सावन का महीना है और रिमझिम बारिश के साथ ही नए सत्र की शुरुआत हो गई। कॉलेज में कक्षाएं 20 जुलाई से शुरू हो गई हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के चाहे वो नॉर्थ कैम्पस के कॉलेज हों या फिर साउथ कैम्पस दोनों ही अपने आप में खास हैं। देश की राजधानी में जहां राज्यों से ही केवल नहीं बल्कि विदेशों से लोग आते हैं और रहते हैं। ऐसे में गांव से आया एक छात्र जो कभी किसी दूसरे राज्य के लोगों से मुलाकात नहीं कर पाता उसके लिए डीयू वह सब सम्भव कर देता है, जो शायद अन्य विश्वविद्यालयों में अवसर नहीं प्राप्त होते। खासकर किसी दूसरे देश या राज्य की भाषा और संस्कृति देखने, सुनने और सीखने को मिलती है।
कॉलेज में अपना ज्यादातर समय ऐसे बिताएं
कॉलेज में ज्यादातर छात्रों के दिल्ली के बाहर से आने के बाद अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें कॉलेज में ही अधिक समय दोस्तों के साथ बितानी चाहिए। निःसंकोच हर किसी से बात करनी चाहिए और जो भी आपके करीब लगे या बातचीत करने लग जाए उससे अपनी समस्याओं को भी साझा करनी चाहिए। हर कक्षा में पढ़ने के लिए जरूर उपस्थित हों और खाली समय में लाइब्रेरी जाएं। उसके बाद अपने बोरियत के पल को कैंटीन में जाकर गपशप करके बेहतरीन बना सकते हैं।
एक्सट्राकुरिकुलर एक्टिविटीज में लें भाग
अगर आपकी रुचि पढ़ाई से अलग किसी चीज में हो जैसे कविता, कहानी, गीत गाना, डांसिग तो उसके लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता में जरूर भाग लें। कॉलेज की उन सोसाइटियों का हिस्सा भी बने जहां आप अपना समय अपने रुचि के कामों में लगा सकें।
अगर आपके पास कॉलेज की सोसाइटी में काम करने के लिए न भी हो तो कॉलेज के अलावा कोई और प्लेटफार्म इसके लिए प्रयोग कर सकते हैं।
घर जाने के बाद ये काम जरूर करें
ज्यादातर छात्रों का गैजुएशन के बाद एक सपना होता है कि वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें। इसके लिए आपको सामान्य ज्ञान के साथ –साथ करेंट अफेयर्स के लिए तैयारी करने की जरूरत होती है, ऐसे में छात्रों को एक समाचार पत्र दोनों ही भाषा में जरूर पढ़नी चाहिए। साथ ही कॉलेज लाइब्रेरी में ही बैठकर किसी पत्रिका को पढ़ने के लिए कुछ पल जरूर निकालनी चाहिए। कुछ छात्रों के साथ जो हिंदी माध्यम से पढ़े होते हैं कम से कम उन्हें ऐसा करने से जरूर फायदा मिलेगा। अगर परीक्षाओं की तैयारी न भी करनी हो तो कम से कम इससे शब्दकोष में बढ़ोतरी होगी।
हॉस्टल में ऐसे रहेंगे तो हमेशा रहेंगे मस्त
छात्र जिन्हें हॉस्टल मिल जाता है, उन्हें यहां हर वो सुविधाएं मिलती हैं जो शायद घर पर भी नहीं होती। खाना, कॉमन रूम, प्ले ग्राउंड, घूमने की जगह, हमउम्र के तमाम दोस्तों का साथ। सबसे बातचीत करने की आदत डालें। खाली समय में दोस्तों के साथ किसी ऐसे जगह घूमने भी जा सकते हैं जहां आपका मन लग सके। अगर आपको किसी भी सीनियर या अन्य किसी व्यक्ति से रैगिंग आदि के संबंध में दिक्तत हो तो उसके लिए ह़ॉस्टल और अपने विभाग के अधिकारी से संपर्क करने में संकोच न करें।
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