जब सही को सही कहने वाले और गलत को गलत मानने वाले गिनती के रह जाते हैं, तब यही गिनती के लोग फिर से इस कोशिश में जुट जाते हैं कि ऐसा सोचने-बोलने और करने वालों की जमात बढ़े। लोकतन्त्र और जनतन्त्र जैसे शब्दों का महत्व भी तो इसी के साथ है। फोरम4 इसी तरह की कोशिश में जुटे होने का एक नतीजा है। हम सब कुछ देखेंगे और जैसा देखेंगे सब सच-सच बता देंगे। कोशिश करेंगे कि छुपा हुआ सच भी बता ले जाएं। हम समाचार दिखाएंगे और विचार भी सामने रखेंगे मगर कुछ अलग अन्दाज में। मन भी टटोलेंगे और फन भी खोज लाएंगे। सब कुछ जायकेदार होगा मसालेदार नहीं। इसके अलावा जो आप बताएं वो हाल भी कहेंगे। मसलन कहीं कुछ अच्छा होता दिखे, कोई शिक्षा में तीर मार ले। कभी अपना ही मन कॉलेज कैंपस में खो जाये या फिर कोई दिल किसी की याद में कुछ कह जाये। आप साझा कीजिए हम उन्हें शब्द देंगे। कहने को तो यही है ज्यादा जानने के लिए फोरम4 पर आइए।