कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…
-प्रिया सिन्हा आज अभी हर-पल, हर-क्षण बस यही सोच रही हूँ मैं, कि सबके सामने अपने प्यार का इजहार कर दूं; चीख-चीख कर सब लोगों को बताऊं और खुद ही, सबके सामने अपने प्यार का…
-दिगम्बर नासवा ढूंढ़ता हूँ बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर उँगलियों से बनाए प्रेम के निशान मुहब्बत का इज़हार करते तीन लफ्ज़ जिसके साक्षी थे मैं और तुम और चुप से खड़े देवदार के कुछ ऊंचे-ऊंचे…
-बिकाश आनंद दुनिया की नजरों में, मैं एक शराबी बन गया, जब से तू गयी है। मैं क्या था और क्या से क्या बन गया… मैं आज भी उसी राह में सोया हूँ,…