-सरिता
अधूरी ख्वाइशें को पूरा करने
कुछ अधूरे सपनों को पूरा करने
जाओ तुम फिर लौट आना…
उन अनजान पलों में तुम अपने बनकर
मदमस्त हवाओं में खुशबू बनकर
चलती सांसो की वजह बनकर
जाओ तुम फिर लौट आना…
गमों के बादल में
फिर से मेरे आँखों के काजल में
खेलने फिर मेरे आँचल से
चाहो तो फिर लौट आना तुम…
छोड़ आना मजबूरियां अपनी
साथ जीने को मेरे ले आना ज़िन्दगी अपनी
छोड़ कर हर वो दस्तूर
जो ले जाए तुम्हें मुझसे दूर
चाहो तो फिर लौट आना एक बार…
करने ये कहानी पूरी
जरूर फिर से लौट आना तुम ….
(सरिता सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रही हैं)
अति सुन्दर कविता