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कविता

लेखक के तौर पर एनडीटीवी के प्रियदर्शन से खास बातचीत : साक्षात्कार

लेखक के तौर पर प्रियदर्शन की पहचान कवि और कथाकार इन दोनों ही रूपों में है। देश की जानी-मानी पत्र-पत्रिकाओं में तीन दशकों से नियमित लेखन का कार्य कर रहे हैं। 1996 से 2002 के…


समीक्षा- श्रीधर प्रसाद द्विवेदी का लेखन और रचना संसार

कविता में कल्पना और यथार्थ से लोक परिवेश का चित्रण झारखंड के कवि श्रीधर द्विवेदी के काव्य संग्रह ‘कनेर के फूल’ में संकलित कविताएँ समाज के वर्तमान परिवेश में आम आदमी के मन की आहट…


जसिंता केरकेट्टा की तीन कविताएं

1. प्रेम में ‘दो’ हो जाना   प्रेम में आदमी क्यों ‘एक’ हो जाना चाहता है? अपनी भिन्नता के साथ क्यों ‘दो’ नहीं रह पाता है?   इस ‘एक’ की चाहत में वह प्रेम को…


हवा का झोंका

तुम कहाँ हो आकाश सूना हो उठा काले बादल दूर दिशाओं से उड़ते आ रहे अँधेरा रास्ते का मन के आँगन में बरस रहा पानी जंगल में झूमते पेड़ हिलोरे ले रहा सागर हर तरफ…