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कविता

प्रेम की प्रतीक्षा में, किस तरह उठते हैं प्रार्थना के स्वर

आज हम साहित्य जगत से कुंदन सिद्धार्थ और उनकी कविताओं से रूबरू करा रहे हैं। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के कवि कुंदन सिद्धार्थ की कविताओं में जीवन की सहज अनुभूतियों का समावेश है ।…


प्रवासी साहित्य को लेकर विशेष बातचीत में भावना सक्सैना से जानिये, सूरीनाम में हिंदी की स्थिति कैसी है?

आज हम साहित्य जगत से भावना सक्सैना से रूबरू करा रहे हैं। भावना सक्सैना ने सूरीनाम के हिंदुस्तानी समाज के बारे में लेखन किया है और सूरीनाम के भारतवंशी हिंदी लेखकों के साहित्य का आलोचनात्मक…


हिंदी लेखन को नारीवाद ने कितना प्रभावित किया है, बिहार की कवयित्री डॉ. मीरा से जानिए!

बिहार के आरा की निवासी मीरा श्रीवास्तव की पहचान हिंदी लेखन में मूलत कवयित्री के रूप में है, लेकिन इन्होंने आलोचनात्मक लेखन भी किया है।  प्रस्तुत है इनसे राजीव कुमार झा की बातचीत, लेकिन उससे…


कविता को पहले कविता की शर्तों पर खरा उतरना होता है- संजय कुंदन

साहित्य जगत में तमाम कवि, लेखकों पर चर्चा होती रहती है। हम भी कोशिश करते हैं कि साहित्य में विभिन्न विधाओं पर कुछ न कुछ आपके सामने परोसा जाए। हम कभी कविता पर बात करते…