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डीयू कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ग्रहण किया पदभार, स्थायी नियुक्ति और पदोन्नति के मुद्दे पर शुरू होगा काम!

दिल्ली यूनिवर्सिटी एंड कॉलेजिज एससी, एसटी एम्प्लवाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में किताब चिह्न पर लड़े चुनाव में अपनी जीत के बाद नव निर्वाचित अध्यक्ष राजबीर सिंह और महासचिव बालकिशन शोकरिया के नेतृत्व में आज टीम ने अपना पदभार ग्रहण किया।

ये हैं पदाधिकारियों के नाम

अध्यक्ष पद पर राजबीर सिंह, महासचिव पद के लिए बालकिशन शोकरिया, उपाध्यक्ष पद पर कुसुम रानी, अशोक कुमार केम, अनिल कुमार, सचिव पद के लिए उमेश चंद सहसचिव पर मीना कुमारी, केदारनाथ, अरुण कुमार, कोषाध्यक्ष के लिए जगदीश लाल भाटिया के अलावा प्रचार सचिव धर्मेश बेनीवाल चुने गए। एसोसिएशन के सभी नव निर्वाचित सदस्यों ने अपने पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की, जिसमें सभी ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर काम करने का संकल्प लिया।

पदभार ग्रहण करने के अवसर पर विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। प्रो. सुमन ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों के सामने पांच मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण है। इनमें लंबे समय से स्थायी नियुक्ति का न होना, 10 साल से अधिक रुकी हुई प्रमोशन का न होना, साथ ही शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों का रोस्टर रजिस्टर तैयार नहीं करना, बैकलॉग वैकेंसी को सामान्य में बदलाव करना के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षित वर्गों के कर्मचारियों पर अत्याचार होने पर ग्रीवेंस सेल द्वारा सही तरीके से काम नहीं करना शामिल हैं।

उनका कहना है कि जिस दिन दिल्ली विश्वविद्यालय में एससी, एसटी का शिक्षक, कर्मचारी और छात्र एक प्लेटफार्म पर आ गए तो हर काम आसानी से होगा। जिस तरह से आज शिक्षक और कर्मचारी एक साथ बैठे हैं हमारा अगला कदम छात्रों को भी एक मंच पर लाना है, फिर मजबूती के साथ डीयू प्रशासन से अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं। उन्होंने प्रस्ताव रखा है कि जल्द ही इस विषय पर काम किया जाये और सबको साथ लेकर लंबे समय से रुकी हुई नियुक्ति व पदोन्नति के मामले को खुलवाया जाए।

नव निर्वाचित अध्यक्ष राजबीर सिंह ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता लंबे समय से रुकी हुई स्थायी नियुक्ति व पदोंन्नतियों को चालू करना है। साथ ही चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में कर्मचारियों से जो वायदे किये थे उन वायदों पर खरा उतरना है, इसके लिए जल्द ही नए पदाधिकारी डीयू प्रशासन के सामने मांग पत्र रखेंगे, यदि हमारी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जायेगा।

एसोसिएशन के महासचिव श्री बालकिशन शोकरिया ने अपने संबोधन में कहा कि कर्मचारियों की नियुक्तियों के लिए किसी भी कॉलेज ने भारत सरकार के अनुसार 200 पॉइंट पोस्ट बेस्ड रोस्टर तैयार नहीं किया है, न ही रोस्टर रजिस्टर बनाया गया है, साथ ही नियुक्तियों व पदोंन्नतियों के लिए अलग से बैकलॉग वैकेंसी को नहीं निकाला जा रहा है। इससे कर्मचारियों में डीयू कॉलेज प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है।

शोकरिया ने बताया है कि पिछले 15 साल से कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हुई है, जिन विभागों में अनुकंपा के आधार पर वे काम कर रहे हैं उन्हें आज तक स्थायी नहीं किया गया है। पार्ट टाइम, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कराकर उन कॉलेजों व विभागों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू पर दबाव बनाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि डीयू के 4 कॉलेजों को अल्पसख्यंक कॉलेज का दर्जा देने से एससी, एसटी का आरक्षण खत्म कर दिया गया। इसे बहाल करना, स्पेशल सेल में शिक्षकों व कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करना, सभी कॉलेजों का रोस्टर वेबसाइट पर डलवाना आदि मुद्दों पर लड़ना और समाधान कराना एसोसिएशन की प्राथमिकता में है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव ने कर्मचारियों के सामने यह प्रस्ताव रखा है कि प्रो. हंसराज सुमन को सलाहकार और संरक्षक के रूप में रखा जाये ताकि समय-समय पर हमारा मार्गदर्शन करते रहें। इसे उन्होंने स्वेच्छा से स्वीकार भी कर लिया। कार्यक्रम में रूपचंद, रंजीत कुमार, विकास कुमार के अलावा ओबीसी एसोसिएशन के महासचिव धनराज पोषवाल भी उपस्थित थे।

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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