कुछ तुझमें हूं मैं, कुछ मुझमें है तूः भारत-पाक
भारत-पाकिस्तान की सरहदें भले ही बंटती हों, लेकिन दोनों मुल्कों में कुछ ऐसी मूक निशानियां है जो आज भी सीमाओं और अपने-पराये के भेद को तोड़ कर ‘कुछ अपना सा बयां करती हैं‘। इतिहास के…
भारत-पाकिस्तान की सरहदें भले ही बंटती हों, लेकिन दोनों मुल्कों में कुछ ऐसी मूक निशानियां है जो आज भी सीमाओं और अपने-पराये के भेद को तोड़ कर ‘कुछ अपना सा बयां करती हैं‘। इतिहास के…
नारी, साहित्य और मीडिया की जब हम बात करते हैं तो हमें ऐसा लगता है जैसे इन तीनों का आपस में कोई गहरा संबंध है। नारी को समाज की पूरक है और साहित्य जो समाज…
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में कीकर का एक पेड़ है, जो छात्रों के बीच ‘वर्जिन ट्री’ के नाम से मशहूर है। लवर्स प्वाइंट के लिए मशहूर कीकर के पेड़ की वेलेन्टाइन-डे के दिन खास…
अध्धा, पऊवा और खम्भा। ये शब्द आधुनिकता में बदले नहीं। कोल्ड ड्रिंक, चखना और चिकेन का जायका लेने का तरीका भी नहीं बदला। बदला बस यही कि किशोरावस्था, वयस्क व वृद्धावस्था तक का सफर। बदला…