-सुकृति गुप्ता
राजकमल प्रकाशन और मंटो फिल्म के प्रोडक्शन हाउस के संयुक्त प्रयास से मंटो की 15 कहानियों का विशेष संकलन बाज़ार में उपलब्ध हो गया है। आप इसे अमेजन से खरीद सकते हैं। किताब अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में उपलब्ध हैं। इन 15 कहानियों को मंटो फिल्म की निर्देशक नंदिता दास ने चुना है। इस किताब की भूमिका भी नंदिता दास ने लिखी है। इन पंद्रह कहानियों में दस रुपये, ख़ुशियाँ, हतक, सरकंडे के पीछे, सड़क के किनारे, ठंडा गोश्त, ख़ालिद मियाँ, सिराज, मोज़ेल, मुहम्मद भाई, काली सलवार, सहाय, टिटवाल का कुत्ता, सौ कैंडल पावर का बल्ब शामिल हैं।
आपको बता दें कि नंदिता दास के निर्देशन में बन रही फिल्म मंटो 21 सितंबर को रिलीज हो रही है।
मंटो फ़िल्म के साथ रिलीज होगा मंटो की कहानियों का विशेष संकलन
राजकमल प्रकाशन का कहना है कि इस किताब को निकालने का मुख्य उद्देश्य मंटो पर बन रही फिल्म को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाना है, इसलिए किताब का आवरण फिल्म के पोस्टर का ही कुछ बदला हुआ रूप है। खैर, किताब के आवरण को देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि यह फिल्म के पोस्टर का कोई बदला हुआ रूप नहीं है, बल्कि फिल्म के पोस्टर को ही आवरण बना दिया गया है। पर, राजकमल प्रकाशन ने यह भी कहा है कि कहानियों के साथ-साथ किताब के अंदर मंटो की असल तस्वीरों का संग्रह भी है।
किताब को बाज़ार में लाने से पूर्व ही राजकमल प्रकाशन ने स्पष्टीकरण दिया था कि उन्हें अपने लेखकों की छवि की परवाह है। वे मंटो के साहित्य पर पहले से ही किताबें निकालते रहे हैं। राजकमल प्रकाशन दस्तावेज़ के नाम से मंटो के लेखन के 5 खण्ड 1963 से ही लगातार निकालता रहा है। इसके अलावा भी वे मंटो पर किताबें निकालते रहे हैं। राजकमल प्रकाशन ने स्पष्टीकरण देते हए कहा है, इस पहल के माध्यम से मंटो की छवि को अपदस्थ करना या हल्का करना हमारा ध्येय नहीं है। हम सिर्फ मंटो को घर-घर पहुँचाने का उद्यम कर रहे हैं और इस किताब के जरिए असली मंटो ही हर हाथ में आएंगे। पहुँचने का कारण भले ही कोई अभिनेता बने।
खैर, राजकमल प्रकाशन की किताब भले ही उम्दा हो। किताब के अंदर भले ही मंटो हों, पर आवरण पर तो नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ही हैं। किताब का आवरण लेखक की छवि भी होता है। ऐसे में मंटो जब घर-घर पहुँचेंगे तो यह संदेह भी उठना लाजमी है कि लोग कहीं मंटो को नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के चेहरे से ही न पहचानने लगें। मंटो का असल चेहरा कहीं गुम न हो जाए!
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