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डीयू में रोस्टर रिकास्ट की आड़ में आरक्षित सीटों के साथ छेड़छाड़

हाल ही में सामान्य वर्गों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को 10 फीसद आरक्षण दिए जाने के बाद से कॉलेजों में रोस्टर रिकास्ट को लेकर गहमागहमी चल रही है। कॉलेजों के लायजन ऑफिसर को जानकारी नहीं है कि रोस्टर कैसे बनेगा, उसे कैसे लागू किया जाये। इन तमाम मुद्दों को लेकर सोमवार को डूटा ऑफिस में विभिन्न कॉलेजों के लायजन ऑफिसर की बैठक हुई, जिसमें रोस्टर के विविध पक्षों पर चर्चा हुई। चर्चा में प्रो. हंसराज ‘सुमन’, डॉ. केपी सिंह, डॉ. गोपाल लाल मीणा, डॉ. बजरंग लाल प्रशांत आदि ने रोस्टर पर अपने विचार रखे।

दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ व डॉ. गोपाल लाल मीणा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि रोस्टर पर एक कमेटी बिठाई जाए जो कॉलेजों के रोस्टर की जांच करे। यह जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व डीओपीटी के अधिकारियों के द्वारा जांच हो।

उन्होंने बताया है कि बैठक में कॉलेजों द्वारा रोस्टर रिकास्ट को लेकर शिक्षकों के सामने आ रही दिक़्क़तों से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि रोस्टर पर वर्कशॉप हो। इस वर्कशॉप में कॉलेज लायजन ऑफिसर, प्रशासनिक अधिकारी और प्राचार्य को बुलाया जाये ताकि रोस्टर बनाते समय समस्या न हो। प्रो. सुमन ने डीयू प्रशासन से यह भी मांग की है कि वर्कशॉप में लायजन ऑफिसर की शक्तियों, उसके कार्यों का उल्लेख विस्तार से हो ताकि वह अपना कार्यों का निर्वहन स्वेच्छा से कर सके।

बैठक में आए कुछ शिक्षकों ने रोस्टर रिकास्ट संबंधी समस्याओं की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें कहा गया है कि रोस्टर सीनियरिटी से नहीं बनेगा, उसमे कॉलेज छोड़ गए या जिनका देहांत हो चुका है, उन शिक्षकों के नाम नहीं दर्शाने। उन्हें किसी तरह के नियमों/रोस्टर रिकास्ट संबंधी चार्ट या मॉडल रोस्टर नहीं दिया गया बल्कि जल्द से जल्द बनाकर देने को कहा गया। प्रो. सुमन ने लायजन ऑफिसर्स को जानकारी दी कि रोस्टर में सभी शिक्षकों के नाम शामिल किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर में ईडब्ल्यूएस रोस्टर रिकास्ट में उन बिंदुओं को जो मॉडल रोस्टर में दिए हैं, रखा जायेगा।

प्रो. सुमन ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि डीयू में आरक्षण नियमों की खुलेआम अवहेलना हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले 13 पॉइंट यानी विभागवार रोस्टर के साथ छेड़खानी की गई और सारा रोस्टर बदल दिया गया, अब ईडब्ल्यूएस की आड़ में रोस्टर रिकास्ट के नाम पर छेड़छाड़ कर रोस्टर की प्रकृति बदल दी जा रही है। ईडब्ल्यूएस से एससी, एसटी, ओबीसी कोटे की सीटों में बदलाव कर भारी नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि जब मॉडल रोस्टर और डीओपीटी ने हर वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है लेकिन, हाल ही में कॉलेजों द्वारा भेजे गए रोस्टर पूरी तरह से डीओपीटी नियमों के विरुद्ध हैं।

आज हुई वर्कशॉप में रोस्टर बनाते समय शिक्षकों का कहना था कि रोस्टर में एससी, एसटी, ओबीसी कोटे का शॉर्टफाल, बैकलॉग देकर रोस्टर रिकास्ट किया जाए साथ ही यह बैकलॉग एससी, एसटी का 1994 से दिया जाएगा। इसके अलावा मार्च 2007 से ओबीसी को और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 1 फरवरी 2019 से लागू करते हुए रोस्टर रिकास्ट करना होगा। वर्कशॉप में डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. सुधांशु, डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. संदीप कुमार व डॉ. सुरेश ढांढा ने भी रोस्टर पर विचार रखे और डीयू प्रशासन से इस पर वर्कशॉप कराने की मांग की गई। कुलपति से जल्द ही कमेटी बनाने की मांग रखी गई।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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