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तीसरे चरण की 59 सीटों पर क्यों है दिलचस्प मुकाबला, जानिये विस्तार से सभी सीटों पर गुणा-गणित

20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होंगे. पहले और दूसरे चरण के चुनाव की तरह तीसरे चरण के चुनाव में पश्चिमी यूपी का भी कुछ इलाका है. इसके साथ ही कुछ अवध का और कुछ बुंदेलखंड का इलाके शामिल हैं. यानी यूपी का रण अब जाटलैंड (पहले चरण) और मुस्लिम बेल्ट (दूसरे चरण) से परिवर्तित होकर यादवलैंड और बुंदेलखंड में पहुंच गया है, इसलिए चुनावी भाषणों का राग-रंग भी बदला नजर आने लगा है. तीसरे चरण का चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इनमें से 9 यादव बहुल इलाके हैं. इनमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा और एटा जैसे जिले शामिल हैं और ये समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाते हैं, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी गठबंधन ने 59 में से 49 सीटों पर कब्जा किया था. सपा के कब्जे में 8 सीटे आई थीं वहीं बसपा और कांग्रेस के खाते में 1-1 सीट आई थीं.

2017 के विधान सभा चुनाव में 30 यादव बहुल सीटों के बाजवूद एसपी सिर्फ 6 सीटें जीत पाई थी. सत्ता में रहते हुए ये समाजवादी पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन था.

वो सीटें जो हैं काफी खास

मैनपुरी का करहल विधान सभा क्षेत्र है जहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं. इस हॉट सीट पर अखिलेश यादव का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल से है जो केंद्र में मंत्री रहते हुए इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

शिवपाल यादव (मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई) इटावा के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किये हैं. फार्रुखाबाद सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद कांग्रेस से चुनाव लड़ रही हैं. एक समय था जब बसपा का ब्राह्मण चेहरा रामवीर उपाध्याय रहे और अब इन्हें बीजेपी ने सादाबाद सीटे से टिकट दिया है.

वहीं कानपुर की महाराजपुर सीट पर योगी सरकार के मंत्री सतीश महाना की साख दांव पर लगी है.

इसके अलावा कन्नौज सुरक्षित सीट पर आईपीएस की नौकरी छोड़कर सियासी पिच पर बीजेपी प्रत्याशी के रूप में असीम अरुण भी मैदान में हैं. जबकि सिरसागंज सीट पर मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं .

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इन 16 जिलों में होने हैं मतदान

इस चरण में बुंदेलखंड के झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा की 13 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

वहीं, यूपी के अवध क्षेत्र के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रूखाबाद, कन्नौज और इटावा की कुल 27 सीटों के लिए इस बार मतदान होगा.

इसके साथ ही पश्चिमी यूपी के फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस के मतदाता भी 19 सीट के लिए वोट डालेंगे.

मतदाता सूची के अनुसार तीसरे चरण में कुल 2,15,75,430 (दो करोड़ पन्द्रह लाख पचहत्तर हजार चार सौ तीस) मतदाता हैं। इसमें 1,16,12,010 पुरुष मतदाता, 99,62,324 महिला मतदाता तथा 1,096 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया गया है।

हाथरस कांड है प्रमुख चुनावी मुद्दा

हाथरस में भी इसी चरण में मतदान होने हैं ये विधानसभा क्षेत्र इसलिए भी काफी ज़्यादा चर्चा में है क्योंकि यहां पर दलित लड़की से अमानवीय व्यवहार के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा, जिसके बाद लड़की का शव भी परिजनों की अनुमति के बिना ही पुलिस ने रातों रात जला दिये थे. हाथरस कांड के अलावा कानपुर के गुटखा कारोबारी पीयूष जैन का मामला को भी बीजेपी ने मुद्दा बनाया है.

अखिलेश यादव मतदाताओं के जेहन में हाथरस के मसले को जिंदा रखने के लिए हर महीने ‘हाथरस की बेटी स्मृति दिवस’ मना रहे हैं.

इसके अलावा इत्र नगरी कन्नौज पर छापेमारी को सपा एक बड़ा मुद्दा बनाया था और कन्नौज के बदनाम करने का आरोप अखिलेश बीजेपी पर लगाते रहे हैं.

वहीं, बिकरू कांड वाला इलाका में भी इसी चरण में मतदान है. विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर और उसके एक सहयोगी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को जेल भेजा जाना यहां मुद्दा बना हुआ है. खुशी दुबे को अभी तक जेल में रखने को विपक्ष ब्राह्मणों के साथ अन्याय बता रही है तो कांग्रेस ने खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को कल्याणपुर से चुनाव में उतार दिया है.

तीसरे चरण 10 जगह जहां विपक्ष खाता भी नहीं खोल पाया

तीसरे चरण के 16 में से 10 जिलों में बीजेपी ने किसी का खाता नहीं खुलने दिया था, इनमें शामिल हैं-

बुंदेलखंड के 5 जिले शामिल (सपा 32 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी)

यादव बेल्ट के कासगंज की 3 सीटें और तीनों बीजेपी के खाते में गई.

हाथरस की तीनों सीटों पर बीजेपी जीत दर्ज की थी.

एटा की चारों सीटें बीजेपी ने जीती

फरुर्खाबाद की चारों सीटें बीजेपी को मिली

औरैया जिले की तीनों सीट, कानपुर देहात की सभी चारों सीटें बीजेपी ने जीती.

वहीं, बुंदेलखंड के जालौन जिले की तीनों सीटें, हमीरपुर की दोनों सीटें, महोबा की दोनों सीटें, झांसी की चारों सीटें और ललितपुर में दोनों सीटें बीजेपी ने जीती थी.

वहीं, फिरोजाबाद की पांच में से चार सीटें बीजेपी और एक सीट सपा को मिली थी. ऐसे ही मैनपुरी की चार सीटों में से तीन सीटें सपा और एक सीट बीजेपी को मिली थी. कन्नौज जिले की तीन सीटों में से दो बीजेपी और एक सपा को मिली. इटावा की तीन सीट में से 2 बीजेपी और एक सपा ने जीती थी. वहीं, कानपुर नगर की 10 सीटों में से 7 बीजेपी, 2 सपा और एक कांग्रेस ने जीता था.

आइये विस्तार से जानते हैं इस चरण की कुछ खास सीटों के बारे में

  1. करहल

बात करते हैं 2022 के चुनाव की सबसे अहम और हाई प्रोफाइल सीटों में से एक करहल सीट की. मुलायम सिंह यादव भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं और अब उनके बेटे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.

अखिलेश का यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा. करहल मुलायम सिंह यादव के लिए काफी खास मानी जाती है, क्योंकि यही वो जगह है जहां से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. इस सीट को मुलायम सिंह यादव का गढ़ कहा और माना जाता है. वैसे तो सैफई भी मुलायम सिंह का गढ़ मानी जाती है,  

मैनपुरी, भोगांव, किसनी और करहल ये 4 विधानसभा सीटें मैनपुरी जिले में आती है. अब अगर मैनपुरी जिले के जातीय समीकरण की बात करें तो करहल में सर्वाधिक 1.35 लाख यादव वोटर, 18000 बघेल, 35000 शाक्य, 12000 लोधी, 18000 मुस्लिम, 18000 ब्राह्मण, 25000 दलित वोटर हैं. साल 2017 के चुनाव में इस सीट पर सपा के सोबरन सिंह यादव ने बीजेपी की रमा शाक्य को हराकर जीत दर्ज की थी.

करहल में कांग्रेस सिर्फ एक बार 1980 में चुनाव जीती और यही हाल बीजेपी का था. बीजेपी भी सिर्फ एक बार साल 2002 में यहां से चुनाव जीती और वह भी सोबरन सिंह यादव ने यहां से बीजेपी का खाता खोला. वहीं, सोबरन सिंह यादव जिन्होंने 2017 में सपा के टिकट से चुनाव जीता और अब 2022 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए अपनी सीट छोड़ दी है.

बीजेपी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ताल ठोक रहे हैं. बीजेपी ने इस बार एसपी बघेल पर करहल सीट से  दांव लगा कर सबको चौंका दिया, अखिलेश और एसपी सिंह बघेल हैं आमने-सामने बता दे कि एसपी सिंह बघेल वह शख्स हैं जो कभी मुलायम सिंह यादव के पीएसओ हुआ करते थे, जिनको मुलायम सिंह यादव ने ही राजनीति के गुर सिखाए थे और पहली बार चुनाव लड़वाया और जितवाया भी था.

मुलायम सिंह के लिए ये सीट हर मायने मे अहम हो जाती है एक तरफ बेटा है तो दूसरी तरफ सामने उनके ही पुराने शिष्य. देखना दिलचस्प होगा जनता किस पर भरोसा दिखाती है.

करहल में बसपा प्रत्याशी दीपक पेंटर मैदान में हैं जबकि काग्रेस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है.

 

  1. सिकंदराऊ

सिकंदराऊ हाथरस जिले की 3 विधानसभा सीटों में से एक है. सिकंदराऊ से मौजूदा विधायक बीजेपी बीरेन्द्र सिंह राना हैं. 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के बीरेंद्र सिंह राणा ने बहुजन समाज पार्टी के बानी सिंह बघेल को 14772 मतों के अंतर से हराकर सीट जीती थी।

यहाँ आयोजित एक जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सिकंदराराऊ के क्रीड़ा मैदान में चुनावी सभा में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में जो जितना बड़ा नेता है वह इतना बड़ा झूठ बोलता है। भाजपा के नेता आज प्रदेश में माफिया और गुंडाराज खत्म होने की बात कहते हैं लेकिन यह सरासर गलत है।

इस बार भी बीजेपी के बीरेन्द्र सिंह राणा यहां से उम्मीदवार हैं . इनके खिलाफ सपा ने ललिता प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं कांग्रेस से डॉ छवि वार्षेण्य मैदान में हैं. जबकि बसपा से ठाकुर अवधेश कुमार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं.

 

  1. हाथरस

हाथरस अपनी हींग के लिए दुनिया भर में मशहूर है लेकिन इसके अलावा हाथरस पिछले कुछ दिनों में सुर्ख़ियों में बना रहा, वजह थी हाथरस रेप कांड.

हाथरस रेप कांड से कौन वाकिफ नहीं है, इस कांड ने योगी सरकार और पुलिस तंत्र को सवालों के बीच खड़ा कर दिया. ये कांड इस चुनाव में बेहद अहम भूमिका निभा रहा है और बीजेपी को बैकफुट पर धकेलने का काम कर रहा है. हाथरस कांड की मुख्य पीड़िता का पुलिस ने आधी रात को अंतिम संस्कार उसके परिवार की बिना मौजूदगी में कर दिया था .

आज भी विपक्ष बीजेपी को उस घटना के आरोपियों को बचाने के आरोप लगा कर घेरता नजर आता है.

यहां पर आवारा पशुओं का मामला भी चुनावों का मुख्य मुद्दा है. अखिलेश यादव ने कहा कि यदि प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो जिन लोगों की मौत आवारा गोवंश की वजह से हुई है. उनके आश्रितों को आर्थिक मदद दी जाएगी. हाल ही में हाथरस में आवारा गोवंश की वजह से किसान की मौत का भी जिक्र किया.

अखिलेश यादव ने हाथरस में हींग के कारोबार को बढ़ावा देने की भी बात कही और बताया कि हींग की विदेशों में सप्लाई हो सके, इसकी भी कोशिश की जायेगी.

उत्तर प्रदेश के हाथरस विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने आगरा की अंजुला सिंह माहौर को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी से वहाँ पर लगातार उनका विरोध हो रहा है उन पर बाहरी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं और विरोध प्रदर्शन भी किए गए

यहां से समाजवादी पार्टी ने बृजमोहन को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने कुलदीप कुमार सिंह को टिकट दिया है

  1. कासगंज

कासगंज को मंदिरों का शहर कहा जाता है, लेकिन हाल फिलहाल में कासगंज और 1 और वजह से सुर्ख़ियों मे था. दरअसल पिछले साल 9 नवंबर को कासगंज पुलिस की हिरासत में अल्ताफ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसकी मौत को आत्महत्या बताया था. इसके साथ पुलिस ने बताया था कि उसने लॉकअप के टॉयलेट में अपने हुड के नाड़े का गले में फंदा बनाकर तीन फीट ऊंचाई पर स्थित पानी के प्लास्टिक पाइप से लटककर आत्महत्या कर ली थी. जबकि मृतक के पिता ने पुलिस पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था.

लेकिन कासगंज एक और वजह से आजकल चर्चा में है यहां के लोग मानते हैं कि कासगंज शहर सीट से जो भी पार्टी जीत हासिल करती है वही यूपी की सत्‍ता पर काबिज हो जाती है. हैरानी की बात है कि यहां कभी किसी दल का एकछत्र राज नहीं रहा है. 2012 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था और सरकार भी बनी थी. सपा के मनपाल सिंह वर्मा ने बसपा के शेरवानी को पटखनी दी थी. वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव में देवेंद्र सिंह राजपूत ने भारतीय जनता पार्टी को सीट दिलाने में कामयाबी हासिल की और सूबे में भाजपा सरकार बनाने में सफल रही. भाजपा ने सपा प्रत्‍याशी मनपाल सिंह को हराया था.स्थानीय लोगों का कहना है कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने कासगंज सीट पर कब्‍जा किया और मायावती को सीएम बनने का मौका मिला था. उस वक्‍त बसपा के हसरत उल्लाह शेरवानी ने जीत हासिल की थी.

कासगंज में 25 फीसद लोधी राजपूत हैं. इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है. इस बार बीजेपी से देवेन्द्र सिंह लोधी और समाजवादी पार्टी से मानपाल सिंह मैदान में हैं और कांग्रेस ने कुलदीप पांडे को उम्मीदवार बनाया है. जबकि बसपा से प्रभु दयाल सिंह राजपूत मैदान में हैं.

  1. फिरोजाबाद

फिरोजाबाद जिला पूरी दुनिया में अपनी चूडिय़ों और कांच के कारोबार के लिए मशहूर है  यहां की जनसंख्या की बात करे तो मुस्लिम और हिन्दू राजपूत यहां पर बहुमत में है. 2017 में, यह निर्वाचन क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी द्वारा जीता गया था. फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश राज्य के फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत आता है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी के मनीष असिजा ने समाजवादी पार्टी के अजीम भाई को 41727 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी.

यहां से बीजेपी के मनीष असीजा मैदान में हैं और समाजवादी पार्टी के सफ़ीउर रहमान हैं बसपा से साजिया हसन और कांग्रेस से संदीप तिवारी मैदान में हैं.

  1. ऐटा

एटा उत्तर प्रदेश का एक विधानसभा क्षेत्र है. 2017 में, यह निर्वाचन क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी द्वारा जीता गया था.

2017 में भारतीय जनता पार्टी के विपिन कुमार डेविड ने समाजवादी पार्टी के जुगेंद्र सिंह यादव को 21129 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी.

कांग्रेस ने विस चुनाव 2022 के लिए एटा सदर विधानसभा पर गुंजन मिश्रा को प्रत्याशी घोषित किया है। वह यहां कांग्रेस का पहला महिला चेहरा बनी हैं. इससे पहले पार्टी ने कभी किसी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया. इस विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जो घोषणाएं कीं, “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” अभियान के अंतर्गत उनको टिकट दिया है

बीजेपी ने मौजूदा विधायक विपिन कुमार डेविड को इस बार भी नामांकित किया है. समाजवादी पार्टी ने जुगेंद्र सिंह यादव मैदान में हैं, जबकि बसपा ने अजय यादव को और कांग्रेस ने गुंजन मिश्रा को अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है.

 

 

  1. मैनपुरी

मैनपुरी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेशके  मैनपुरी जिले में आती है. मैनपुरी की भोगांव सीट से रामनरेश अग्निहोत्री का नाम दिया है. मौजूदा वक्त में रामनरेश अग्निहोत्री उसी सीट से भाजपा के सिटिंग विधायक हैं और उत्तर प्रदेश कैबिनेट में आबकारी मंत्री का पदभार ग्रहण किए हुए हैं. मैनपुरी की सदर सीट से भाजपा ने जयवीर सिंह को अपना रहनुमा बनाया है. जयवीर सिंह की गिनती फिरोजाबाद के कद्दावर नेताओं में की जाती है. जयवीर सिंह बसपा सरकार में मंत्री रहे है और अब बीजेपी के साथ हैं

किशनी सीट से भाजपा ने प्रियरंजन आशु दिवाकर पर दांव लगाया है. आशु दिवाकर भाजपा के ही टिकट पर 2007 में भी इसी सीट से जोर आजमाइश कर चुके है. हांलाकि उस वक्त सफलता हाथ नहीं लगी थी.

करहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपना प्रत्याशी संजय सिंह बघेल को बनाया है. करहल से ही उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी से टक्कर देंगे. काग्रेस ने करहल से किसी को टिकट नहीं दिया है

  1. कन्नौज

कन्नौज अपने इत्र और परफ्यूम के लिए काफी मशहूर है,

कन्नौज को भारत का परफ्यूम कैपिटल कहे तो गलत नहीं लेकिन पिछले दिनों कन्नौज सिर्फ अपने इत्र, परफ्यूम के लिए ही नहीं बल्कि अपने उत्पाद और निर्यातक की वजह से भी चर्चा में बना हुआ था.

कारण था कानपुर के कन्नौज के एक व्यापारी के घर से 200 करोड़ की नकद राशि का मिलना, जब ईडी ने उसके घर पर छापेमारी की तो सब हैरान रह गए. जिसके बाद उस व्यापारी के कई राजनीतिक पार्टियों से भी संबंध के आरोप लगे.    

कन्नौज उत्तर प्रदेश का एक विधानसभा क्षेत्र है. 2017 में, इस निर्वाचन क्षेत्र को समाजवादी पार्टी ने जीता था.  2017 में समाजवादी पार्टी के अनिल कुमार डोहरे ने भारतीय जनता पार्टी के बनवारी लाल दोहरे को 2454 वोटों के अंतर से हराया था.

इस बार असीम वरुण भाजपा से जबकि अनिल कुमार सपा से चुनावी मैदान में हैं, जबकि बसपा से समरजीत सिंह और कांग्रेस से विनीता देवी प्रत्याशी हैं.

 

  1. हमीरपुर और राठ

पिछले विधानसभा चुनाव में हमीरपुर की जनता ने बीजेपी को एकतरफा जीत दी थी. बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जिले की दोनों विधानसभा सीटों हमीरपुर औऱ राठ पर कब्जा जमाया था. बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला हमीरपुर जिला सियासी मायनों से बीजेपी के लिए काफी खास है. बीजेपी के दोनों उम्मीदवार बड़े अंतर से चुनाव जीते थे. यहां से बीजेपी की मनीषा अनुरागी ने 1,04,643 वोटों के विशाल अंतर से राठ विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी.

हमीरपुर जिला उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट धाम मंडल का एक हिस्सा है. 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की आबादी 1,042,374 है.

2011 की जनगणना के ही मुताबिक, महोबा और चित्रकूट के बाद उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है हमीरपुर.

 

हमीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के अशोक चंदेल ने 2017 में जीत हासिल की थी. इन्होंने एसपी के मनोज कुमार प्रजापति को 48,655 वोटों से मात दी थी. आपको बता दें कि हमीरपुर में हुए सामूहिक हत्याकांड में हाईकोर्ट ने विधायक अशोक चंदेल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद अशोक चंदेल की विधायकी खत्म हो गई गई थी.

हमीरपुर में अवैध रेत खनन एक बड़ा मुद्दा है,हमीरपुर में बेतवा नदी से बालू का जमकर अवैध खनन होता है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद इस ओर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, ट्रकों में बालू की ओवरलोडिंग होने की वजह से जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसके कारण कानपुर-सागर मार्ग पर लंबा जाम लगता है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

हमीरपुर में रेल सफर करने के लिए लोगों को 15 किलोमीटर दूर सुमेरपुर रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है. इस समस्या के निस्तारण के लिए शहर वासी काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं.

इस बार यहां से बीजेपी के मनोज प्रजापति मैदान में हैं और समाजवादी पार्टी के राम प्रकाश प्रजापति हैं

कांग्रेस ने हमीरपुर सदर सीट से पूर्व विधायक सामूहिक हत्याकांड में सजायफ्ता अशोक सिंह चंदेल की पत्नी को भी प्रत्याशी बनाया है. और राठ सीट से कमलेश को उतारा है.

 

तीसरे चरण के चुनाव के लिए 16 जिलों के 59 विधानसीटों पर सभी मुख्य उम्मीदवारों की सूची देखिये-

 

विधानसभा क्षेत्र

जिला

भाजपा

सपा

बसपा

कांग्रेस

आम आदमी पार्टी

 1

हाथरस

हाथरस 

अंजुला माहोर

बृजमोहन

संजीव कुमार काका

कुलदीप कुमार सिंह

किशन सिंह परवा

 2

सादाबाद  

 हाथरस 

रामवीर उपाध्याय

प्रदीप चौधरी गुड्डू

डा. अवीन शर्मा

मथुरा प्रसाद कुशवाहा

 

 3

सिकन्दराराऊ

 हाथरस 

बीरेंद्र सिंह राणा

श्री ललिता प्रसाद

ठाकुर अवधेश कुमार सिंह

श्रीमती डॉ छवि वाष्णेय

सरेश बघेल

 4

टुंडला     

फिरोजाबाद  

प्रेमपाल सिंह धनगर

राकेश बाबू  

 अमर सिंह जाटव

योगेश दिवाकर

बबलू सिंह कठेरिया 

 5

जसराना      

 फिरोजाबाद

मानवेंद्र सिंह लोधी

सचिन यादव 

सुर्या प्रताप सिंह

विजय नाथ सिंह वर्मा

 

 6

फिरोजाबाद                      

 फिरोजाबाद 

मनीष असीजा

सैफुर्रहमान

साजिया हसन

संदीप तिवारी

नीतू सिंह सिशोदिया

 7

शिकोहाबाद       

 फिरोजाबाद  

ओम प्रकाश वर्मा निषाद

मुकेश वर्मा  

 अनील कुमार यादव

 शशि शर्मा

शीलेंद्र वर्मा

 8

सिरसागंज        

फिरोजाबाद 

हरिओम यादव

 सर्वेश सिंह 

पंकज मिश्रा

 प्रतिमा पाल  

टोपी अमित चौहान

 9

कासगंज      

 कासगंज

देवेंद्र सिंह लोधी

मानपाल सिंह

प्रभु दयाल सिंह राजपूत

कुलदीप पांडेय

मनपाल सिंह कश्यप

10

अमांपुर      

 कासगंज 

 हरिओम वर्मा

सत्यभान सिंह शाक्य

 सुभाष चंद्र शाक्य

श्रीमती दिव्या शर्मा

मनोज राजपूत

11

पटियाली           

कासगंज  

ममतेश शाक्य    

श्रीमती नादिरा सुल्तान

 नीरज मिश्रा

मोहम्मद इमरान अली

यूसुफ पठान

12

अलीगंज   

 एटा 

सत्यपाल सिंह राठौर

रामेश्वर सिंह यादव

 सऊद अली खान

सुभाष चंद्र वर्मा  

राहुल पाठक

13

एटा       

एटा

विपिन वर्मा डेविड

जुगेंद्र सिंह यादव

 अजय सिंह यादव

गुंजन मिश्रा 

उगेशकांत प्रतिहार

14

मढ़ाना    

 एटा 

वीरेंद्र वर्मा

अमित गौरव टीटू

योगेश कुमार शाक्य 

श्रीमती तारा राजपूत

अर्जुन सिंह यादव

15

जलेसर   

    एटा  

संजीव कुमार दिवाकर

रणजीत सुमन  

 आकाश सिंह जाटव

श्रीमती नीलिमा राज

 

16

मैनपुरी       

मैनपुरी 

जयवीर सिंह  

राजकुमार उर्फ राजू यादव

 गौरव नंद सविता

विनीता शाक्य    

 

17

भोगांव       

 मैनपुरी 

राम नरेश अग्निहोत्री

आलोक शाक्य  

 अशोक सिंह चौहान

श्रीमती ममता राजपूत

संतोष कुमार श्रीवास्तव

18

किशनी        

मैनपुरी

डॉ प्रियारंजन आशु दिवाकर

बृजेश कठेरिया

प्रभु दयाल जाटव 

डॉ विनय नारायण सिंह

पप्पू कटेरिया

19

करहल              

 मैनपुरी 

एसपी सिंह बघेल

अखिलेश यादव 

 कुलदीप नारायन

 …….

 

20

कायमगंज           

 फर्रुखाबाद

डॉ सुरभि (अपना दल)

सर्वेश अंबेडकर

दुर्गा प्रसाद 

शकुंतला देवी

प्रशांत कुमार

21

अमृतपुर              

 फर्रुखाबाद 

सुशील कुमार शाक्य

जितेंद्र यादव

 अमित कुमार सिंह

शुभम तिवारी

 

22

फर्रुखाबाद   

फर्रुखाबाद  

मेजर सुनील दत्त द्विवेदी

सुश्री सुमन मौर्य

 विजय कुमार कटियार

लुईस खुर्शीद    

नीरज कुमार

23

भोजपुर   

फर्रुखाबाद

नागेंद्र सिंह राठौर

अरशद जमाल

 प्रत्याशी आलोक वर्मा

श्रीमती अर्चना राठौड़

राहुल यादव

24

छिबरामऊ       

कन्नौज 

अर्चना पांडेय 

अरविंद यादव        

वहीदा बानो जुही

विजय कुमार मिश्रा

डॉ चंद्रकांत यादव

25

तिरवा        

 कन्नौज

कैलाश सिंह राजपूत

अनिल कुमार पाल

 अजय कुमार वर्मा

श्रीमती नीलिमा शाक्य

 

26

कन्नौज   

कन्नौज

असीम अरुण

अनिल कुुमार 

समरजीत सिंह दौहारे

श्रीमती विनीता देवी

 

27

जसवंतनगर        

   इटावा

 विवेक शाक्य

शिवपाल सिंह यादव

 ब्रजेंद्र प्रताप सिंह

 ……..

ज्ञानेश कुमार

28

इटावा          

इटावा 

सरिता भदौरिया

सर्वेश शाक्य

 कुलदीप गुप्ता

मोहम्मद राशिद

डॉ शिवप्रताप सिंह राजपूत

29

भरथना      

इटावा  

डॉ सिद्धार्थ शंकर दोहरे

राघवेंद्र कुमार सिंह

 कमलेश अंबेडकर

श्रीमती स्नेहलता दोहरे

सत्यनारायण धोरे

30

बिधूना     

 औरैया  

 रिया शाक्य  

प्रदीप कुमार यादव

 गौरव रघुवंशी

श्रीमती सुमन व्यास

जितेंद्र सिंह सेंगर

31

दिबियापुर       

औरैया

लखन सिंह राजपूत

प्रदीप यादव 

 अरुन कुमार दुबे

मनोज कुमार पाल

अंकिता यादव

32

औरैया        

 औरैया

श्रीमती गुड़िया कठेरिया

जितेंद्र दोहरे

 रवि शाश्त्री दौहारे

सरिता दोहरे  

 

33

रसूलाबाद      

कानपुर देहात 

श्रीमती पूनम संखवार

कमलेश चन्द्र दिवाकर

 सीमा संखवार

श्रीमती मनोरमा शंखवार

 

34

अकबरपुर     

कानपुर देहात

प्रतिभा शुक्ला

आरपी कुशवाहा

 वीनोद पाल

अमरीश सिंह गौड़

विशेष यादव

35

सिकंदरा        

कानपुर देहात

अजीत पाल    

प्रभाकर पांडेय

 लाल जी शुक्ला

नरेश कटियार

 

36

भोगिनीपुर       

 कानपुर देहात 

राकेश सचान

नरेंद्र पाल सिंह

 जुनैद खान

गोविंद निषाद    

आशुतोष पाण्डेय

37

बिल्हौर      

 कानपुर नगर 

राहुल बच्चा सोनकर

श्रीमती रचना सिंह

 मधु सिंह गौतम

उषा रानी कोरी

सतेंद्र कोरीक

38

बिठूर       

कानपुर नगर 

अभिजीत सांगा 

मुनेंद्र शुक्ला

 रमेश सिह यादव

अशोक कुमार निषाद

सोम पाली

39

कल्याणपुर        
 

कानपुर नगर

नीलिमा कटियार    

सतीश कुमार निगम

 अरुण कुमार मिश्रा

श्रीमती नेेहा तिवारी

अरुण कुमार श्रीवास्तव

40

गोविंद नगर  

कानपुर नगर 

सुरेंद्र मैथानी

सम्राट विकास

अशोक कुमार कालीया

श्रीमती करिश्मा ठाकुर

चिंटू फौजी

41

सीसामऊ     

कानपुर नगर  

सलिल विश्नोई

हाजी इरफान सोलंकी

 रजनीश तिवारी

हाजी सुहैल अहमद

सुनील बाबू

42

आर्यनगर       

कानपुर नगर

सुरेश अवस्थी

अमिताभ बाजपेई

 डॉ. आदित्य जायसवाल

प्रमोद कुमार जायसवाल

अनुज शुक्ला

43

किदवई नगर      

कानपुर नगर

महेश त्रिवेदी

ममता तिवारी

 मोहन मिश्रा

अजय कपूर

विवेक द्विवेदी

44

कानपुर कैंटोन्मेंट 

 कानपुर नगर

रघुनंदन भदौरिया

मोहम्मद हसन रूमी

 मौ. सफी खान

सोहैल अख्तर अंसारी

 

45

महाराजपुरी     

 कानपुर नगर

सतीश महाना

फतेहबहादुर सिंह गिल

सुरेंद्रपाल सिंह चौहान

कनिष्क पांडेय

उमेश यादव

46

घाटमपुर      

 कानपुर नगर

श्रीमती सरोज कुरील (अपना दल)

भगवती सागर  

 प्रशांत अहीऱवार

राज नारायण कुरील

संजय़ पाल

47

माधोगढ़      

जालौन

मूलचंद्र निरंजन

राघवेंद्र प्रताप सिंह

 शीतल कुशवाहा

सिद्धार्थ देवोलिया

 

48

कालपी   

जालौन 

छोटे सिंह (निषाद पार्टी)

विनोद चतुर्वेदी

 श्याम पाल ऊर्फ चुन्ना पाल

उमाकांति

सौरभ सिंह

49

उरई      

जालौन

गौरी शंकर वर्मा

महेंद्र कठेरिया

 सुरेंद्रप्रताप अहीरवार

उर्मिला सोनकर  

दीपशिखा

50

बबीना         

झांसी

राजीव पारीछा 

यशपाल यादव

 दशऱथ सिंह राजपुत

चंद्रशेखर तिवारी

 

51

झांसी नगर    

झांसी  

रवि शर्मा

सीताराम कुशवाहा

 कैलाश साहु

राहुल रिछरिया

बीएल भास्कर

52

मऊरानी पुर       

झांसी

डॉ रश्मि आर्य

तिलक चंद अहिरवार

 रोहीत रतन अहीरवार

भगवान दास कोरी

 

53

गरौठा      

झांसी

 जवाहर राजपूत


दीपनारायण सिंह

 वीर सिंह गुर्जर

श्रीमती नेहा संजीव निरंजन

पुष्पेंद्र सिंह लोढ़ा

54

ललितपुर      

ललितपुर 

राम रतन कुशवाहा

रमेश प्रसाद

 चंद्रभूषण सिंह बुंदेला

बलवंत एस लोधी

 

55

महरौनी        

ललितपुर

मनोहर लाल मन्नू कोरी

फेरन लाल अहिरवार

 किरण

बृजलाल खाबरी

 

56

हमीरपुर        

हमीरपुर

मनोज प्रजापति    

राम प्रकाश प्रजापति

 राम फुल नीषाद

श्रीमती राजकुमारी

 

57

राठ       

हमीरपुर

 मनीषा अनुरागी

सुश्री चंद्रवती

 प्रसन्न भूषण अहीरवार

कमलेश कुमार सिंह

 

58

महोबा       

महोबा

राकेश गोस्वामी

मनोज तिवारी 

संजय कु. साहू

 सागर सिंह

महेश कुमार सोनी

59

चरखारी      

महोबा

बृजभूषण राजपूत

अजेंद्र सिंह राजपूत

 विनोद कुमार राजपूत

निर्दोष दीक्षित

प्रेम नारायण राजपूत

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

सुमित
सुमित वीडियो जर्नलिस्ट के साथ -साथ समसामयिक मुद्दों पर लेखन भी करते हैं।

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