दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड़ (डीएसएसएसबी ) की शनिवार 13 अक्टूबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में हिंदी भाषा और बोध अनुभाग के एक प्रश्न में जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया गया था। प्रश्न पत्र में अनुसूचित जाति की एक जाति विशेष और समुदाय को लेकर प्रश्न पूछा गया। बोर्ड ने जो सवाल शिक्षक पात्रता परीक्षा में पूछा है उसे लेकर जाति विशेष में गहरा रोष व्याप्त है।इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने सोमवार को डीयू के मौरिस नगर पुलिस थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
हो सकता है बड़ा आंदोलन, डीएसएसएसबी की परीक्षा में चमार जाति को लेकर इस तरह का पूछा प्रश्न
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के चेयरमैन व डीयू की विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि प्राथमिक शिक्षक की भर्ती की परीक्षा में जाति विशेष पर जो प्रश्न पूछा गया है उसको लेकर सोमवार को उन्होंने डीयू के मौरिस नगर पुलिस थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही उन्होंने एससी, एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी शिकायत की है। शिकायत में लिखा है कि 13 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने पोस्ट कोड–16/17& 01/18 की जो परीक्षा ली गई थीं उसमें चमार जाति के संदर्भ में प्रश्न नम्बर-69 के 74 पेज नम्बर- 9 में पूछा गया है कि पंडित : पंडिताइन :: चमार : चमाराइन, चमारिन, चमारी, चमीर? प्रश्न पत्र में जाति विशेष पर टिप्पणी की गई थी जिसे लेकर फोरम ने अपना रोष जताया है।
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