वक़्त के पन्नों पर (कविता)
जिंदगी तुम कई बार मुसकराहटों के मायने बदल देती हो पढ़ती हो जब भी वक़्त की किताब सोच में पड़ जाती हो हर पृष्ठ इसका विस्मय की स्याही से भरा होता है जिसके मायने तुम्हें…
जिंदगी तुम कई बार मुसकराहटों के मायने बदल देती हो पढ़ती हो जब भी वक़्त की किताब सोच में पड़ जाती हो हर पृष्ठ इसका विस्मय की स्याही से भरा होता है जिसके मायने तुम्हें…
– संजय भास्कर अक्सर जब कभी मिल जाती है पुरानी डायरी तब लगभग हर उस शख्स के चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है जिन्होंने कभी इस डायरी में कुछ सपने संजोये होंगे डायरी में…
-रचना दीक्षित जाने क्यों नहीं बदलते कभी पिता मेरे हों या मेरे बच्चों के जब देखो रहते हैं पिता बचपन में देखा तो पिता बड़ी हुई तो भी पिता उम्र के इस पड़ाव पर जब…
-संजय भास्कर फ्लाईओवर के बारे में कविता लिखना कोई आसान काम नहीं है। फ्लाईओवर के बारे में कविता लिखने से पहले शहर के लोगों के विचार जान लेने जरूरी हैं, जो हर रोज या अक्सर…