SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

मुस्कुराये थे जिन पलों में तेरे साथ वो पल आज भी रुलाते हैं

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

वो रूठना वो मनाना

वो हँसना वो गाना

मुझे देख तेरा शर्माना

वो धीरे से मेरे पास आना

जितना याद आते हैं वो यादे उतना तड़पाते हैं

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

वो स्कूटी वो बातें

वो नग्में वो रातें

वो गांव की गलियां

वो फूलों की कलियां

सपनों में हम आज भी तेरा ही नाम बुलाते हैं

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

तेरी खोज में भटकना

तेरी गली तेरी राह तकना

वो दौड़ना भागना गिरना फिसलना

वो पहली बस से तेरा निकलना

तेरे लौट आने की आज भी उम्मीद जगाते हैं

झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

पूजा वर्मा
पूजा वर्मा परास्नातक की छात्रा हैं और लिखने का शौक रखती हैं।

Be the first to comment on "झूठ कहते हैं लोग कि वक़्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*