SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

poem

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

मुस्कुराये थे जिन पलों में तेरे साथ वो पल आज भी रुलाते हैं झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं वो रूठना वो मनाना वो हँसना वो गाना मुझे…


मृत्यु…क्या यही अंतिम पड़ाव है

मृत्यु… क्या यही अंतिम पड़ाव है पीड़ा का क्या यही होती है वो अंतिम…चरणीय पीड़ा जहाँ जीवन का अस्तित्व शून्य में हो जाता है विलीन   जिसके बारे में कहा सुना गया है कई ग्रन्थों,…


वो बदल गए (कविता)

दूर गर जाना था बातों में रुलाना था गम को मदहोशी जाम पिलाना था   कहीं और दिल लगा बैठे थे तो खिलौना हमें ही बनाना था   वो बदल गए   मोहतरमा मासूम हैं…