दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की ओर से शनिवार यानी 13 अक्टूबर को दिल्ली में शिक्षकों की भर्ती को लेकर परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में चमार जाति को लेकर एक ऐसा प्रश्न पूछ लिया गया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब सवाल उठाए जा रहे हैं।
यह पूछा गया प्रश्न
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा में पोस्ट कोड -16/17 & 01/18 की परीक्षा में चमार जाति के संदर्भ में प्रश्न न. 69 पेज न. 9 में पूछा गया है कि
पंडित : पंडिताइन :: चमार :
चमाराइन
चमारिन
चमारी
चमीर
भीम शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में इस तरह के जाति संदर्भित प्रश्न पूछने पर जातिवादी मानसिकता पर प्रश्न खड़े करते हुए दिल्ली के भीम शिक्षकों ने गहरा रोष जताया है। शिक्षकों ने कहा कि यही सोच भारत के विकास में अवरोध उत्पन्न करता है। सरकारी संस्थानों में विशेषकर शिक्षण संस्थानों में ऐसे प्रश्न पूछकर जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है जो संबंधित जातियों के लिए एक उत्पीड़न के समान है। जो शिक्षण संस्थान देश के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह कई दशकों से करती आ रही हैं वहां इस तरह की मानसिकता हमारे समाज और देश को पीछे ही ले जाएगी। इसका परिणाम भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। जिस जाति के संदर्भ में सवाल पूछा गया है उस जाति की देश में करोड़ों की संख्या है, जो श्रमजीवी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह के सवालों को नहीं पूछा जाना चाहिए क्योंकि इससे उस जाति के लोंगो की भावना को ठेस पहुंचती है।
बोर्ड के चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग
टीचर्स एसोसिएशन की ओर से दिल्ली विश्वविद्यालय की विंग के चेयरमैन व विद्वत परिषद के सदस्य प्रो .हंसराज ‘सुमन’, एसोसिएशन के चेयरमैन मांगेराम, महासचिव रामकुमार पालीवाल, नंदकिशोर, सतेंद्र गौतम, नरेन्द्र कुमार, धर्मबीर गौतम ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, भारत के गृहमंत्री, माननीय प्रधानमंत्री और महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि बोर्ड के चेयरमैन को तत्काल बर्खास्त किया जाए और भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों से इस तरह के सवाल न पूछे जाए जो किसी जाति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाये।
यूनियन के चेयरमैन श्री मांगेराम व महासचिव श्री रामकुमार पालीवाल ने चेतावनी दी है कि इस मांग को लेकर दिल्ली के भीम शिक्षक (एससी, एसटी) जबरदस्त आन्दोलन कर सकते हैं। इसे लेकर जल्द ही एसोसिएशन की बैठक होने वाली है।
हम ऐसी मानसिकता रखने वालों तुरंत बर्खास्त करने की मांग करते हैं।
ये सुचक प्रश्न नहीं करना चाहिए था
ये जातिबाद प्रश्न नही पूछना चाइये था
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