दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र क्यों होता जा रहा है लोकतंत्र विहीन?
“मजबूत लोकप्रियता, कमजोर लोकतंत्र की निशानी होती है” 2010 में ‘अरब स्प्रिंग’ ने दुनिया में लोकतंत्र के फैलाव को लेकर जो उम्मीदें जगाई थीं वो लगता है अब फिर से गहरी नींद में जा रहीं…
“मजबूत लोकप्रियता, कमजोर लोकतंत्र की निशानी होती है” 2010 में ‘अरब स्प्रिंग’ ने दुनिया में लोकतंत्र के फैलाव को लेकर जो उम्मीदें जगाई थीं वो लगता है अब फिर से गहरी नींद में जा रहीं…
नारी, साहित्य और मीडिया की जब हम बात करते हैं तो हमें ऐसा लगता है जैसे इन तीनों का आपस में कोई गहरा संबंध है। नारी को समाज की पूरक है और साहित्य जो समाज…
दिल्ली विश्वविद्यालय में आए दिन धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। एक ताजा मामला सामने आया है कि पंजाबी विभाग के कुछ छात्र कला संकाय में 4 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। फोरम4 इस…
–काजल अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार और लेखक संघ की ओर से पूर्व राष्ट्रपति स्व डॉ एस राधाकृष्णन की 131वी जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।…