-जगदीश गुलिया
मेरे देश की है ये शान तिरंगा।
हम सब की है ये जान तिरंगा।।
यूँ ही सदा लहराता रहे ये,
हम सब की पहचान तिरंगा।
कितना सुन्दर कितना प्यारा,
हम सब का अभिमान तिरंगा।।
आओ मिलकर करें अर्चना ,
हम सब का भगवान तिरंगा।
इसको कभी झुकने न देंगे,
हम सब का सम्मान तिरंगा।।
सदभावना और शांति का,
हमें देता हैं ये ज्ञान तिरंगा ।
हर भारत वासी का सच में,
चाहत और अरमान तिरंगा।।
अपने खून से सींचा है इसको,
शहीदों का स्वाभिमान तिरंगा।
देश के लिए जो फांसी झूले,
उन वीरो की है जान तिरंगा।।
(रचनाकार स्वतंत्र रूप से कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखते रहते हैं)
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