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कविताः पुरानी डायरी के पन्ने

गूगल साभार

– संजय भास्कर  

अक्सर जब कभी मिल जाती है

पुरानी डायरी

तब लगभग हर उस शख्स के चेहरे पर

मुस्कराहट आ जाती है

जिन्होंने कभी इस डायरी में

कुछ सपने संजोये होंगे

डायरी में कैद होते हैं चंद खूबसूरत लफ्ज,

कुछ बीती हुई यादें

कुछ ऐसी पंक्तियाँ

जिनमें जिक्र होता है

कुछ पुरानी यादों का

हर उन खूबसूरत लम्हों का

तुम्हारी हँसी का

जो कैद होता है

डायरी के उन पन्नों में

ऐसा हर याद का जिक्र जो

समय के साथ धुँधली याद बन गई है

और आज नजर गई जब

उस डायरी पर

तब एक लम्हे में जिंदगी जी

लेने का अहसास

मुस्कुराहटें कुछ तस्वीरें

और कुछ अधूरी सी कवितायेँ

और बहुत कुछ बीते कल के बारे में

पुरानी यादों को ताजा कर गया

(संजय भास्कर जाने माने लेखक व ब्लॉगर भी हैं)

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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