विश्व मानवाधिकार दिवस पर विशेष
आइए हम सभी मिलकर बातें करते हैं मानवाधिकार की, है तो ये बहुत ही साधारण सब बात पर है ना बेकार की सबसे खास अधिकार रोटी, कपड़ा और मकान साथ ही साथ मिले सबको…
आइए हम सभी मिलकर बातें करते हैं मानवाधिकार की, है तो ये बहुत ही साधारण सब बात पर है ना बेकार की सबसे खास अधिकार रोटी, कपड़ा और मकान साथ ही साथ मिले सबको…
बरसों से तेरे मेरे बीच नहीं है कोई वार्तालाप मगर बन गया है एक रिश्ता तेरे मेरे दरमियान मौन, मौन हाँ…मौन संवाद का जिसमें तुम कुछ कहती भी नहीं हो फिर भी सब मालूम हो…
सब्र चाहिए मुझे परेशां हूँ निकलता हूँ अपने डेरे से रोज उसके लिए कहाँ मिलेगा ये सब्र सब्र चाहिए मुझे मन अपने गति से भी अधिक ढूंढ़ता है उसे पूरी दुनिया देखता है मन पूरे…
वह आय़ा भग्न हृदय से शव को कंधे पर चुपचाप उठाया, दुत्कार दिया गया वह अस्पताल के द्वार से एक एंबुलेंस की खातिर क्योंकि नहीं था, उसके जेब में एक भी पैसा मरी थी उसकी…