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चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों में से इन सीटों पर है सबकी नजर, जानिये कहां कैसे हैं समीकरण

उत्तरप्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव जारी हैं, जिसमें पहले और दूसरे चरण के मतदान भी संपन्न हो चुके हैं. पहले और दूसरे चरण के मतदान 10 और 14 फ़रवरी को और तीसरी चरण के मतदान 20 फरवरी को शांतिपूर्ण तरीके से हो चुके हैं, अब चौथे चरण का मतदान 23 फ़रवरी को होगा.

पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनावों में बीजेपी को खास नुकसान होता दिखाई दे रहा है. कई पत्रकारों औऱ विश्लेषकों का मानना है कि राकेश टिकैत की वजह से किसान आंदोलन का खासा प्रभाव पश्चिमी यूपी में पड़ता दिखाई दिया. चौथे चरण में लखीमपुर और उन्नाव जैसी बहुचर्चित और विवादित सीटें भी हैं. जिसमें लखीमपुर से बीजेपी के मंत्री टेनी और बीजेपी के ही उन्नाव रेप कांड के आरोप में जेल में सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर की सीटें भी है जिसके चलते विपक्ष लगातार बीजेपी को घेरता आया है. हालांकि हाई कोर्ट से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है.

एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के चौथे चरण तक सपा सरकार बनाने लायक बहुमत हासिल कर लेगी. अखिलेश का कहना था कि भाजपा सरकार धीरे-धीरे सभी सरकारी संस्थानों को बेच रही है. यह आरक्षण खत्म करने की साजिश है. जब सरकारी संस्थान नहीं रहेंगे तो संविधान के अनुसार हक और सम्मान कैसे मिलेगा. नौजवानों को नौकरियां कहां मिलेंगी. पहले और दूसरे चरण में भाजपा का सफाया हो चुका है. तीसरे चरण में भाजपा शून्य हो जाएगी. चौथे चरण के बाद समाजवादी पार्टी की प्रदेश में सरकार बन जाएगी. हालांकि बीजेपी भी अपनी जीत का दावा करने में पीछे नहीं है. अब यह तो 10 मार्च को वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा कि यूपी में कौन सरकार बनाने वाला है.

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चौथे चरण के ज़िले और सीटें

चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा

इन 9 ज़िलों पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा. की 59 सीटों पर चौथे चरण में यानी 23 फरवरी मतदान होंगे. (लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ कैंट, पीलीभीत, धौरहरा, लखीमपुर, लहरपुर, बख्शी का तालाब, सरोजिनी नगर, हरदोई, मलिहाबाद, बरखेरा, पुरनपुर, बिसवां, सेवाता, महमूदाबाद, सिधौली, मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, श्रीनगर, बिसलपुर, पलिया, निघासन, जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर, आयशाह, कास्ता, मोहम्मदी, महोली, सीतापुर हरगांव, मोहनलालगंज, बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार, तिंडवारी, बाबेरऊ, नरैनी, बांदा, गोपामऊ, सैंडी, बांगरमऊ, सफीपुर, मोहान, उन्नाव, भगवंतनगर, पुरवा, हुसैनगंज, खागा, सवायजपुर और सादाबाद)

गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार

9 ज़िलों के 624 उम्मीदवारों की किस्मत दाव पर लगी हुई है , इन सभी उम्मीदवारों में से 27 फीसदी दागी उम्मीदवार हैं. 27 फीसदी यानी 167 दागी हैं. इनमें से 129 पर गंभीर धाराओं में मुकदमा चल रहा है. इनमें से सबसे ज़्यादा कांग्रेस और सपा के 53 फीसदी दागी उम्मीदवार हैं.

इस चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से नौ ऐसे हैं जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज है और 2 के ऊपर महिला से दुष्कर्म के मामले हैं. ये खुलासा ADR की एक रिपोर्ट में हुआ है. ADR ने 621 उम्मीदवारों के हलफनामे के विश्लेषण के आधार पर ये रिपोर्ट जारी की है.

इस रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 31(53%) तो सपा के 57 उम्मीदवारों में से 30 यानी 53 फीसदी दागी हैं. वहीं,  बसपा के 44 फीसदी तो भाजपा के 40 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. आप के 20 प्रतिशत प्रत्याशियों पर भी आपराधिक मुकदमा चल रहा है.

एडीआर की जारी रिपोर्ट में पता चला है कि तीन चरणों की अपेक्षा चौथे चरण में सर्वाधिक आपराधिक छवि के उम्मीदवारों की भरमार है. साथ ही 60% उम्मीदवार ग्रेजुएट और उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. इस फेस में 59  में से 29 (49%) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता

चौथे चरण में 201 (32%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है. जबकि 375 (60%)  उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है. इसके अलावा, 4 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं. 30 साक्षर और 9 उम्मीदवार बिना पढ़े लिखे हैं

करोड़पति उम्मीदवारों की संपत्ति

621 में से 231 उम्मीदवार करोड़पति हैं.

लखनऊ पश्चिम सीट से आप के राजीव बक्शी इस चरण में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. उनके पास कुल 56 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. महोली से सपा उम्मीदवार अनूप कुमार के पास 52 करोड़ की संपत्ति है. वो इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं. तो वहीं

इस चरण में खागा से आप उम्मीदवार विजय कुमार ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है. भगवंतनगर से आजाद समाज पार्टी के सुरेंद्र कुमार के पास सिर्फ पांच हजार रुपए की संपत्ति है.

भाजपा के 57 में से 50, सपा के 57 में से 48, बसपा के 59 में से 44, कांग्रेस के 58 में से 28 उम्मीदवार करोड़पति हैं. आम आदमी पार्टी के 45 प्रत्याशियों में से 16 करोड़पति हैं. चौथे चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.46 करोड़ रुपये है.

 चौथे चरण की इन हॉट सीटों रहेंगी नज़र, आइए जानते हैं इन के बारे में.

पीलीभीत

पीलीभीत में पीलीभीत टाइगर रिर्जव है जहां आप कई पशुओं को देख सकते है. इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक स्‍थल है, जिनमें गोमट ताल, देवहा – घाघरा संगम और राजा वेनू का टीला शामिल है. यहां एक तट भी है जिसे चुका तट के नाम से जाना जाता है जो महोफ वन रेंज में आता है. इस तट से सूर्यास्‍त का मनोरम दृश्‍य देखने का अनोखा मजा है.

1895 में बिलहरी और अन्य तराई परगना को प्रत्यक्ष प्रबंधन के तहत लिया गया और 1863 में रिच्छा को बहेड़ी तहसील से जोड़ा गया तथा परगना जहांनाबाद को पीलीभीत को सौंपा गया. 1865 में पीलीभीत के हस्तांतरण पर पुरनपुर भी पीलीभीत में शामिल कर दिया गया. पीलीभीत में कुल 5 तहसील हैं, पीलीभीत की कुल आबादी 2,031,007 जिसमें

पुरुषों की जनसंख्या 1,072,002 और

महिलाओं की जनसंख्या 959,005

पीलीभीत विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 2017 में पीलीभीत में कुल 54.20 प्रतिशत वोट पड़े. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से संजय सिंह गंगवार ने समाजवादी पार्टी के रियाज अहमद को 43356 वोटों के मार्जिन से हराया था.

कांग्रेस ने न्यूरिया कस्बा निवासी शकील अहमद नूरी को उम्मीदवार बनाया है तो बसपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय हाजी रियाज के पुत्र डा. शाने को टिकट दिया है. बसपा उम्मीदवार डॉ. शाने अली कांग्रेस उम्मीदवार के सगे भांजे हैं. तराई के पीलीभीत की सदर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण में भी कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. वैसे राजनीति में ये कोई नई बात नहीं, जब आमने-सामने सगे संबंधी ही खडे हों, यहां मामा और भांजे आमने सामने हैं.

बीजेपी ने यहां से वर्तमान विधायक संजय गंगवार को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर शैलेंद्र सिंह गंगवार पर दांव लगाया है. सदर पीलीभीत विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर डॉक्टर शाने अली ताल ठोंक रहे हैं.

पलिया

पलिया विधानसभा क्षेत्र पीलीभीत जिले के अंतर्गत आती है. 2017 में, यह निर्वाचन क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी द्वारा जीता गया था. 2017 में, भारतीय जनता पार्टी के हरविंदर कुमार साहनी ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के सैफ अली नकवी को 69228 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी.

कांग्रेस ने पलिया से रिषल अहमद को टिकट दिया है.

पलिया से बीजेपी ने मोजूदा विधायक हरविंद्र रोमी साहनी को इस बार भी मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी ने प्रिपेंद्र पाल सिंह काकू को और बीएसपी ने डॉ ज़ाकिर हुसैन को टिकट दिया है.

हरदोई

2017 में हरदोई में कुल 42.43 प्रतिशत वोट पड़े थे, पिछली बार यहां समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

समाजवादी पार्टी से नितिन अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी के राजा बक्स सिंह को 5109 वोटों के मार्जिन से हराया था.

जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर पासी मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है और सपा के प्रत्याशी भी पासी बिरादरी से ही आते है. कुल मतदाताओं में करीब 16 फीसदी मतदाता पासी बिरादरी के हैं. इसके अलावा 15 फीसदी मुस्लिम, 4.5 फीसदी यादव और 10.32 फीसदी रैदास मतदाता इस क्षेत्र में निर्णायक की भूमिका में रहते हैं. यहां ब्राह्मण 10.94 फीसदी क्षत्रिय 14.92 फीसदी और 4.87 फीसदी वैश्य मतदाता हैं. हरदोई विधानसभा सीट में पासी बिरादरी के मतदाता सबसे अधिक हैं.

 

हरदोई में सदर सीट में रोचक मुकाबला होने वाला है सपा ने पासी बिरादरी के प्रत्याशी अनिल वर्मा को उतारा है जो भाजपा के उम्मीदवार नितिन अग्रवाल को देंगे टक्कर नितीन अग्रवाल पूर्व विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं

यहां आपको बता दें कि पिछले

चार दशक से नरेश अग्रवाल परिवार इस सीट पर काबिज है,

नरेश अग्रवाल ने सदैव सत्ता पक्ष में रहना पसंद किया है. वे उथल पुथल करने के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. वर्ष 1980,1989, 1991, 1993, 1996, 2002 और 2007 में वे इस सीट से विधायक चुने गए. 2008 में उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उपचुनाव में अपने बेटे को बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़वाया जिसमें नितिन अग्रवाल ने जीत हासिल कर अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की. इसके बाद नितिन 2012 व 2017 के चुनाव में भी विधायक निर्वाचित हुए. विपक्षी नरेश की व्यूह रचना को छिन्न भिन्न करने के लिए, पिछले चार दशकों से कोशिश कर रहे हैं लेकिन हर बार नरेश ही विजयी होकर उभरते हैं.

हरदोई जिले की सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक अनिल वर्मा को उतारकर बीजेपी प्रत्याशी नितिन अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

सपा से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं अनिल

सपा प्रत्याशी के रूप में पहली बार सदर विधानसभा सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे अनिल वर्मा सीएसएन डिग्री कालेज छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके चाचा छोटेलाल 1996 में भाजपा के टिकट पर बावन-हरियावां सीट से विधायक चुने गए थे. 1999 में उनका निधन हो गया जिसके बाद उपचुनाव हुआ था. तब भाजपा के टिकट पर अनिल वर्मा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. वर्ष 2002 के आम चुनाव में अनिल भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए. 2012 में वे सपा में चले गए और पार्टी ने उन्हें बालामऊ से प्रत्याशी बनाया जहां उन्होंने जीत हासिल की. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट न मिलने पर वो चुनाव नहीं लड़े.

इस विधानसभा सीट में पासी बिरादरी के मतदाता सबसे अधिक हैं. अनिल वर्मा भी इसी बिरादरी से आते हैं. वहीं, मुस्लिम वोट को भी सपा अपना मान रही है. ऐसे में कुछ अन्य जातियों का भी सपा को समर्थन मिला तो निश्चित तौर पर नरेश के गढ़ में सेंध लग सकती है. कांग्रेस ने आशीष सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया वो भी जितना वोट काटेंगे और नितिन का ही नुकसान करेंगे. बीएसपी ने हरदोई से शोभित पाठक प्रत्याशी बनाया है.

उन्नाव

हालिया समय में उन्नाव सुर्ख़ियों का हिस्सा बना रहा है, उन्नाव रेप कांड में मुख्य आरोपी सत्ताधारी बीजेपी के विधायक कुलदीप सेंगर का नाम आना पीड़िता की मौत होना. आरोप साबित होने के बाद सेंगर का जेल जाना उसके बाद पीड़िता के परिवार के सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होना ये सब किसी फिल्मी कहानी जैसा ही था.

यही सबसे बड़ी वज़ह रहीं कि उन्नाव सुर्ख़ियों में बना रहा.

अब बात करें राजनीतिक समीकरणों की

उन्नाव में कुल 6 विधानसभा हैं. उन्नाव में वोटर्स की संख्या 2285970 है. कलम और क्रांतिकारियों की इस धरती ने चंद्रशेखर आजाद वीर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे महान कवि दिए हैं. उन्नाव में जहां साल 2012 में समाजवादी पार्टी को 5 विधानसभा सीटें मिलीं थीं, जबकी मोहान विधानसभा सीट पर बसपा की जीत हुई थी, वहीं साल 2017 में बीजेपी को जबरदस्त उछाल मिला. 5 विधानसभा सीटों से सपा का सफाया हो गया, 5 सीटें बीजेपी के खाते में गईं, जबकी 1 सीट पर बीएसपी प्रत्याशी जाती (पुरवा सीट पर बीएसपी प्रत्याशी अनिल सिंह जीते, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने पर उन्हें बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया था, अब वो बीजेपी के साथ हैं.)

बीजेपी ने पंकज गुप्ता को टिकट दिया है, पंकज गुप्ता हाल ही में जब चर्चा में आए थे जब एक किसान ने एक रैली के दौरान मंच पर आकर पंकज को थप्पड़ मार दिया था. कांग्रेस ने उन्नाव रेप कांड पीड़िता की माँ आशा सिंह को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी ने अभिनव कुमार को, बीएसपी ने देवेन्द्र सिंह को और आम आदमी पार्टी ने युवराज सिंह चंदेल को टिकट दिया है.

भगवंत नगर

भगवंत नगर विधानसभा सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. इस सीट से यूपी विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित व‍िधायक हैं. वहीं इस सीट पर इस साल एसपी, बीएसपी और कांग्रेस भी बीजेपी के खिलाफ अपनी दावेदारी कर रहे हैं. अतीत पर गौर करें तो इस सीट पर बीएसपी दो बार और बीजेपी एक बार व‍िजयी रही है.

2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर कुलदीप स‍िंह सेंगर यहां से विधायक बने थे. भारतीय जनता पार्टी की कोशिश होगी कि वह इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखे. 2017 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर कुल 3 लाख 62 हजार 916 वोटर रजिस्टर्ड थे. हालांकि इस चुनाव में मतदाताओं की इस संख्या में इजाफा होने का अनुमान है.

2017 में जीते थे यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित

फिलहाल यहां से यूपी विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित विधायक हैं. हृदय नारायण दीक्षित 2017 में यहां से विजयी हुए हैं. इस चुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के शशांक शेखर स‍िंह को 53366 वोटों के मार्जिन से हराया था. वहीं चुनाव में समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान पर थी.

भगवंत नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने इस बार आशुतोष शुक्ला को उम्‍मीदवार घोषित क‍िया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने अंकित परिहार को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके अलावा बसपा ने बृज किशोर वर्मा को ट‍िकट द‍िया है जबक‍ि कांग्रेस ने जंग बहादुर सिंह और आम आदमी पार्टी ने नवीन कुमार शर्मा को उम्‍मीदवार घोष‍ित क‍िया है.

सरोजनीनगर

सरोजनी नगर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेशके लखनऊ जिले में आती है. 2017 में सरोजनी नगर में कुल 37.31 प्रतिशत वोट पड़े. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से स्वाति सिंह ने समाजवादी पार्टी के अनुराग उर्फ अनुराग यादव को 34179 वोटों के मार्जिन से हराया था.

कांग्रेस ने सरोजिनी नगर से रुद्र दमन सिंह, बीजेपी ने राजेश्वर सिंह, समाजवादी पार्टी ने अभिषेक मिश्रा बीएसपी ने मोहम्मद जलीश खान और आम आदमी पार्टी ने रोहित श्रीवास्तव को टिकट दिए हैं.

लखनऊ पूर्वी

लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में आती है. 2017 में लखनऊ पूर्व में कुल 59.25 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से आशुतोष टंडन गोपाल जी ने कांग्रेस के अनुराग सिंह को 79230 वोटों के मार्जिन से हराया था.

पूर्वी लखनऊ विधानसभा सीट लखनऊ के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं राजनाथ सिंह, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं.

लखनऊ पूर्व से कांग्रेस के मनोज तिवारी और बीजेपी से नेता आशुतोष टंडन हैं , वे “गोपाल जी” के नाम से भी लोकप्रिय हैं. वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री हैं. इसके पहले वह तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी थे. वे भारतीय जनता पार्टी से लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक है. वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे हैं और 2013 में लखनऊ पूर्व सीट पर हुए उप-चुनाव में जीत हासिल करके पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. वर्ष 2012 के चुनाव में उन्होने लखनऊ उत्तर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था.

समाजवादी पार्टी से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया मैदान में हैं , भदौरिया समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के खास माने जाते हैं.

बहुजन समाज पार्टी ने युवा चेहरे आशीष कुमार सिन्हा को लखनऊ पूर्वी सीट से उम्मीदवार बनाया है और वह जनता के बीच काफी लोकप्रिय भी है

आम आदमी पार्टी ने आलोक सिन्हा को टिकट दिया है.

रायबरेली

रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है, कांग्रेस अपने सबसे मजबूत गढ़ को बचाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रह है, कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में अपने वर्चस्व को बचाए रखने की भी है. जिले में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के पाला बदल लेने और कुछ के चुनाव में उतरने से कदम खींच लेने के बाद दलबदलू नेताओं के दम पर गांधी परिवार के सामने अपना दुर्ग बचाने की चुनौती है. बता दें कि रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सियासी कर्म भूमि है. और 2004  के आम चुनाव के बाद से अब तक लगातार 18 साल से गांधी परिवार का कब्जा है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी रायबरेली की छह सीटों में दो सीटों पर कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार जीते थे.

कांग्रेस ने डॉ मनीष चौहान को मैदान में उतारा है,

बीजेपी ने महिला उम्मीदवार श्रीमती अदिति सिंह , सपा ने आरपी यादव, बीएसपी से मोहम्मद अशरफ और आम आदमी पार्टी ने  गौरव सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

चौथे चरण में 59 सीटों पर ये उम्मीदवार हैं-

 


विधानसभा सीट नाम

जिला

 भाजपा

    सपा+

 बसपा

 कांग्रेस

  आप

1.

     

पीलीभीत

पीलीभीत

संजय गंगवार

शैलेंद्र गंगवार

शाने

अली

शकील अहमद नूरी

 

2.    

बरखेड़ा

पीलीभीत

स्वामी प्रवक्ता नंद

हेमराज वर्मा

मोहन स्वरूप वर्मा

हरप्रीत सिंह चब्बा

आशीष गुप्ता

3.  

पूरनपुर

पीलीभीत

बाबूराम पासवान

सुश्री आरती

अशोक कुमार राजा

इश्वर दयाल पासवान

कमलेश कुमार

4.

    

बीसलपुर

पीलीभीत

विवेक वर्मा

दिव्या गंगवार

अनीस खां उर्फ फूल बाबू

श्रीमती शिखा पांडेय

डॉ डीपी गंगवार

5.  

पलिया

लखीमपुर खीरी

हरविन्दर रोमी साहनी

प्रिपेंद्र पाल सिंह काकू

डॉ जाकिर हुसैन

रिशाल अहमद

ललित कुमार वर्मा

6.

निघासन

लखीमपुर खीरी

शशांक वर्मा

आरएस कुशवाहा

डॉ आरए उस्मानी

अटल शुक्ला

 

7.

गोला गोकर्णनाथ

लखीमपुर खीरी

अरविंद गिरि

विनय तिवारी

श्रीमती शिखा वर्मा

प्रहलाद पटेल

सतेंद्र कोरी

8.

श्री नगर

लखीमपुर खीरी

मंजू त्यागी

राम सरन

श्रीमती मीरा बानो

श्रीमती चांदनी

अनिल राजवंशी

9.

धौरहरा

लखीमपुर खीरी

विनोद शंकर अवस्थी

वरुण चौधरी

आनंद मोहन त्रिवेदी

श्रीमती जितेंद्री देवी

शिप्रा अवस्थी

10.

लखीमपुर

लखीमपुर खीरी

योगेश वर्मा

उत्कर्ष वर्मा

मोहन बाजपेई

डॉ रविशंकर त्रिवेदी

   –

11.

कसता

लखीमपुर खीरी

सौरभ सिंह मोनू

सुनील कुमार लाला

श्रीमती हेमवती राज

राधेश्याम भार्गव

 

12.

मोहम्मदी

लखीमपुर खीरी

लोकेंद्र प्रताप सिंह

दाउद अहमद

शकील अहमद सिद्दीकी

रितु सिंह

रविकांत तिवारी

13.

महोली

सीतापुर

शशांक त्रिवेदी

अनूप गुप्ता

डॉ राजेंद्र प्रसाद वर्मा

आशीष मिश्रा

दीप्ति वर्मा

14.

सीतापुर

सीतापुर

राकेश राठौर गुरु

राधेश्याम जायसवाल

खुर्शीद अंसारी

शमीना शफीक

आनंद जायसवाल

15.

हरगांव

सीतापुर

सुरेश राही

रामहेत भारती

रानू चौधरी

श्रीमती डॉ ममता वर्मा

संदीप कुमार

16.

लहरपुर

सीतापुर

सुुनील वर्मा

अनिल वर्मा

मोहम्मद जुनैद अंसारी

श्रीमती अनुपमा द्विवेदी

 

17.

बिसवां

सीतापुर

निर्मल वर्मा

अफजाल कौसर

हाशिम अली

श्रीमती वंदना भार्गव

 

18.

सेवता

सीतापुर

ज्ञान तिवारी

महेंद्र सिंह झीन बाबू

आशीष प्रताप सिंह

डॉ विजयनाथ अवस्थी

 

19.

महमूदाबाद

सीतापुर

श्रीमती आशा मौर्य

नरेंद्र वर्मा

मीसम अम्मार रिजवी

श्रीमती उषा देवी वर्मा

 

20.

सिधौली

सीतापुर

मनीष रावत

हरगोविंद भार्गव

पुष्पेंद्र कुमार

श्रीमती कमला रावत

कन्हैया लाल

21.

मिश्रिख

सीतापुर

रामकृष्ण भार्गव

मनोज राजवंशी (SBSP)

श्याम किशोर

सुभाष चंद्र राजवंशी

बाबू राम वर्मा

22.

सवायजपुर

हरदोई

माधवेंद्र प्रताप रानू

पद्मराज सिंह पम्मू

राहुल तिवारी

राजवर्द्धन सिंह राजू

मंशा राम यादव

23.

शाहाबाद

हरदोई

श्रीमती रजनी तिवारी

आसिफ खान बब्बू

अहिबरन सिंह लोधी

अजीमुश्शान

डॉ कमल शुक्ला

24.

हरदोई

हरदोई

नितिन अग्रवाल

अनिल वर्मा

शोभित पाठक

आशीष कुमार सिंह

सुशील कुमार पांडेय

25.

गोपामऊ

हरदोई

श्याम प्रकाश

राजेश्वरी

सर्वेश कुमार जनसेवा

श्रीमती सुनीता देवी

रुद्र प्रताप शाही

26.

सांडी

हरदोई

प्रभाष वर्मा

श्रीमती उषा वर्मा

कमल वर्मा

श्रीमती आकांक्षा वर्मा

एसके वर्मा

27.

बिलग्राम-मलियावां

हरदोई

आशीष सिंह आशु

बृजेश कुमार वर्मा उर्फ टिल्लू भइया

कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सतीश वर्मा

सुुभाष पाल

दीपक पटेल

28.

बालामऊ

हरदोई

रामपाल वर्मा

राम बलि वर्मा

तिलक चंद्र राव

सुरेंद्र कुमार

राम प्रसाद प्रेमी

29.

संडीला

हरदोई

श्रीमती अलका अर्कवंशी

सुनील अर्कवंशी (SBSP)

अब्दुल मन्नान

मोहम्मद हनीफ उर्फ बबलू घोसी

रघुवीर सिंह यादव

30.

बांगरमऊ

उन्नाव

श्रीकांत कटियार

मुन्ना अल्वी

राम किशोर पाल

आरती बाजपेई

 

31.

शफीपुर

उन्नाव

बम्बा लाल दिवाकर

सुधीर रावत

राजेंद्र गौतम

शंकर लाल गौतम

 

32.

मोहान

उन्नाव

बृजेश रावत

आंचल वर्मा

सेवक लाल रावत

मधु रावत

 

33.

उन्नाव

उन्नाव

पंकज गुप्ता

अभिनव कुमार

देवेंद्र सिंह

आशा सिंह

 

34.

भगवंत नगर

उन्नाव

आशुतोष शुक्ला

अंकित परिहार

बृृज किशोर वर्मा

जंग बहादुर सिंह

नवीन कुमार शर्मा

35.

पुरवा

उन्नाव

अनिल सिंह

उदयराज

विनोद कुमार त्रिपाठी

श्रीमती उरुषा राणाा

 

36.

मलिहाबाद

लखनऊ

श्रीमती जया देवी

सोनू कनौजिया

जगदीश रावत

इंदल कुमार रावत

 

37.

बख्शी का तालाब

लखनऊ

योगेश शुक्ला

गोमती यादव

सलाउद्दीन सिद्दीकी

ललन कुमार

डॉ एसपी पांडेय

38.

सरोजनी नगर

लखनऊ

राजराजेश्वर सिंह

अभिषेक मिश्रा

मोहम्मद जलीस खां

रुद्र दमन सिंह

रोहित श्रीवास्तव

39.

लखनऊ पश्चिम

लखनऊ

अंजनी श्रीवास्तव

अरमान

कायम रजा खान

श्रीमती शहाना सिद्दीकी

राजीव बख्शी

40.

लखनऊ उत्तर

लखनऊ

डॉ नीरज बोरा

पूजा शुक्ला

मोहम्मद सरवर मलिक

अजय श्रीवास्तव उर्फ अज्जू

अमित श्रीवास्तव

41.

लखनऊ पूर्व

लखनऊ

आशुतोष टंडन गोपाल

अनुराग भदौरिया

आशीष कुमार सिन्हा

मनोज तिवारी

आलोक सिंह

42.

लखनऊ मध्य

लखनऊ

रजनीश गुप्ता

रविदास मेहरोत्रा

आशीष चंद्र श्रीवास्तव

सदफ जफर

नदीम अशरफ जायसी

43.

लखनऊ कैंट

लखनऊ

बृजेश पाठक

राजू गांधी

अनिल पांडेय

दिलप्रीत सिंह

अजय कुमार

44.

मोहनलाल गंज

लखनऊ

अमरेश कुमार

अम्बरीश पुष्कर

देवेंद्र कुमार सरोज

ममता चौधरी

सूरज कुमार

45.

बछरावां

रायबरेली

 

 

श्रीमती लाजवंती कुरील

सुशील पासी

दीपांकर

46.

हरचंदपुर

रायबरेली

राकेश सिंह

राहुल लोधी

शेर बहादुर सिंह लोधी

सुरेंद्र विक्रम सिंह

विमल किशोर

47.

रायबरेली

रायबरेली

अदिति सिंह

आरपी यादव

मोहम्मद अशरफ

डॉ मनीष सिंह चौहान

गौरव सिंह

48.

सरेनी

रायबरेली

धीरेंद्र बहादुर सिंह

देवेंद्र प्रताप सिंह

ठाकुर प्रसाद यादव

श्रीमती सुधा द्विवेदी

देवेंद्र पाल

49.

ऊंचाहार

रायबरेली

अमरपाल मौर्य

मनोज पांडेय

कुमारी अंजली मौर्या

 

राहुल सिंह यादव

50.

तिंदवारी

बांदा

रमाकेश निषाद

बृजेश प्रजापति

जयराम सिंह

श्रीमती आदिशक्ति दीक्षित

अवधेश कुमार सिंह

51.

बबेरू

बांदा

अजय पटेल

विशम्भर यादव

राम सेवक शुक्ला

गजेंद्र सिंह पटेल

 

52.

नरैनी

बांदा

श्रीमती ओममनी वर्मा

दद्दू प्रसाद

गयाचरण दिनकर

श्रीमती पवन देवी कोरी

राधेश्याम

52.

बांदा

बांदा

प्रकाश द्विवेदी

श्रीमती मंजुला सिंह

धीरज प्रकाश राजपूत

लक्ष्मी नारायण गुप्ता

बांदा

53.

जहानाबाद

फतेहपुर

राजेंद्र पटेल

मदन गोपाल

आदित्य पांडेय

श्रीमती कमला प्रजापति

विनीत कुमार पटेल

54.

बिंदकी

फतेहपुर

जय कुमार सिंह पटेल जैकी (अपना दल)

रामेश्वर दयाल गुप्ता उर्फ दयालु गुप्ता

सुशील कुमार पटेल

अभिमन्यु सिंह

मनोज कुमार पाल

55.

फतेहपुर

फतेहपुर

विक्रम सिंह

चन्द्र प्रकाश लोधी

अयूब अहमद

मोहम्मद मोहसिन खान

बृजभान प्रजापति

56.

अयाह शाह

फतेहपुर

विकास गुप्ता

विशम्भर प्रसाद निषाद

चंदन सिंह उर्फ चंद्रसेन पाल

श्रीमती हेमलता पटेल

 

58.

हुसैनगंज

फतेहपुर

रणवेंद्र प्रताप सिंह धुन्नी

श्रीमती ऊषा मौर्य

फरीद अहमद

शिवाकांत तिवारी

अब्दुल रजाक

59.

खागा

फतेहपुर

कृष्णा पासवान

राम तीरथ परमहंस

दशरथ लाल सरोज

ओम प्रकाश गिहर

विजय कुमार गौतम

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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