दिल्ली विश्वविद्यालय में गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर वाल पेंटिंग प्रतियोगिता में अलग-अलग कॉलेजों ने भाग लिया।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर वाल पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी के विचारों को विभिन्न महाविद्यालयों से आये कलाकार छात्र -छात्राओं ने अपनी कलात्मक रंगाभिव्यक्ति के जरिए जीवंत कर दिया।
गांधी जी के विचारों तथा उनके स्वच्छता अभियान का खासा आकर्षण दिखाई पड़ा। छात्रों ने गांधी के आंदोलनों और उनके विचारों को खास तरह से दीवार पर रंगाभिव्यक्ति करके विश्वविद्यालय में सृजनात्मकता की उपस्थिति को बयां कर दिया। दांडी मार्च, स्वदेशी आंदोलन महिलाओं के प्रति उनके नजरिए के अलावा छात्रों ने समाज के विभिन्न समस्याओं से जुड़ी पेंटिंग्स भी बनायी। उन्होंने गांधी जी के सपनों के भारत से उनके टूटते सपनों के प्रति उनकी क्षुब्धता को पेंटिंग का आधार बनाया।
प्रो. अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रतियोगिता गांधी के विचारों की कलात्मक अभिव्यक्ति है और युवाओं की गांधी के प्रति श्रद्धांजलि है। वहीं कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डीयू में डिप्टी डीन डॉ. गीता सहारे ने कहा कि ग़ांधी जी आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत्र हैं। युवा पीढ़ी को उनसे यह सीख लेनी चाहिए कि सादा जीवन, उच्च विचारों के जरिये जीवन को सुंदर व स्वस्थ बनाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा जीवन मेरा संदेश है, इन्हीं सिद्धान्तों को लेकर वे जीवन पथ पर चले थे।
डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने इस आयोजन पर अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि हम दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हैं कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार इस तरह का आयोजन करके न केवल नया इतिहास सृजित किया है बल्कि ग़ांधी को रंगों के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का काम किया है। डॉ. गीता सहारे ने आयोजन मंडल के सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया है तथा प्रतिभागी महाविद्यालयों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया कि उन्होंने इतने कम समय मे इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे हमारी मदद की। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रत्येक महाविद्यालयों मे भी आयोजित कराने की बात कही।
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