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लोकसभा चुनाव का छठां चरण : चार मुख्यमंत्रियों की किस्मत का होगा फैसला

लोकसभा चुनाव 2019 में छठें चरण का चुनाव 12 मई को होगा। छठें चरण में 7 राज्यों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस चरण में 979 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 10.16 करोड़ मतदाता करेंगे। इसी चरण के साथ त्रिपुरा की त्रिपुरा पश्चिम सीट के लिए पुनर्मतदान करवाया जाएगा। बता दें कि त्रिपुरा के 29 विधानसभा क्षेत्रों के 168 मतदान केंद्रों पर 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। यहां मतदान दोबारा होग। छठे चरण का मतदान 12 मई को सुबह सात बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा।

इस चरण में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की राजनीतिक किस्मत दांव पर है। इनमें भोपाल से दिग्विजय सिंह, दिल्ली से शीला दीक्षित, सोनीपत से भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आजमगढ़ से अखिलेश यादव शामिल हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में इन 59 सीटों में से बीजेपी ने सबसे अधिक 44, टीएमसी ने 8, कांग्रेस ने 2 और अन्य ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की।

किन राज्यों में कितनी सीटों पर मतदान है

रविवार को जिन राज्यों में वोटिंग होगी उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल हैं। छठें चरण में यूपी की 14 सीटों पर, एमपी की 8 सीटों पर, हरियाणा की 10 सीटों पर, दिल्ली की सभी 7 सीटों पर, झारखंड की 4 सीटों पर और पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।

इस चरण में उम्मीदवारों की संख्या 979 है, जिसमें सबसे ज्यादा निर्दलीय 769 हैं। पार्टियों की बात करें तो सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने 54 उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं दूसरे नंबर पर बीएसपी है जिसके 49 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनके अलावा कांग्रेस के 46, शिवसेना के 16, आप के 12, तृणमूल के 10, आईएनएलडी के 10, सीपीआई 7 और सीपीएम के 6 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।

यूपी की 14 सीटों पर मतदान

छठें चरण में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी जैसे दिग्गजों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा।

छठे चरण में यूपी के सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही संसदीय क्षेत्र से चुनाव होंगे।

आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद जीत दर्ज कराई थी। इस बार एसपी को बीएसपी का साथ मिला है, जिसके कारण एसपी की जीत का अंतर बढ़ सकता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अखिलेश के मुकाबले के लिए भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल निरहुआ को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

 सुल्तानपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

सुल्तानपुर से इस बार बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं। पिछली बार इस सीट से मेनका के बेटे वरुण गांधी ने जीत दर्ज की थी। मां-बेटे ने इस बार सीटों की अदला-बदली कर ली। गठबंधन की ओर से चन्द्रभान सिंह यादव मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने संजय सिंह को यहां से चुनाव लड़ाकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

इलाहाबाद सीट

बीजेपी ने यहां से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है। अभी हाल में हुए कुंभ का श्रेय लेने के लिए बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है, जबकि एसपी ने पिछड़ा कार्ड खेलते हुए राजेन्द्र पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी से चुनाव लड़ चुके योगेश कांग्रेस के टिकट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के प्रयास में हैं।

फूलपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला

2014 के चुनाव में यहां से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर बीजेपी की यह पहली जीत थी। लेकिन उपचुनाव में गठबंधन ने बीजेपी से यह सीट छीन ली थी। इस पर बीजेपी ने केशरी देवी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, तो गठबंधन के उम्मीदवार पंधारी यादव मैदान में हैं। कांग्रेस ने दिवंगत सोनेलाल पटेल के दामाद पंकज निरंजन को टिकट देकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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