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इतिहासकार को निष्पक्ष होकर शोध करना चाहिएः पद्मश्री डॉ. आरएस बिष्ट

-चंदा गुप्ता

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में हर साल की तरह इस साल भी शुक्रवार को इतिहास विभाग के अन्तर्गत “हेरिटेज हिस्ट्री एसोसिएशन” ने ‘डॉ विजयनाथ मेमोरियल लेक्चर सीरीज’ आयोजित किया। इसका विषय “इन द ट्रैल ऑफ़ द इन्डस वेली सिविलाईजेसन” रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक पद्मश्री डॉ. आरएस बिष्ट औऱ पुरातत्वविद्, संग्रहालयविद एवं कला इतिहासकार प्रोफ़ेसर डीपी शर्मा ने छात्राओं तथा प्राध्यापकों को अपने अमूल्य शोधपरक ज्ञान से सम्बोधित किया।

पद्मश्री डॉ बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा कि शोधार्थी या इतिहासकार को निष्पक्ष भाव से शोध-उत्खनन कर सही-सही जानकारी समाज के बीच रखनी चाहिए, जिससे कि आने वाली पीढ़ी पुरातात्त्विक इतिहास के सर्वेक्षण को सम्यक् रूप से जान सके। डॉ बिष्ट को हड़प्पा वृहत स्थल धौलविरा के उत्खनन का श्रेय दिया जाता है। वहीं प्रोफेसर शर्मा ने राखीगढ़ी के साथ-साथ विभिन्न हड़प्पाई स्थलों के खुदाई पर जोर देकर समसामयिकी इतिहास के तुलनात्मक अध्ययन पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहास विभाग प्रमुख वरिष्ठ प्राध्यापक स्मिता मित्रा के सानिध्य में हुआ। सभी अन्य प्राध्यापको की उपस्थिति मे कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित तथा अतिथियों को पुष्पगुच्छ- शाल भेंट के साथ हुआ। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. स्वाति पाल ने छात्राओं को अपने इतिहास और विरासत से जुड़ने को कहा। कार्यक्रम के अन्त मे विभाग के अन्य प्राध्यापकों डॉ. सौम्या गुप्ता, डॉ. तारा नेगी, डॉ. मनीषा अग्निहोत्री, डॉ. नताशा और छात्राओं की ओर से विशेषज्ञों से सवाल भी पूछे गए। कार्यक्रम का समापन डॉ. शिव प्रसाद पांचे के धन्यवाद भाषण के साथ सम्पन्न हुआ।

इस अवसर का लाभ इतिहास विभाग के प्राध्यापक-छात्राओं के साथ-साथ कॉलेज के सभी विभाग के प्राध्यापक-छात्राओं ने उठाया।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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