दिल्ली विश्वविद्यालय कालेज लैब स्टाफ एसोसिएशन (डुकलसा) का प्रायोगिक परीक्षाओं के भत्ते बढ़ाने तथा नये संशोधित रिक्रूटमेंट नियमों की माँग को लेकर उत्तरी परिसर के गेट नंबर 4 पर 8 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। इसमें सभी कालेजों तथा विभागों के कर्मचारी भाग लें रहे हैं। सोमवार को धरने का छठा दिन था और इसमें 1000 लैब कर्मियों ने भाग लेकर प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताया। लेकिन प्रशासन अभी तक इनकी मांगों को लेकर सुध नहीं ले रहा है।धरने को शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. राजीव रे तथा ईसी सदस्य डॉ. राजेश झा ने सम्बोधित किया व धरने को अपना समर्थन दिया।
एसोसिएशन के महासचिव अशोक कुमार व प्रधान श्री नंद किशोर गुप्ता ने बताया कि संस्था प्रायोगिक परीक्षाओं के भत्तों को बढ़ाने तथा संशोधित रिक्रूटमेंट नियमों की माँग को लेकर पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रही है और इसे लेकर विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों से कई बार बातचीत भी हुई थी। ज्ञात हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय में लिखित परीक्षा (थ्योरी) के भत्ते 2017 में ही बढ़ा दिए थे लेकिन, प्रायोगिक परीक्षाओं के भत्तों को नही बढ़ाया गया था। इसके कारण शिक्षक और ऑफिस स्टाफ को तो इसका फायदा मिल गया था, लेकिन लैब कर्मचारी अभी भी इससे वंचित हैं। लैबकर्मी आज भी 70 रुपयों में 6 घंटे काम करने को मजबूर हैं जबकि एक पानी पिलाने वाले साथी को 3 घंटे के 150 रुपये मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारियों की इन जायज़ लंबित मांगों को नहीं माना गया तो लैब कर्मचारी आगामी प्रायोगिक परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे।
Excellent