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कविता


अटल जी को उनकी कविता गीत नया गाता हूं के जरिए श्रद्धांजलि

 दो अनुभूतियां -पहली अनुभूति बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं गीत नहीं गाता हूं लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में…


कविताः हमारा तिरंगा

-प्रिया सिन्हा तिरंगे के तीन रंग  केसरिया रंग सदा ही बल भरने वाला आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करने वाला मेहनत का फल देने वाला करने पर अथक प्रयास सफलताएं मिलती इतनी ऊँची जितना ऊँचा…


हम सब का अभिमान तिरंगा

-जगदीश गुलिया मेरे देश की है ये शान तिरंगा। हम सब की है ये जान तिरंगा।।   यूँ ही सदा लहराता रहे ये, हम सब की पहचान तिरंगा। कितना सुन्दर कितना प्यारा, हम सब का…