004 में अतीक अहमद के भाई अशरफ को पूजा पाल के पति राजू पाल ने चुनाव हराया था।

2005 में राजू पाल की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में पूजा पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हराया था। इसी चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य तीसरे स्थान पर रहे थे।

फिलहाल बाहुबली अतीक के परिवार से कोई भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा।

इलाहाबाद दक्षिण- यहां से इस बार मैदान में कांग्रेस से अल्पना निषाद, बीजेपी के नंद गोपाल गुप्ता, समाजवादी पार्टी के रईस चंद शुक्ला और बीएसपी से देवेंद्र मिश्रा नागरहा चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशी अल्ताफ अहमद को यहां से टिकट दिया है। 

2017 में भारतीय जनता पार्टी से नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी के परवेज अहमद को 28587 वोटों के अंतर से हराया था। 

भाजपा के वरिष्ठ नेता केसरीनाथ त्रिपाठी यहां से 6 बार निर्वाचित हुए हैं। केसरीनाथ त्रिपाठी की वजह से ही साल 2007 तक ये सीट बीजेपी का गढ़ बनी रही। साल 1989 से बीजेपी की विजय पताका इस सीट पर शुरू हुई जो 2007 तक जारी रही। इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र में केसरीनाथ त्रिपाठी की एक मजबूत पकड़ थी, जिसके चलते उन्होंने यहां से लगातार 5 बार जीत हासिल की।  इस सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस का कब्जा था जो बाद में बीजेपी का गढ़ बन गया। 2007 में केसरीनाथ त्रिपाठी छठवीं बार विधायक के तौर पर जीत नहीं दर्ज कर सके। भाजपा की इस गढ़ में बसपा ने सेंध लगा दी। बसपा प्रत्याशी नंद गोपाल ने केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर जीत दर्ज की। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के हाजी परवेज अहमद ने जीत दर्ज की। 2017 में इस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने फिर जीत दर्ज की। नंद गोपाल गुप्ता बसपा से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। वहीं भाजपा प्रत्याशी के रूप में नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी के परवेज अहमद को 28587 मतों से हराया।

मनकापुर (सुरक्षित सीट) 

इस बार भी बीजेपी से रमापति शास्त्री उम्मीदवार हैं और समाजवादी पार्टी से रमेश चंद्र गौतम, 

कांग्रेस से संतोष कुमारी और बीएसपी से श्याम नारायण उम्मीदवार हैं।

मनकापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र गोंडा ज़िले के अतंर्गत आती है। यह क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य माना जाता है।  कभी कांग्रेस का गढ़ रहा गोंडा जिले का मनकापुर विधानसभा क्षेत्र राजनीति की धुरी होता था। गोंडा ज़िले की राजनीति में सीधे तौर पर मनकापुर राजघराना ही तय करता था कि, जिले में कौन कहां से विधायक होगा, कौन सांसद होगा या कौन जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा। 

आजादी के बाद से ही इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का बोलबाला रहा। हालांकि बाद में 5 बार लगातार सपा भी अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। 1952 में मनकापुर राजघराने के राघवेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस से विधायक बने लेकिन जल्दी ही राघवेंद्र प्रताप सिंह का मोह कांग्रेस से भंग हो गया और वह 1957 में निर्दलीय और 1962 में स्वतंत्र पार्टी से विधायक बने। बाद में राघवेंद्र प्रताप सिंह के बेटे कुंवर आनंद सिंह ने अपने पिता की विरासत संभाली और 1967 व 1969 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। वे सरकार में राजयमंत्री भी बने। 1974 से मनकापुर विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया। 1991 तक कांग्रेस की जीत का ये सिलसिला बरकार रहा 1991 में भाजपा के छेदीलाल को मतदाताओं जीत दिलाई । लेकिन 1993 से 2007 से इस क्षेत्र से सपा के रामविशुन आजाद लगातार विधायक चुने जाते रहे। 2012 में सपा ने अपना प्रत्याशी बाबूलाल को बनाया जिन्हें जनता ने दिल खोलकर वोट दिए और विजेता बना दिया। लेकिन फिर  2017 में भाजपा के रमापति शास्त्री ने जीत दर्ज की और सरकार में समाजकल्याण मंत्री बने।

2017 के चुनाव में बीजेपी के रमापति शास्त्री ने बसपा के रमेश गौतम को हराया। तीसरे स्थान पर सपा के राम विशुन आजाद रहे।

चित्रकूट- चित्रकूट की माणिकपुर सीट से ही केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। यहां से अपना दल ने अविनाश चंद्र द्विवेदी को मैदान में उतारा है जबकि एसपी ने दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को टिकट दिया है। आपको बता दें कि वीर सिंह पटेल ने पहले चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था क्योंकि उनकी विधानसभा सीट चित्रकूट सदर से बदलकर मानिकपुर कर दी गई थी। फिर बाद में वो मानिकपुर से लड़ने को तैयार हो गए।

चित्रकूट जिला मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है। यह भारत के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। चित्रकूट की सीमाएं मध्य प्रदेश के सतना जिले से भी सटी हुई हैं। चित्रकूट डकैतों के कारण भी मशहूर हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे जनपद विकास की राह पर दौड़ने लगा। चित्रकूट विधानसभा सीट 2012 के परिसीमन के बाद बनी। अभी तक इस सीट पर केवल दो चुनाव ही संपन्न हुए हैं। 

यहां ब्राह्मण बिरादरी महत्वपूर्ण भूमिका में है। इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता 50 हजार से ज्यादा हैं जबकि कुर्मी वोटर की तादाद दूसरे नंबर पर है। आम तौर पर यहां ब्राह्मण या कुर्मी समुदाय का ही विधायक होता है।

इसके अलावा चित्रकूट से बीजेपी ने चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सपा के अनिल प्रधान पटेल, बसपा ने पुष्पेंद्र सिंह, कांग्रेस ने निर्मला भारती और आम आदमी पार्टी ने संतोषालाल को प्रत्याशी बनाया है।

अयोध्या- अयोध्या ज़िले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें अयोध्या, बीकापुर, गोसाईंगंज, मिल्कीपुर और रुदौली आती हैं।

अयोध्या से बीजपी के वेदप्रकाश गुप्ता और सपा के तेज नारायण पांडेय आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने रीता मौर्या और बसपा ने रवि मौर्या को टिकट दिया है। अयोध्या के सियासी इतिहास को देखें तो 31 सालों में अयोध्या सीट पर बीजेपी को केवल दो बार हार का सामना करना पड़ा है।

2019 में न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में विवादित राम मंदिर के निर्माण के आदेश दे दिए। इससे पहले राम मंदिर हमेशा से ही बीजेपी के घोषणा पत्र में शामिल रहा था। यही वजह भी है कि अयोध्या बीजेपी का गढ़ माना जाता है।

इस मुद्दे ने देश की राजनीति को हमेशा से प्रभावित किया, देश के धार्मिक सौहार्द पर भी इसने बहुत गहरा प्रभाव डाला।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अयोध्या में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि सपा की सरकार बनते ही ज़िले का चौतरफा विकास किया जाएगा। उन्होंने यहां आकर एक दिन पहले हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की रैली को सीधे सीधे चुनौती देने का प्रयास किया।

यहां जानिये कि कौन -कहां, किस सीट से उम्मीदवार है- 

 

विधानसभा सीट

 जिला

  भाजपा

   सपा+

  बसपा

  कांग्रेस

   आप

  1

तिलोई

रायबरेली

मयंकेश्वर सिंह

मोहम्मद नईम गुज्जर

हरिवंश कुमार दुबे

प्रदीप सिंघल

अमरनाथ पांङे

  2

सलोन

रायबरेली

अशोक कोरी

पद्म श्री जगदीश प्रसाद

इंजीनियर स्वाति सिंह कठेरिया

अर्जुन पासी

राधेश्याम पासी

  3

जगदीशपुर

अमेठी

सुरेश कुमार पासी

श्रीमती रचना कोरी

जितेंद्र कुमार सरोज

विजय पासी

तिलक राज

  4

गौरीगंज

अमेठी

चंद्रप्रकाश मिश्रा मटियारी

राकेश प्रताप सिंह

राम लखन शुक्ला

मोहम्मद फतेह बहादुर

शिव प्रसाद कश्यप

  5

अमेठी

अमेठी

डॉ संजय सिंह

श्रीमती महराजी प्रजापति

श्रीमती रागिनी तिवारी

आशीष शुक्‍ला

अनुराग

  6

इसौली

सुलतानपुर

ओमप्रकाश पांडेय

ताहिर खान

यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह

बीएम यादव

फिरदौस बानो

  7

सुलतानपुर

सुलतानपुर

विनोद सिंह

अनूप साण्डा

डॉ देवी सहाय मिश्र

फिरोज अहमद खान

 

  8

सुलतानपुर सदर

सुलतानपुर

राज प्रसाद उपाध्याय राजबाबू (निषाद पार्टी)

अरुण वर्मा

ओपी सिंह

अभिषेक सिंह राणा

धर्मेश मिश्रा

  9

लंभुआ

सुलतानपुर

सीताराम वर्मा

संतोष पांडेय

उदयराज वर्मा उर्फ पंकज

विनय विक्रम सिंह

पूनम कोरी

 10

कादीपुर

सुलतानपुर

राजेश गौतम

भगेलू राम

हीरालाल गौतम

निकलेश सरोज

सुरेश कुमार चंद्र

 11

चित्रकूट

बांदा

चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय

अनिल प्रधान पटेल

पुष्पेंद्र सिंह

श्रीमती निर्मला भारती

संतोषी लाल शुक्ला

 12

मानिकपुर

बांदा

अविनाश चंद्र द्विवेदी

वीर सिंह पटेल

बलवीर पाल

राजना भारतीलाल पांडेय

अविनाश चंद्र त्रिपाठी

 13

रामपुर खास

प्रतापगढ़

नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार

 

बांकेलाल पटेल एडवोकेट

अराधना मिश्रा मोना

अजीत

 14

बाबागंज

प्रतापगढ़

केशव पासी

गिरिजेश

सुुशील कुमार गौतम एडवोकेट

बीना रानी

राकेश पासी

 15

कुंडा

प्रतापगढ़

श्रीमती सिंधुजा मिश्रा

गुलशन यादव

मोहम्मद फहीम उर्फ पप्पू भाई

योगेश यादव

 

 16

विश्वनाथ गंज

प्रतापगढ़

जीतलाल पटेल (अपना दल एस)

सौरभ सिंह

संजय त्रिपाठी

प्रशांत सिंह

पंकज पाल

 17

प्रतापगढ़

प्रतापगढ़

राजेंद्र कुमार

कृष्णा पटेल (अपना दल कमेरावादी)

आशुतोष त्रिपाठी

नीरज त्रिपाठी

दिनेश उपाध्याय

 18

पट्टी

प्रतापगढ़

राजेंद्र प्रताप सिंह मोती

राम सिंह पटेल

फूलचंद्र मिश्रा

श्रीमती सुनीता सिंह पटेल

अजय यादव

 19

रानीगंज

प्रतापगढ़

धीरज ओझा

आरके वर्मा

अजय यादव

मौलाना अब्दुल वाहिद

अनुराग मिश्रा

 20

सिराथू

कौशांबी

केशव प्रसाद मौर्य

पल्लवी पटेल

मुनसब अली

श्रीमती सीमा देवी

विष्णु कुमार जायसवाल

 21

मंझनपुर

कौशांबी

लाल बहादुर

इंद्रजीत सरोज

डॉ नीतू कनौजिया

अरुण कुमार विद्यार्थी

 

 22

चायल

कौशांबी

नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल (अपना दल एस)

 

अतुल कुमार द्विवेदी

तलत अजीम

धर्मराज त्रिपाठी

 23

फाफामऊ

प्रयागराज

गुरु प्रसाद मौर्य

सुश्री पूजा पाल

ओम प्रकाश पटेल

दुर्गेश पांडेय

संजय प्रकाश शुक्ला

 24

सोरांव

प्रयागराज

डॉ जमुना प्रसाद सरोज (अपना दल सोनेलाल)

श्रीमती गीता पासी

आनंद भारती

मनोज पासी

लल्लन पासी

 25

फूलपुर

प्रयागराज

प्रवीण कुमार पटेल

मुर्तजा सिद्दीकी

रामतौलन यादव

सिद्धार्थ मौर्या

राम सूरत पटेल

 26

प्रतापपुर

प्रयागराज

राकेश धर त्रिपाठी (अपना दल सोनेलाल)

श्रीमती विजमा यादव

घनश्याम पांडेय

संजय तिवारी

हरिश्चंद्र मिश्रा

 27

हंडिया

प्रयागराज

प्रशांत सिंह राहुल (निषाद पार्टी)

हाकिम चन्द्र बिंद

नरेंद्र कुमार त्रिपाठी उर्फ मुन्ना त्रिपाठी

रीना देवी बिंद

पवन कुमार तिवारी

 28

मेजा

प्रयागराज

श्रीमती नीलम करवरिया

संदीप पटेल

सर्वेश चंद्र तिवारी उर्फ बाबा तिवारी

माधवी राय

ङा. राम कुमार मिश्रा

 29

करछना

प्रयागराज

पीयूष रंजन निषाद (निषाद पार्टी)

उज्जवल रमण सिंह

अरविंद कुमार उर्फ भामे शुक्ला

रिंकी सुनील पटेल

जगन्नाथ पटेल

 

 30

इलाहाबाद पश्चिम

प्रयागराज

सिद्धार्थनाथ सिंह

अमरनाथ मौर्या

लल्लन सिंह पटेल

तस्‍लीमुद्दीन

ADV। सुष्मिता राघव

 

 31

इलाहाबाद उत्तर

प्रयागराज

हर्ष बाजपेयी

संदीप यादव

संजय गोस्वामी

अनुग्रह नारायण सिंह

संजीव मिश्रा

 32

इलाहाबाद दक्षिण

प्रयागराज

नंद कुमार गुप्ता नंदी

रईश चन्द्र शुक्ला

देवेंद्र मिश्र नगरहा

अल्पना निषाद

डॉ अल्ताफ अहमद

 33

बारा

प्रयागराज

वाचस्पति (अपना दल एस)

अजय मुन्ना

डॉ शिव प्रकाश

मंजू संत

कनहिया लाल

 34

कोरांव

प्रयागराज

राजमणि कोल

रामदेव निडर

राजबली जैसल

रामकृपाल कोल

हरीश चंद्रा

 35

कुर्सी

बाराबंकी

साकेंद्र प्रताप वर्मा

राकेश वर्मा

कु मीता गौतम

श्रीमती उर्मिला पटेल

नीरज कुमार रावत

 36

रामनगर

बाराबंकी

शरद कुमार अवस्थी

फरीद महफूज किदवई

राम किशोर शुक्ला

ज्ञानेश शुक्ल

धरमवीर सिंह

 37

बाराबंकी

बाराबंकी

राजकुमारी मौर्य

धर्मराज सिंह

डॉ विवेक सिंह वर्मा

श्रीमती रूही अरशद

ई. प्रदीप सिंह वर्मा

 38

जैदपुर

बाराबंकी

अमरीश रावत

गौरव रावत

श्रीमती ऊषा सिंह गौतम

चित्रा वर्मा

 

भागीरथ गौतम

 39

दरियाबाद

बाराबंकी

सतीश चंद्र शर्मा

अरविंद सिंह गोप

जग प्रसाद रावत

 

 

 40

रुदौली

अयोध्या

राम चंद्र यादव

राजेंद्र चौधरी

अब्बास अली जैदी

दयानंद शुक्ला

 

 41

हैदरगढ़

बाराबंंकी

दिनेश रावत

राम मगन रावत

श्रीचन्द्र रावत

निर्मला चौधरी

 

 42

मिल्कीपुर

अयोध्या

बाबा गाेरखनाथ

अवधेश प्रसाद

संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी

श्रीमती नीलम कोरी

हर्षवर्द्धन

 43

बीकापुर

अयोध्या

डॉ अमित सिंह चौहान

आनंद सेन

सुनील कुमार पाठक

अखिलेश यादव

सुनील कुमार श्रीवास्तव

 44

अयोध्या

अयोध्या

वेद प्रकाश गुप्ता

पवन पांडेय

रवि प्रकाश मौर्या

श्रीमती रीता मौर्या

शुभम श्रीवास्तव

 45

गोसाईंगंज

अयोध्या

श्रीमती आरती तिवारी

अभय सिंह

राम सागर वर्मा

श्रीमती शारदा जायसवाल

आलोक द्विवेदी

 46

बलहा

बहराइच

श्रीमती सरोज सोनकर

श्रीमती ललिता हरेंद्र (sbsp)

राम चन्द्र प्रसाद

किरन भारती

 

 47

नानपारा

बहराइच

राम निवास वर्मा (अपना दल)

श्रीमती माधुरी वर्मा

हकीकत अली

डॉ अब्दुल मोहम्मद सिद्दीकी

तनवीर अफसर

 48

मटेरा

बहराइच

अरुण वीर सिंह

मारिया शाह

आकिल उल्ला खान

अली अकबर

 

 49

महसी

बहराइच

सुरेश्वर सिंह

केके ओझा

दिनेश कुमार शुक्ला

राजेश तिवारी

 

 50

बहराइच

बहराइच

श्रीमती अनुपमा जायसवाल

यासर शाह

नई अहमद खां

जय प्रकाश मिश्रा

रजत चौरसिया

 51

पयागपुर

बहराइच

सुभाष त्रिपाठी

मुकेश श्रीवास्तव

श्रीमती गीता मिश्रा

मेजर राणा शिवम सिंह

शनीश मनी मिश्रा

 52

कैसरगंज

बहराइच

गौरव वर्मा

आनंद यादव

बकाउल्लाह

श्रीमती गीता सिंह

 

 53

भिंगा

श्रावस्ती

पदम सेन चौधरी

इंद्राणी वर्मा

अलीमुद्दीन अहमद

श्रीमती गजाला चौधरी

सुनील कुमार चौधरी

 54

श्रावस्ती

श्रावस्ती

राम फेरन पांडेय

मोहम्मद असलम राईनी

श्रीमती नीतू मिश्रा

श्रीमती ज्योति वर्मा

 

 55

मेहनौन

गोंडा

विनय कुमार त्रिवेदी

नंदिता शुक्ला

शिव कुमार विश्वकर्मा

राजेश तिवारी

 

 56

गोंडा

गोंडा

प्रतीक भूषण सिंह

सूरज सिंह

हाजी मोहम्मद जकी

रमा कश्यप

 

 57


कटरा बाजार

गोंडा

बावन सिंह

बैजनाथ दुबे

विनोद कुमार शुक्ला

श्रीमती ताहिरा बेगम तवाज खान

विजय प्रकाश वर्मा

 58

करनैलगंज

गोंडा

अजय कुमार सिंह

योगेश प्रताप सिंह

रंजीत कुमार गोस्वामी

त्रिलोकी नाथ तिवारी

विशाल सिंह

 59

तरबगंज

गोंडा

प्रेम नारायण पांडेय

राम भजन चौबे

लालजी यादव

त्‍वरिता सिंह

 

 60

मनकापुर

गोंडा

रमापति शास्त्री

रमेश गौतम

श्याम नारायण

श्रीमती कमला सिसोदिया

संतोष तिवारी

 61

गौरा

गोंडा

प्रभात कुमार वर्मा

संजय सविता विद्यार्थी

श्रीमती निगार उस्मानी

सतेंद्र दुबे

संजय कुमार पाठक

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

सुमित
सुमित वीडियो जर्नलिस्ट के साथ -साथ समसामयिक मुद्दों पर लेखन भी करते हैं।

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