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सकारात्मक राष्ट्रवाद पर चर्चा में दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने क्या कहा, जानिए

दिल्ली विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में हुई परिचर्चा

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जयंती पर जुबली हॉल छात्र संघ ने “सकारात्मक राष्ट्रवाद और भविष्य का भारत” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान का संदर्भ विज्ञान और शिक्षा था। मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली के रोजगार और विकास मंत्री गोपाल राय को आमंत्रित किया गया था। अन्य वक्ताओं में आंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रदीप कुमार और जुबली हॉल के आरटी डॉ. मुहम्मद नईमुद्दीन भी मौजूद थे।

मुख्य अतिथि तथा वक्ता गोपाल राय ने कहा कि जब हम सकारात्मक राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो इसका अर्थ यह भी है कि नकारात्मक राष्ट्रवाद भी है। हमें दोनों में फ़र्क को समझने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद को समझने के लिए राष्ट्र की अवधारणा को भी समझना ज़रूरी है। भारत के संदर्भ में राष्ट्र भारत की विविधताओं को एक करने पर बनता है। सकारात्मक राष्ट्र को वह परिभाषित करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रवाद मुहब्बत के आधार पर बनता है। जब हम किसी भी राष्ट्र की सकारात्मक ऊर्जा को जोड़कर उससे प्रगति की बात करते हैं, तो उसे सकारात्मक राष्ट्रवाद कहते हैं। उन्होंने कहा कि नकारात्मक राष्ट्रवाद अपने दल की सकारात्मक ऊर्जा को जोड़कर चलता है जबकि सकारात्मक राष्ट्रवाद पूरे देश की सकारात्मक ऊर्जा को जोड़कर चलता है। वह कहते हैं कि एक ही धर्म और एक ही भाषा से उत्पन्न राष्ट्रवाद नुकसानदायक है। इस संदर्भ में वह जर्मनी और पाकिस्तान का उदाहरण देते हैं। जर्मनी का नायक हिटलर आत्महत्या कर लेता है, लाखों लोग त्याग करते हैं और अंततः जर्मनी दो टुकड़ों में बंट जाता है। वहीं, पाकिस्तान में राष्ट्रवाद के नाम पर सबसे ज़्यादा लोग मारे जाते हैं।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार ही सकारात्मक राष्ट्रवाद को दे सकता है जन्म

उनका कहना है कि हमें पाकिस्तान और जर्मनी के कदमों पर नहीं चलना है। भारत विविधताओं का देश है। वही उसकी ख़ासियत है। भारत की संस्कृति और सभ्यता एक नहीं रही है। भारत को एक व्यक्ति पैदा नहीं करता। हमें ज्ञान और विज्ञान पर ज़ोर देते हुए ही आगे बढ़ना है। इसके लिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना ज़रूरी है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार ही सकारात्मक राष्ट्रवाद को जन्म दे सकता है। दूसरा, स्वास्थ्य पर ध्यान देना ज़रूरी है। शिक्षित और स्वस्थ भारत से ही समृद्ध भारत बनाया जा सकता है। व्यक्ति, समाज और राष्ट्र यदि सकारात्मक राष्ट्र की ओर बढ़ता है तो यह भारत को समृद्ध कर सकता है।

डॉ. नईमुद्दीन ने अपने व्याख्यान में जुबली हॉल छात्र संघ को लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जुबली हॉल में जितने भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, सभी पक्षपात रहित होते हैं। वे विचारों को लेकर स्वतंत्र हैं। सभी दृष्टिकोणों का यहां स्वागत किया जाता है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए उन्होंने दिल्ली सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है। ज़मीनी स्तर पर भी यह दिखाई देता है। उन्होंने एक निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों में नहीं जाना चाहते।

प्रदीप कुमार ने जुबली हॉस्टल के अपने पुराने दिनों को साझा किया, जब वह जुबली के छात्र हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि लग रहा है कि जुबली हॉल के पुराने दिन लौट रहे हैं। वह कहते हैं कि ये अच्छी बात है कि अकादमिक मसलों पर बहस हो, लेकिन अकादमिक बहसों का राजनीतिक या सामाजिक परिप्रेक्ष्य होना ज़रूरी है। उन्होंने भी शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का भी ढांचा डीपीएस स्कूलों जितना बेहतर हो गया है। शाहदरा जैसे क्षेत्र में भी ये बदलाव नज़र आते हैं। दिल्ली सरकार ने प्राइमरी और माध्यमिक शिक्षा पर काम किया है। अब वह अपना ध्यान उच्च शिक्षा पर केंद्रित करना चाहती है। वह कहते हैं कि जब हम सकारात्मक राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो उसे समझने के लिए राष्ट्रवाद क्या है, उसका ढांचा क्या है तथा राष्ट्रवाद की विभिन्न धारणाओं पर गौर फ़रमाना ज़रूरी है।

फोरम4 से विशेष बातचीत में जुबली हॉल छात्र संघ के अध्यक्ष चंदन कुमार ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरीके से आयोजित परिचर्चा से ही हम देश के लिए कुछ सकारात्मक दिशा में सोच सकते है। अंत में छात्रों ने गोपाल राय से राष्ट्रवाद और देश के विकास तथा नीतियों से संबंधित प्रश्न भी किए।

 

(यह समाचार फोरम4 की रिपोर्टर सुकृति गुप्ता ने लिखा है। सुकृति कई पत्र-पत्रिकाओं में भी कविता, कहानी और लेख स्वतंत्र रूप से लिखती रहती हैं)

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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