पर्यावरण दिवस (कहानी) …और पेड़ कट गया
विकास यह एक गांव की कहानी है, जिसके नाम का कोई मतलब नहीं है। वैसे भी अब ये वैसा नहीं रह गया है, जैसा कि यहां की बूढ़ी आंखों ने देखा था फिर भी अभी…
विकास यह एक गांव की कहानी है, जिसके नाम का कोई मतलब नहीं है। वैसे भी अब ये वैसा नहीं रह गया है, जैसा कि यहां की बूढ़ी आंखों ने देखा था फिर भी अभी…
आओ देशवासियों मिलकर, स्वच्छ भारत का निर्माण करें। सुन्दर स्वच्छ भारत हो अपना, हम स्वच्छता का सम्मान करें।। हर नागरिक को करें जागरूक, स्वच्छ भारत हमें बनाना है । प्रधान मंत्री जी का सपना…
देखो सरहदें अभी भी गुनगुनी सी हैं उबलने से पहले उसमें ‘मुहब्बत की फाँके घोल दो’ क्या ग़ैर तुम, क्या ग़ैर हम चलो, रात आने से पहले ‘इस गिरह के टाँके खोल दो’ दीवारें उम्मीद…
कुछ दिन पहले झूम रहा था जाने क्या हुआ अब उसको उसके मन की करुण दशा भला बताए जाकर किसको सूखे मुरझाए हैं पत्ते, सूखी हर डाली-डाली कहां गई उस तरु की हरियाली गर्मी के…