प्रबंध समिति जीबी के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा के आदेश पर दफ्तर सील कर दिया गया। 24 सितंबर को हुई जीबी की बैठक के बाद प्राचार्य डॉ. आइएस बक्शी को छुट्टी पर भेज दिया गया।
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज (मॉर्निंग) में एक बार फिर गवर्निंग बॉडी (जीबी) के अध्यक्ष और प्राचार्य आमने-सामने हैं। अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने शुक्रवार शाम को प्राचार्य आईएस बक्शी का दफ्तर सील करवा दिया। सिन्हा ने बताया कि गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह फैसला लिया गया है क्योंकि डॉ बख्शी अपने खिलाफ हो रही जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे पहले 24 सितंबर की जीबी की बैठक में बक्शी को छुट्टी पर भेजने का फैसला लिया गया था, मगर बक्शी दफ्तर आते रहे। साथ ही, अध्यक्ष ने नोटिस जारी कर प्राचार्य का कॉलेज परिसर में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बीच दयाल सिंह कॉलेज सांध्य के प्राचार्य डॉक्टर पवन कुमार शर्मा को उनकी जगह पर कार्यभार सौंप दिया गया है। अब प्राचार्य तभी परिसर के अंदर आएंगे, जब अपने खिलाफ हो रही जांच कमिटी के कन्वेनर ओपी मलिक (रिटायर्ड आईपीएस) को लिखित में इसकी जानकारी देंगे।
डॉ. बक्शी ने बताया कि वह शुक्रवार को रोजाना की तरह अपने दफ्तर गए थे और बाद में उन्हें पता चला है कि उनके कॉलेज से जाने के बाद उनका दफ्तर सील कर दिया है। साथ ही नोटिस भी चिपका दिया गया है। देर शाम उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी वह विश्वविद्यालय को दे रहे हैं और वह चाहते हैं कि विवि प्रशासन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी इस मामले को देखें क्योंकि किसी मनमानी पर कॉलेज नहीं चल सकता। उनका कहना है कि मनमाने ढंग से उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
शुक्रवार को जीबी अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने कहा कि बक्शी के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के कई आरोप हैं, जिसके लिए पिछले महीने जांच कमिटी बनाई गई थी मगर वो कमिटी को सहयोग नहीं दे रहे हैं। साथ ही, पिछली बैठक में नोटिस जारी कर उन्हें जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेजा गया था मगर वह नहीं माने और कॉलेज आकर प्राचार्य का कार्यभार देखते रहे। सिन्हा ने कहा, उनको हम दोषी नहीं कह रहे हैं मगर आरोप की जांच तक उन्हें सहयोग देना चाहिए। डॉ. बक्शी से बैंक से जुड़े कामों को देखने की पावर पहले ही ले ली गई थी।
दोनों की टकरार की वजह से शिक्षक का पीएफ, रिएंबरर्समेंट में बैंक में नहीं पहुंच पा रहा है। अध्यक्ष के खिलाफ डीयू अकादमी परिषद के सदस्य ने भी कुलपति को लिखा है।
कॉलेज में इस तरीके से तनातनी का माहौल कॉलेज संघ के चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीते एबीवीपी से रोहन अवाना के मामले से उठा है। प्राचार्य पर अवाना ने आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे कहा कि वह परिसर में जाति और भगवाकरण की राजनीति नहीं चलने देंगे। अवाना ने यह भी कहा था कि प्राचार्य ने उन्हें बर्खास्त करने की धमकी भी दी थी।
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