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चौपाल

मंटो की कहानियों का विशेष संकलन बाज़ार में आया, आवरण पर है फ़िल्म का पोस्टर

-सुकृति गुप्ता राजकमल प्रकाशन और मंटो फिल्म के प्रोडक्शन हाउस के संयुक्त प्रयास से मंटो की 15 कहानियों का विशेष संकलन बाज़ार में उपलब्ध हो गया है। आप इसे अमेजन से खरीद सकते हैं। किताब…


कविता में कहानी लिखने वाले पत्रकार और कवि खरे जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा!

-संजय भास्कर हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष और नामचीन कवि विष्णु खरे (78) का बुधवार को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में निधन हो गया। बीते 12 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें यहां भर्ती…


इश्क ऐसा जैसे फूल का खिलना (कविता)

-मीनाक्षी गिरी  हमारे इश्क़ के बारे में क्या पूछते हो जनाब, हमारा इश्क़ ऐसा है जैसे फूल का खिलना। कोमल पत्तियों जैसे एहसासों का जाल, रात के गहरे अन्धकार में जुगनुओं का चमकना। जैसे चाँद…


कविताः हम ही कल के नायक हैं

-संजय आए हम लेकर पीड़ा का सागर, हम ही इसके गायक हैं, भले हों उपेक्षित आज, पर हम ही कल के नायक हैं।   मिला हमें सदा ही वो बिखरे हों काँटें जिस पथ में, सुख व हम हैं ऐसे ही, चाँद सितारे हों अमावस्या के नभ में, बीता बचपन, बीती जवानी, बीता सारा जीवन अभावों में और सहते रहे दंश हम कितने अभिशापों का ख़ुद के ही भावों में,   पीया है विष हमने दुनिया भर के आघातों का, सो इस जग में हम ही नीलकंठी परम्परा के वाहक हैं, भले हो उपेक्षित आज पर हम ही कल  के नायक हैं।   हम लिखा के लाए आँखों में ही मंज़िल का खोना, हर दिल अज़ीज़ होके भी किसी के दिल में न होना, देखे हैं हमने अपने ख़्वाबों के जनाज़े अपनी ही आँखों में, अभागे ऐसे स्वपसीने की ठंडक ख़ुद को ही हासिल न होना,   सिखलाया है हम ही ने जग को, बदलना ख़ून को पसीने में, सो लिखने को परिवर्तन की गाथाएं हम ही लायक़ हैं, भले हों उपेक्षित आज पर हम ही कल के नायक हैं।   हम उनमें से हैं जिन्होंने देखा है सावन में भी पतझड़, दरिया बनाने वाले हम,…