– संजय भास्कर
बारिश और भुट्टा
कहीं धूप है, तो कहीं छांव है। मानसून का मौसम है। हर तरफ बारिश ही बारिश है। मौसम सुहाना है। ऐसे में बारिश की फुहारों और बादलों की अठखेलियों के बीच खाने को कुछ खास मिल जाए, तो दिन बन जाता है। बारिश का इंतजार वैसे तो सबको होता है पर सबसे ज्यादा उसे होता है, जिसे बारिश और बारिश का मौसम दोनों ही पसंद हों। बारिश में भीगते हुए घर से बाहर जाने में एक अलग ही मजा होता है। खासकर सड़क के किनारे खड़े ठेले से भुट्टा (भुना) लेने की बात याद आते ही आज भी हम सेंके हुए भुट्टे की सोंधी सुगंध के साथ लगाये गये नींबू-नमक का अंदाज ही मुंह में पानी ला देता है। साथ ही पीले रंग का भुट्टा देखते ही आज भी भी दिल मचल जाता है और आग पर भुने भुट्टे न जाने कितनी स्मृतियाँ जगा देते हैं बचपन की। हर मौसम की बात अलग होती है, पर इस बारिश वाले मौसम की बात ही अलग है।
भुट्टे में पौष्टिक तत्व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन होता है। हालाँकि इस प्रोटीन को अपूर्ण प्रोटीन माना गया है, क्योंकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल जैसे ट्रिप्टोफेन, सिस्टीन तथा मिथियोनिन आदि अल्प मात्रा में होते हैं।
आइये भुट्टे के बारे में रोचक तथ्यों की जानकारी
1. आयुर्वेद में भुट्टा खाने के कई फायदे गिनाए गए हैं। यह प्यास को शांत करने वाला होता है। अच्छी बात यह है कि एक ओर जहां बहुत सी चीजें पकने के बाद अपना पोषक गुण खो देती हैं वहीं भुट्टे का यह गुण और बढ़ जाता है।
2. भुट्टा कैरेटोनॉएड और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी ये बहुत फायदेमंद है। इसमें कोलेस्ट्रॉल न के बराबर होता है और इसलिए यह दिल की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है।
3. भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन और फॉस्फोरस पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।
4. भुट्टे में मौजूद विटामिन बी व फोलिक एसिड शरीर में खून की कमी को रोकते हैं। इसे खाने से आयरन की कमी पूरी होती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं।
…तो आप भी इस बारिश के मौसम के साथ भुट्टे का भी आनंद जरूर लीजिये।
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