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किताब की समीक्षाः अनुराग की स्ट्रगल ऑफ अ स्टार एंड अ ब्यूटीफुल लव स्टोरी

सोशल मीडिया के जमाने में पोस्ट की भरमार हैं। हर तरफ कहानियां बिखरी पड़ी हैं। उन्हें समेटने का जोखिम कुछ ही लोग उठा पाते हैं। अगर ऐसा न होता तो हर कोई किताब ही लिखता।

हम में से बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो उपन्यास पढ़ने के शौकीन जरूर होते हैं। खासकर जब आप कहीं सफर करते हैं। ट्रेन में बैठकर अकेले बोर हो रहे होते हैं तो कुछ लोग या तो ईयर फोन निकालकर गाना सुनना पसंद करेंगे या तो कुछ लोग पढ़ना। लेकिन, यकीन के साथ कह सकता हूं आप गाने के कितने भी शौकीन हों, लेकिन रेल की हॉर्न आपके गाने सुनने की आवाज को दबा देगी। अब आप अगर अपने पुराने दिनों को याद करना चाहें तो सबसे अच्छा है कुछ किताबें पढ़ लें। इसी कड़ी में मैं बताना चाहता हूं कि आज हिन्दी उपन्यास पढ़ने वालों के लिए एक अच्छी बात यह है कि जिस उपन्यास की बात कर रहा हूं वह अंग्रेजी में है, लेकिन आपको इस पुस्तक को पढ़ कर बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि आप अंग्रेजी उपन्यास पढ़ रहे हैं। आप मात्र 2 घंटे के अंदर पूरी किताब पढ़ लेंगे। जी मैं बात कर रहा हूं “स्ट्रगल ऑफ अ स्टार एंड अ ब्यूटीफुल लव स्टोरी” की। यह किताब अमेजन पर 175 रुपये में उपलब्ध है।

ऐसा क्या है खास इस किताब में

नवयुवक लेखक अनुराग मिश्रा द्वारा लिखी गई यह पुस्तक युवा वर्ग के लिए बहुत ही प्रेरणा से भरपूर है। अनुराग मध्य प्रदेश के एक छोटे से कस्बे टीकमगढ़ के रहने वाले हैं, उन्होंने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की कॉलेज लाइफ को रोचक तरीके से दर्शाया गया है। उन्होंने एक बालक के संघर्ष और उससे प्रेरणा लेते हुए उसे कामयाबी तक के शिखर को छूने तक की यात्रा को बहुत ही सरल भाषा में मनोरंजक अंदाज और कहीं कहीं मर्म अंदाज में पेश किया है। इस यात्रा में अपने पढ़ाई के दिनों को और उसी के बीच इश्क के चरमोत्कर्ष को इस तरह से पेश किया है कि निश्चित रूप से आप इसे अपनी कहानी समझकर उनके फैन बन जाएंगे। लेकिन, आप किसी का फैन क्यों बनेंगे। उनकी कहानी से बस कुछ सीख लेते हुए आप भी अपनी मंजिल तक पहुंच जाएं, यही बहुत है। आप इसे बस टाइम पास के लिए एक बार पढ़ तो जरूर सकते हैं।

कहानी एक नजर में

कहानी शुरू होती है अभिमन्यु सिंह के नोबेल पीस प्राइज जीतने से, जिसे जीतने के बाद वह पूरे विश्व के लिए एक नायक बन कर उभरता है। लेकिन, प्रश्न यह है कि कौन है ये अभिमन्यु सिंह, जिससे हर कोई मिलना चाहता है। भोपाल शहर से, जहाँ रहने वाले आईपीएस अफसर अमर सिंह कभी भी अभिमन्यु जैसा लड़का नहीं चाहते थे। बचपन से ही अभिमन्यु कई प्रकार की भयानक बीमारियों से पीड़ित रहता था और अमर सिंह को हमेशा इस बात का डर था कि ऐसा कमजोर बच्चा उनके खानदान के नाम को डुबा देगा। अभिमन्यु के पैदा होते ही उसकी माँ गुजर गई। इसलिए उसका पूरा खयाल ममता ताई रखती हैं। ममता ताई यूँ तो केयरटेकर हैं पर अभिमन्यु के लिए माँ से बढ़कर हैं। यहाँ पर लेखक ने उसके अवसादग्रस्त होने पर भी प्रकाश डाला है जोकि आजकल एक गंभीर समस्या है। कई बार ममता ताई अमर सिंह को अभिमन्यु की माली हालत के बारे में बताती हैं, परन्तु उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है और वे हर बार सरकारी काम के सिलसिले में दिल्ली जाते रहते हैं। जैसे तैसे करके अभिमन्यु 12 वीं कक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास करके दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लेता है और यहाँ उसकी मुलाकात आदर्श और स्वामी नाम के दो मित्रों से होती है आदर्श का बिहारी अंदाज लोगों के दिलों को जीत लेता है। वहीं, दूसरी ओर पुस्तक की नायिका आस्था एक अमीर घराने से संबंध रखती है। एक ओर जहाँ आस्था को एक दिल्ली की लड़की के रूप में दिखाया गया है वहीं, दूसरी ओर अभिमन्यु को एक कमजोर व्यक्तिव के रूप में दर्शाया गया है। धीरे -धीरे प्यार परवान चढ़ता है और फिर वे दोनों घूमने के लिए शिमला जाते हैं। शिमला का मनमोहक चित्रण भी देखने को मिलता है कि अचानक हंसराज कॉलेज में शाहरुख खान के आने से आस्था वापस दिल्ली आने की जिद करती है और यहाँ कहानी का नायक आस्था को शाहरुख खाने से  मिलवाने के लिए पूरी भीड़ से लड़ जाता है। अभिमन्यु कुछ समय के लिए भोपाल जाता है और वहां जाकर देखता है कि अमर सिंह ने किसी दूसरी औरत से शादी कर ली है और ममता ताई का अता-पता नहीं है। यह सब देखकर वह बुरे तरीके से टूट जाता है और हमेशा-हमेशा के लिए सब कुछ छोड़कर दिल्ली आ जाता है जहाँ कहानी की नायिका भी उसे धोखा दे देती है। इन सदमों के कारण वह कॉलेज और अपने मित्रों को छोड़कर चला जाता है और आत्महत्या करने का प्रयास करता है परन्तु उसे बंगला साहिब गुरुद्वारे के महंत बचा लेते हैं और वह एक लम्बा समय गुरुद्वारे में व्यतीत करता है, जहां कुछ समय बाद उसका मित्र आदर्श उसे अपने साथ मुख़र्जी नगर ले जाता हैं।| एक लम्बे समय तक संघर्ष करने के बाद अभिमन्यु सब कुछ भूलकर अपना एक स्टार्ट अप शुरू करता है और वह स्टार्ट अप देखते ही देखते पूरे भारत में फैल जाता है और अभिमन्यु सिंह एक बड़े व्यवसायी के रूप में उभर कर सामने आता है।

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

7 Comments on "किताब की समीक्षाः अनुराग की स्ट्रगल ऑफ अ स्टार एंड अ ब्यूटीफुल लव स्टोरी"

  1. Preet Bhandari | June 1, 2018 at 9:42 AM | Reply

    Fantastic. Ish book k liye word nhi hai. Ish larke ne kmal kar Di.

  2. Vicky bhandari | June 1, 2018 at 9:48 AM | Reply

    Amazing.good job Anurag

  3. Very interesting book.you r hope for new writer

  4. Chanda gupta | June 4, 2018 at 10:38 AM | Reply

    Stunning story Anurag ,

  5. Ashutosh mishra | June 13, 2018 at 12:00 PM | Reply

    Ultimate

  6. Akanksha Bohre | June 14, 2018 at 3:58 PM | Reply

    Amazing it is just fabulous great job ……wish to read your more and more books
    And hope for your glittering future ?

  7. Shivani mishra? | July 12, 2019 at 2:34 PM | Reply

    Amazing story ?

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