देश के नामी विश्वविद्यालय चाहे वो जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जेएनयू, डीयू हो या फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय। यहां से अधिक संख्या में छात्र अपनी सफलता प्राप्त कर अपना करियर बनाते हैं। लेकिन इन सबके अलावा इन्हीं विश्वविद्यालयों में जहां से आजादी को लेकर बहुत बड़े-बड़े क्रांतिकारी पैदा हुए, यहां अब भी ऐसा ही कुछ हाल है कि वो भेदभाव, संकुचित मानसिकता से आजादी नहीं मिल सकी उन छात्रों को जो अपने हक के लिए आवाज उठाते रहे हैं। ऐसा होता आया है कि गरीब, दलित, शोषित छात्र किसी न किसी वजह से अपनी आवाज बुलंद करने पर मौत के शिकार होते आए हैं। वो चाहे रोहिथ वेमुला ही क्यों न हो या नजीब जैसा छात्र। ऐसे में एक सवाल उठना तब और लाजमी हो जाता है जब छात्र को धमकी भरा खत उसके ही छात्रावास में मिलता हो और वह भी देश का नामी विश्वविद्यालय- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय।
बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) के बहुजन छात्र इकाई के सक्रिय सदस्य रहे चंदन सागर के छात्रावास स्थित उनके कमरे में उनकी अनुपस्थिति में एक खत मिला है। यह खत धमकी भरा औऱ शर्मनाक भी है। बता दें कि चंदन काशी हिंदू विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन केंद्र का छात्र हैं और विश्वविद्यालय के राजा राम मोहन राय छात्रावास के कमरा नं. 112 में रहते हैं। 16 अप्रैल को उनकी अनुपस्थिति में कमरे में छोड़ा गया जान से मारने की धमकी भरा पत्र मिला। यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। चमार और अभद्र जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल के साथ चंदन को इस पत्र में बीएचयू के गेट पर मारने की धमकी भी दी गई है। इस बारे में पुलिस से शिकायत करने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर लिया है।
बीएचयू के छात्र रवींद्र भारतीय ने बताया कि यह पत्र चंदन के फेसबुक पर एक पोस्ट को लेकर की गई है, जिसमें दो फोटो शेय़र की गई हैं। उन तस्वीरों में से एक में एक साधु के रूप में आदमी एक बच्चे पर पैर रख रहा है। दूसरी तस्वीर में दुर्गा जी के मंदिर में बूढ़ी औरत भीख मांग रही है। इन तस्वीरों के कैप्शन में चंदन ने लिखा है कि- हिंदुओं के देवी देवता और ढोंग- रोग सदियों पुराना, अहंकार में इतना इतराना। परिणाम खात्मा।
गौरतलब हो कि धर्म के बारे में एक पोस्ट के बाद चंदन को यह खत उस पोस्ट को डिलीट करने के लिए लिखा गया औऱ कहा गया कि पत्रकार, समाजसेवक औऱ फोटोग्राफर बनने की कोशिश इस महामना की बगीया से बाहर ही करना। इसमें यह भी लिखा गया कि सवर्ण हमेशा से तुमसे ऊपर हैं। पत्र में आपत्तिजनक शब्दों का इसतेमाल करते हुए गेट पर मारने की धमकी भी दी गई है। सवाल यह उठता है जहां शिक्षा का केंद्र है वहीं इस तरह से अभिव्यक्ति पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।
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