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पहले चरण की 58 सीटों में से इन 5 सीटों पर है सबकी नजर, जानिये सभी सीटों का गुणा- गणित

तस्वीर- गूगल साभार

उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने हैं. ये मतदान 7 चरणों में होंगे, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान की तारीख तय है.

पहले चरण को लेकर मतदान से 2 दिन पहले मंगलवार को शाम छह बजे प्रचार थम गया. इस चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर 623 उम्मीदवार मैदान में हैं. तीनों कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले किसान आंदोलन का गढ़ पश्चिमी यूपी रहा है. राकेश टिकैत भी मुजफ्फरनगर के सिसौली से आते हैं. पश्चिमी यूपी से चुनाव शुरू होने से किसानों की नाराजगी का बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है. इस बार सबसे दिलचस्प यह है कि विपक्ष में सपा और आरएलडी का गठबंधन जिसकी वजह से बीजेपी के लिए इसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. जिन 58 सीटों पर इस चरण में मतदान हो रहे हैं उनमें से 54 सीटों पर यानी लगभग 90 फीसद सीटों पर अभी बीजेपी का कब्जा है. सपा और बसपा के खाते में 2-2 सीटें आई थी. एक सीट आरएलडी ने जीती थी. जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. 2017 में आरएलडी अकेले चुनाव लड़ी थी जबकि सपा और कांग्रेस ने मिलकर एक साथ चुनाव लड़ा था. इस बार कांग्रेस और बसपा अकेले चुनाव लड़ रही हैं.

बीजेपी की सीटों में 3 बसपा से लड़े उम्मीदवार भी हैं

बीजेपी ने तीन ऐसे उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था. इनमें खैरागढ़ से भगवान सिंह कुशवाहा, बरौली से ठाकुर जयवीर सिंह और एत्मादपुर से डॉक्टर धर्मपाल सिंह शामिल हैं.

सपा-रालोद ने 58 में 43 नये उम्मीदवार उतारे हैं

पहले चरण की 58 में से 29 सीटों पर आरएलडी, 28 पर सपा और एक सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही हैं. सपा-आरएलडी ने 58 में से 43 विधानसभा सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे हैं. इन 43 उम्मीदवारों ने 2017 का चुनाव न तो सपा के टिकट पर लड़ा था और न ही राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर. अनूपशहर विधानसभा सीट एनसीपी को दी गई है, जहां से केके शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं.

बसपा 58 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है

बसपा अकेले सभी 58 सीटों पर चुनावी मैदान में है. 2017 विधानसभा चुनाव जीतने वाले दो उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी की 56 सीटों पर बसपा ने नए उम्मीदवारों को उतारा है. इन दो उम्मीदवारों में मांट सीट पर श्याम सुंदर शर्मा और गोवर्धन सीट से राजकुमार रावत शामिल हैं. 58 में से पहले चरण की 30 सीटें ऐसी हैं, जहां 2017 के चुनाव में बसपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक उम्मीदवार ही इस बार मैदान में है.

कांग्रेस ने 53 नये उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं

कांग्रेस ने 58 में 53 नये उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इनमें से पांच उम्मीदवार ऐसे हैं जो पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए थे. इनमें पुरकाजी सीट से दीपक कुमार, कोइल से विवेक बंसल, मथुरा से प्रदीप माथुर, बलदेव से विनेश कुमार और आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से उपेंद्र सिंह शामिल हैं. हालांकि, 2017 में सपा के साथ गठबंधन होने के चलते कांग्रेस 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी.

बीजेपी के इन मंत्रियों की साख दांव पर है

पहले चरण में यूपी में बीजेपी सरकार के 9 मंत्री सहित बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. इनमें गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग, शामली के थाना भवन सीट से मंत्री सुरेश राणा, मथुरा सीट से मंत्री श्रीकांत शर्मा, अतरौली सीट से राज्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह, शिकारपुर सीट से अनिल शर्मा, मुजफ्फरनगर सीट से मंत्री कपिल देव अग्रवाल, हस्तिनापुर से दिनेश खटिक, आगरा छावनी से डॉ. जीएस धर्मेश और छाता सीट से चौधरी लक्ष्मी नारायण शामिल है. जबकि इसके अलावा आगरा ग्रामीण सीट से बेबीरानी मौर्य, सरधना सीट से संगीत सोम, लोनी सीट से नंदकिशोर गुर्जर और नोएडा सीट से राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह की चुनौती है.

विपक्ष के ये उम्मीदवार सीधे निगाहों में हैं

सपा-रालोद गठबंधन के कई दिग्गज नेताओं की अग्निपरीक्षा पहले चरण में होनी है. चरथावल सीट पर सपा के पंकज मलिक, किठौर सीट पर पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर, सरधना सीट पर अतुल प्रधान मैदान में हैं तो आरएलडी से जेवर सीट पर अवतार भड़ाना, लोनी सीट पर मदन भैया, सिवालखास गुलाम मोहम्मद चुनाव लड़े रहे हैं. गढ़मुक्तेश्वर सीट पर मदन चौहान, मांट सीट पर श्याम सुंदर शर्मा की किस्मत का फैसला होना है.

58 सीटों में से कुछ सीटें हाल फिलहाल में काफी ज़्यादा चर्चा में रहीं हैं और कुछ ऐसी हैं जिन पर आने वाले समय में भी सब की नज़रें टिकी रहेंगी. इनके बारे में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में एक एक करके चर्चा करते हैं. ये वो सीटें हैं जो ना केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे प्रदेश के चुनावी समीकरणों पर असर डालेंगी, इन्हीं सीटों के मतदान के आधार पर ये भी तय होगा कि इस बार कौनसी पार्टी सत्ता पर काबिज होगी. तो करते हैं बात इन सीटों की.

  1. कैराना

कैराना उत्तरप्रदेश के शामली जिले में है, कैराना में हिन्दू आबादी की बात करें तो ये लगभग 57 फीसदी है और मुस्लिम आबादी 41.30 फीसदी.  कैराना में मुस्लिम आबादी की बहोत अहम भूमिका रहती है. साल 2014 – 16 के बीच ये इलाक़ा मीडिया की सुर्खियों में लगातार बना रहा, वजह थी हिन्दू पलायन. ख़बरों के मुताबिक कैराना में मुस्लिम आबादी ने वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को जबरन अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और हिन्दुओं को अपने घर छोड़ कर जाना पड़ा.

उम्मीदवारों की बात करें तो यहां से समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं. जिनको चुनावों से ठीक पहले उत्तरप्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया था.  2017 में नाहिद हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को 21000 वोटों के मार्जिन से हराकर जीत हासिल की थी.

बीजेपी ने इस बार फिर से मृगांका सिंह को मैदान में उतारा है. मृगांका ने 2017 में भी बीजेपी से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस की तरफ से हाजी अख़लाक़ और बसपा से राजेंद्र सिंह उपाध्याय मैदान में हैं.

  1. खतौली

ये इलाक़ा मुजफ्फरनगर जिले में आता है, 2007 में मायावती की सरकार के दौरान खतौली को तहसील घोषित किया गया था.  2007 में ही राकेश टिकैत भी इस सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन वो चुनाव हार गए थे. यहां पर 70 फीसदी हिन्दू आबादी है. जिसमें सबसे ज्यादा जाट वोट बैंक है.

इस समय बीजेपी के विक्रम सिंह सैनी यहां से विधायक हैं वह 2017 से यहां से विधयक हैं, विक्रम सिंह सैनी ने 2017 मे समाजवादी पार्टी के चंदन सिंह चौहान को 31374 वोटों के मार्जिन से हराया था. हाल में विक्रम सैनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमें जब वो अपने विधानसभा क्षेत्र में पहुँचे तो गांव वालों ने उन के खिलाफ नारे लगाए और सैनी को खदेड़ दिया जिसके बाद विक्रम सैनी को वहां से भागना पड़ा. यहाँ आपको बता दें कि विक्रम सैनी का नाम 2013 मुजफ्फरनगर दंगों में भी आया था.

  1. हस्तिनापुर

हस्तिनापुर पांडवों की राजधानी थी. 1957 में पहली बार चुनावी क्षेत्र के रूप में यह अपने अस्तित्व में आई, मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट के बारे में यह कहा जाता है कि यहां से जो भी प्रत्याशी जीता है उस दल की सरकार बनती है. 2017 में यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की. इससे पहले 2012 और 2007 के चुनावों में यहां से क्रमश: सपा और बसपा विजयश्री हासिल कर चुकी है. यही वजह है कि यहां से दोनों ने सरकार बनाई थी. इस बार इस सीट पर भाजपा ने जहां मौजूदा विधायक दिनेश खटीक पर दांव लगाया है जो कि यूपी सरकार में मंत्री हैं. वहीं सपा ने योगेश वर्मा और बसपा ने संजीव जाटव को चुनाव मैदान में उतारा है. यह सीट इस वजह से भी चर्चा में है क्योंकि कांग्रेस ने यहां से अर्चना गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है जोति फि‍ल्‍मों में काम कर चुकी हैं और चुनाव से पहले ब‍िकनी गर्ल की इमेज को लेकर चर्चा में हैं.

  1. लोनी और गाज‍ियाबाद

गाजियाबाद विधानसभा सीट पर इस बार योगी सरकार में मंत्री अतुल गर्ग भाजपा के उम्मीदवार हैं यहां बसपा में शामिल पूर्व भाजपा नेता केके शुक्ला भी मैदान में हैं .सपा ने यहां से विशाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. अतुल गर्ग के योगी सरकार में मंत्री होने के चलते इस सीट पर सबकी नजर है.

वहीं इसके साथ ही गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट भी इस बार हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट पर बीजेपी ने एक बार फ‍िर नंदकिशोर गुर्जर को अपना प्रत्याशी बनाया है. जोकि अपने विवादित बयानों की वजह से काफी चर्चा में रहते हैं. यहां से सपा रालोद गठबंधन से मदन भैया चुनाव मैदान में है. वहीं बसपा ने हाजी अकील को चुनाव में उतारा है.

  1. मथुरा

मथुरा विधानसभा सीट भी इस बार पहले चरण की सबसे चर्चित सीटों में शुमार है. इस सीट पर कभी कांग्रेस का कब्‍जा हुआ करता था, लेक‍िन 2017 में कांग्रेस के 15 सालों के कब्‍जे को खत्‍म करते हुए बीजेपी के श्रीकांत शर्मा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद वह योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाए गए थे. अब 2022 के चुनाव में श्रीकांत शर्मा एक बार फ‍िर बीजेपी के ट‍िकट पर मैदान में हैं. ज‍िनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप माथुर और सपा गठबंधन के देवेंद्र अग्रवाल से माना जा  रहा है. मथुरा में ऊर्जा मंत्री को लेकर वहां के लोगों में उनके द्वारा कराये गये कामों से असंतुष्ट साफ तौर पर देखा जाता है. यहां तक कि भाजपा में योगी मोदी को खास दृष्टि से देखने वालों ने भी बातचीत में यह कहा है कि श्रीकांत शर्मा को वोट योगी के चेहरे पर भले जाये, लेकिन उनके चेहरे पर यहां से वोट नहीं जा सकता है. इस आधार पर भी यह सीट इस बार देखने में दिलचस्प है कि यहां से कौन जीतेगा. मथुरा से भाजपा नेता रहे एसके शर्मा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें भाजपा ने मांट से टिकट नहीं दिया इस वजह से उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. 

देखिये 58 सीटों पर कौन से उम्मीदवार कहां से चुनावी मैदान में हैं-


 

विधानसभा क्षेत्र

जिला

भाजपा

सपाआरएलडी

बसपा

कांग्रेस

1

कैराना 

शामली  

मृगांका सिंह

नाहिद हसन

राजेंद्र सिंह उपाध्याय

हाजी अखलाक

2

थाना भवन             

शामली

सुरेश राणा

अशरफ अली (RLD)

 जहीर मलिक

सत्य सैयम सैनी

3

शामली  

शामली

तेजेंद्र सिंह निर्वाल

प्रसन्‍न चौधरी 

ब्रिजेंद्र मलिक

मो अयूब जंग

4

बुढ़ाना 

मुजफ्फरनगर 

उमेश मलिक

राजपाल बालियान

हाजी मोहम्मद अनीस

देवेंद्र कश्यप

5

चरथावल 

मुजफ्फरनगर 

सपना कश्यप

पंकज मलिक

सलमान शहीद 

यासमीन राणा

6

पुरकाजी  

मुजफ्फरनगर

प्रमोद उटवाल

अनिल कुमार    

सुरेंद्र पाल सिंह

दीपक कुमार

7

मुजफ्फरनगर  

मुजफ्फरनगर  

कपिल देव अग्रवाल

सौरभ (RLD) 

पुष्पांकर पाल

सुबोध शर्मा

8

खतौली               

मुजफ्फरनगर 

विक्रम सैनी 

राजपाल सिंह सैनी

करतार सिंह भड़ाना

 

9

  मीरापुर            

मुजफ्फरनगर

प्रशांत गुर्जर

चंदन चौहान (RLD)

मोहम्मद सलीम  

मौलाना जमील 

10

सिवालखास   

 मेरठ

मनेंद्र पाल सिंह

गुलाम मोहम्मद (RLD)

मुकर्रम अली उर्फ नन्हें खां

 जगदीश शर्मा

11

सरधना   

मेरठ

संगीत सोम

अतुल

संजीव कुमार धामा

सैयद रियानुद्दीन

12

हस्तिनापुर 

मेरठ 

 दिनेश खटीक

योगेश वर्मा

संजीव कुमार जाटव

अचैना गौतम  

13

किठौर   

 मेरठ

सत्यवीर त्यागी

शाहिद मंजूर

कुशल पाल मावी उर्फ केपी मावी

 

बबिता गुर्जर  

14

मेरठ कैंट 

मेरठ

अमित अग्रवाल

श्रीमती मनीषा अहलावत (RLD)

अमित शर्मा 

अवनीश कजाला

15

मेरठ  

मेरठ  

कमल दत्त शर्मा

रफीक अंसारी

मोहम्म्मद दिलशाद

रंजन शर्मा

16

मेरठ साउथ  

मेरठ

सोमेंद्र तोमर

मोहम्मद आदिल  

कुंवर दिलशाद अली

 नफीस सैफी    

17

छपरौली    

बागपत

सहेंद्र सिंह रमाला

प्रोफेसर अजय कुमार (RLD)

मोहम्मद शाहीन चौधरी

डॉ. युनुस चौधरी

18

बड़ौत       

बागपत

कृष्णा पाल सिंह मलिक उर्फ केपी सिंह

जयवीर सिंह तोमर (RLD)

अंकित शर्मा

राहुल कश्यप  

19

बागपत   

बागपत   

योगेश धामा

अहमद हमीद 

 अरुण कसाना  

अनिल देव त्यागी

20

लोनी    

गाजियाबाद 

नन्द किशोर गुर्जर

मदन भैया

हाजी आकिल चौधरी

यामीन मलिक  

21

मुरादनगर

गाजियाबाद

अजीत पाल त्यागी

सुरेंद्र कुमार मुन्नी (RLD)

हाजी अयूब इदरीशी

बिजेंद्र यादव 

22

साहिबाबाद    

गाजियाबाद

सुनील शर्मा 

अमरपाल शर्मा 

अजीत कुमार पाल

श्रीमती संगीता त्यागी

23

गाजियाबाद

गाजियाबाद

अतुल गर्ग 

विशाल वर्मा 

 केके शुक्ला

सुशांत गोयल

24

मोदीनगर   

गाजियाबाद

डॉ मंजू सिवाच

सुदेश शर्मा

 डॉ पूनम गर्ग 

श्रीमती नीरज कुमार

25

धौलाना     

हापुड़ 

धर्मेश तोमर

असलम अली

वासिद प्रधान

अरविंद शर्मा

26

हापुड़ 

हापुड़ 

विजय पाल आड़ती

 गजराज सिंह 

मनीष कुमार सिंह उर्फ मोनू

श्रीमती भावना वाल्मीकि

27

गढ़मुक्तेश्वर   

हापुड़ 

हरेंद्र चौधरी तेवतिया

रविंद्र चौधरी

मदन चौहान

आभा चौधरी 

28

नोएडा    

गौतम बुद्ध नगर

पंकज सिंह

सुनील चौधरी 

कृपा राम शर्मा

पंखुड़ी पाठक

29

दादरी    

गौतम बुद्ध नगर

तेज पाल सिंह नागर

राजकुमार 

मनवीर सिंह भाटी

दीपक भाटी चोटीवा

30

जेवर 

गौतम बुद्ध नगर

धर्मेंद्र सिंह

अवतार सिंह भड़ाना

नरेंद्र भाटी डाडा

मनोज चौधरी

31

सिकंदराबाद  

 बुलंदशहर 

लक्ष्मीराज सिंह

राहुल यादव

चौधरी मनवीर सिंह

सलीम अख्तर

32

 बुलंदशहर 

 बुलंदशहर 

प्रदीप चौधरी

 

हाजी यूनुस 

मोबीन कल्लू कुरैशी

सुशील चौधरी

33

स्याना     

 बुलंदशहर 

देवेंद्र सिंह लोधी

 

दिलनवाज खान 

सुनील भारद्वाज

पूनम पंडित

34

अनूपशहर 

 बुलंदशहर 

 संजय शर्मा  

केके शर्मा (एनसीपी)

रामेश्वर सिंह लोधी

चौधरी गजेंद्र 

35

डिबाई   

 बुलंदशहर 

सीपी सिंह 

हरीश कुमार 

करनपाल सिंह उर्फ केपी सिंह

श्रीमती सुनीता शर्मा

36

शिकारपुर   

 बुलंदशहर 

अनिल शर्मा  

किरनपाल सिंह (RLD)

मोहम्मद रफीक

जिया उर रहमान

 

37

खुर्जा    

 बुलंदशहर 

मीनाक्षी सिंह

बंशी सिंह  

विनोद कुमार जाटव

तुक्कीमल खटीक

38

खैर

अलीगढ़

अनूप प्रधान वाल्मीकि

भगवती प्रसाद सूर्यवंशी

श्रीमती चारूकेन केन

श्रीमती मोनिका सूर्यवंशी

39

बरौली 

अलीगढ़

ठाकुर जयवीर सिंह

प्रमोद गौड़ (RLD)

नरेंद्र शर्मा 

गौरांग देव चौहान

40

अतरौली 

अलीगढ़

संदीप सिंह

विरेश यादव

 

ओमवीर सिंह

धर्मेंद्र कुमार

41

छर्रा   

अलीगढ़

रविंद्रपाल सिंह

श्रीमती लक्ष्मी धनगर

तिलकराज यादव

अखिलेश शर्मा  

42

कोल  

अलीगढ़

 अनिल पराशर

शाज इस्हाक 

मोहम्मद बिलाल

विवेक बंसल

43

अलीगढ़

अलीगढ़

श्रीमती मुक्ता राजा

जफर आलम

राजिया खान

मो. सलमान

44

इगलास 

अलीगढ़

राजकुमार सहयोगी

बीरपाल सिंह दिवाकर (RLD)

सुशील कुमार जाटव

श्रीमती प्रीति धनगढ़

45

छाता   

मथुरा 

चौधरी लक्ष्मी नारायण

तेजपाल सिंह

सोनपाल सिंह

 

श्रीमती पूनम देवी

46

मांट 

मथुरा 

राजेश चौधरी

संजय लाठर 

श्याम सुंदर शर्मा

श्रीमती सुमन चौधरी

47

गोवर्धन     

मथुरा 

ठाकुर मेघश्याम सिंह

प्रीतम सिंह

राजकुमार रावत

दीपक चौधरी

48

मथुरा 

मथुरा 

श्रीकांत शर्मा

देवेंद्र अग्रवाल

सतीश कुमार शर्मा उर्फ एसके शर्मा

प्रदीप माथुर

49

बलदेव  

मथुरा 

पूरन प्रकाश जाटव

बबीता देवी

अशोक कुमार सुमन

विनेश कुमार सांवल

50

एत्मादपुर  

आगरा 

डॉ. धर्मपाल सिंह

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान

प्रबल प्रताप सिंह

शिवाणी सिंह बघेल

51

आगरा कैंट   

आगरा 

डॉ जी एस धर्मेंश

कुंवर चंद

भारतेंदु अरुण  

सिकंदर वाल्मीकि

52

आगरा साउथ 

आगरा 

योगेंद्र उपाध्याय

विनय अग्रवाल

रवि भारद्वाज

अनुज शर्मा 

53

आगरा नॉर्थ 

आगरा 

पूरुषोत्तम खंडेलवाल

ज्ञानेंद्र गौतम

शब्बीर अब्बास

विनोद कुमार बंसल

54

आगरा रूरल   

आगरा 

बेबी रानी मौर्य

महेश कुमार जाटव

किरण प्रभा केसरी

उपेंद्र सिंह

55

फतेहपुर सिकरी   

आगरा 

चौधरी बाबू लाल

ब्रिजेश चाहर 

डॉ मुकेश कुमार राजपूत

हेमंत चाहर

56

खैरागढ़  

आगरा 

भगवान सिंह कुशवाहा

रौतान सिंह  

 

गंगाधर सिंह कुशवाहा

रामनाथ शिकरवार

57

फतेहाबाद    

आगरा 

छोटेलाल वर्मा  

रूपाली दीक्षित

शैलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ शैलू

 

होतम सिंह निषाद

58

बाह  

आगरा 

रानी पक्षालिका

मधुसूदन शर्मा

नितिन वर्मा 

मनोज दीक्षित

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

सुमित
सुमित वीडियो जर्नलिस्ट के साथ -साथ समसामयिक मुद्दों पर लेखन भी करते हैं।

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