दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन की हठधर्मिता के चलते साइंस के हज़ारों छात्रों का भविष्य संकट में है। ज्ञात हो कि 8 अप्रैल 2019 से लैबकर्मी अपनी लंबित मांगों प्रायोगिक परीक्षाओं के भत्ते को थ्योरी के अनुरूप बढ़ाने तथा संशोधित भर्ती नियमों को लागू करवाने आदि को लेकर डीयू में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं।
डीयू अधिकारियों से कई बार बातचीत होने के बाद भी कोई हल नहीं निकला है, जिसके कारण २२ अप्रैल को भी धरना जारी रहेगा। इसकी वजह से प्रायोगिक परीक्षाओं पर गहरे संकट छा गए हैं। इससे हजारों विज्ञान के छात्रों का भविष्य भी संकट में है।
लैबकर्मी पिछले दो साल से इन मांगों के लिए संघर्षरत हैं परन्तु डीयू अधिकारियों की तरफ से कर्मचारियों को सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला है, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है और आज लैबकर्मियों को प्रायोगिक परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ा है।
डुकुलसा (डीयू कॉलेज लैब स्टाफ एसोसिएशन) के महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि हमारी मांग है कि डीयू कुलपति इसमें दखल दें और हमारी माँगों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
डीयू: लैब कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी, प्रशासन नहीं ले रहा सुध
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