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Posted On:November 24, 2018
यमुना नदी के किनारे
नीले पानी के साथ
बना है ऐतिहासिक ताजमहल
कहते हैं वो निशानी है किसी के प्यार मोहब्बत की
शायद इसीलिए कई वर्षों से
खड़ा होकर ताकता रहता है
मोहब्बत करने वालों को
मैं देख नहीं पाया हूँ अभी तक ताजमहल
पर जब भी कहीं
देखता हूँ ताज की तस्वीर
महसूस कर लेता हूँ ताज का आकर्षण
वो संगमरमर से तराशा हुआ
सफ़ेद ताज खड़ा है पूरी शान के साथ
और बस हुआ है हर एक हिंदुस्तानी के दिल में
जो खींच लाता है
अपने चाहने वालो को चाहे वो देश के
किसी कोने में क्यों न हो…..
(रचनाकार संजय भास्कर कवि और अच्छे समीक्षक हैं)
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Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।
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Posted On:July 19, 2018
– मीना भारद्वाज
पेड़ों की डाल से
टूट कर गिरे चन्द फूल
अलग नहीं हैं
ब्याह के बाद की बेटियों से।
आंगन तो है अपना ही
पर तब तक ही
जब तक साथ था
डाल और पत्तियों का।
अब ताक रहे हैं
एक दूसरे को यूं
जैसे घर आए मेहमान हों।
बेटियां भी तो मेहमान ही
बन जाती हैं तभी तो
पराया धन कहलाती हैं।
आयेगा एक हवा का झोंका
और एक दूसरे से कह उठेंगे यूं
अब के बिछड़े ना जाने
कब मिलेंगे।
यदि मिले इस जन्म में तो
बस चन्द लम्हों के लिए
मेहमानों की तरह मिलेंगे।
(लेखिका मीना भारद्वाज जी मंथन नाम से ब्लॉग भी लिखती हैं)
Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।
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