-साहित्य मौर्या
12 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) का चुनाव होने वाला है यह दिन जैसे-जैसे क़रीब आ रहा है। परिसर में सौहार्द ख़त्म होता जा रहा हैं। पिछले कई साल यह चुनाव आरोप-प्रत्यारोप के बीच से गुज़रते देखा गया है, लेकिन इस साल यह चुनाव आरोपों-प्रत्यारोपों से कहीं आगे निकल ख़ून-ख़राबे पर आ गई है। हालिया बीते दिनों में देशबंधु कॉलेज, श्रद्धानंद कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज और लॉ कैम्पस के दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं इसमें सबसे अधिक संलिप्तता एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) की बताई जा रही है। ज़्यादातर जगहों पर एनएसयूआइ और एबीवीपी के विद्यार्थियों के आपस में झड़प की ख़बरें आ रही हैं तो वहीं, किरोड़ीमल कॉलेज में आइसा और एबीवीपी के बीच भी आपसी झड़प के मामले दर्ज किए गए हैं।
जनसता समाचार पत्र में छपे एक ख़बर के अनुसार लक्ष्मीबाई कॉलेज जो लड़कियों का कॉलेज है, यहां दो छात्र समूहों के हिंसक झड़प में पूर्व डूसू सचिव करिश्मा ठाकुर घायल हो गईं। करिश्मा ठाकुर पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिसके बाद डूसू चुनाव का माहौल और भी तनाव पूर्ण हो गया है। हालाँकि स्थिति को देखते हए प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है।
उधर एक अन्य ख़बर के मुताबिक़ एनएसयूआई ने कहा कि श्रद्धानंद कॉलेज में छात्र समूहों को डराने, चुनाव प्रभावित और अराजकता फैलाने के लिए कुछ लोगों ने हवा में गोलियाँ चलाई। लक्ष्मीबाई और देशबंधु कॉलेज में दो विरोधी छात्र गुटों के आपसी लड़ाई में कई छात्र ज़ख़्मी हुए और कई वाहनों को नुक़सान पहुँचाया गया।
इन सब घटनाओं को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के उम्मीदवारों ने पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से मिलकर कैम्पस की मौजूदा हालात से रूबरू कराने का फ़ैसला किया तो वहीं, एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ़िरोज़ ख़ान ने उम्मीदवारों के ऊपर हो रहें हमले को देखते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
बहरहाल, इन सभी पहलुओं को देखते हुए और चुनावी व्यवस्था की प्रक्रिया की निष्पक्षिता को बरक़रार रखने के लिए स्थानीय प्रशासन को ख़ासा ध्यान रखने की ज़रूरत है। आरोप-प्रत्यारोप, हिंसक और ख़ूनी स्तर का रूप धारण कर ले, इससे पहले उस पर लगाम लगाने और सुरक्षा व्यवस्था चुस्तस दुरुस्त रखने की ज़रूरत है।
(“साहित्य मौर्या” जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली में पत्रकारिता विभाग के छात्र हैं)
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