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चौपाल

हम सब का अभिमान तिरंगा

-जगदीश गुलिया मेरे देश की है ये शान तिरंगा। हम सब की है ये जान तिरंगा।।   यूँ ही सदा लहराता रहे ये, हम सब की पहचान तिरंगा। कितना सुन्दर कितना प्यारा, हम सब का…


कविताः अंत में तुम हम हो जाना 

–नीरज सिंह सुनो, मेरे तुम हम बन जाना अपने ग़ुलाबी होठों की लाली हो सके तो हमारे माथे पर छोड़ जाना अपने हाथों की उंगलियों को मेरे बालों में सहलाते-सहलाते कहीं खो जाने देना हो…


भक्ति और भक्त दोनों पर सवाल उठाती कांवड़ यात्रा, जानिए क्या है हकीकत

-धनंजय सावन महीने में जलाभिषेक के साथ कांवड़ियों की यात्रा गुरुवार को समाप्त हो गई। सावन में  कांवड़ियां भगवान शिव की आराधना करते हुए गंगा से जल लाते हैं और किसी विशेष शिव मंदिर के…


कविताः बेखबर से हम

-प्रिया सिन्हा बेखबर से हम हम कभी थोड़ा बेखबर रहते हैं तो कभी सबकी खबर रखते हैं कुछ इस तरह सबकी जानकारी हम तो शब-ओ-सहर रखते हैं   रहते तो हैं हम भी कभी ओझल,…