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July 2018

कविताः पिता

-रचना दीक्षित जाने क्यों नहीं बदलते कभी पिता मेरे हों या मेरे बच्चों के जब देखो रहते हैं पिता बचपन में देखा तो पिता बड़ी हुई तो भी पिता उम्र के इस पड़ाव पर जब…


दिल्ली विश्वविद्यालय ने एमफिल/पीएचडी के साक्षात्कार किए स्थगित, छात्रों का भविष्य अधर में

-सुकृति गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपनी वेबसाइट पर नोटिस जारी करते हुए यह जानकारी दी है कि सभी विभागों के एमफिल/पीएचडी के साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं। हालांकि इस संबंध में कोई जानकारी…


कविताः सियासत का रंग

-चारागर मज़हब की टोकरी हाथ में लिये देखो सियासत लोलीपॉप बाँट रही है, हरे और भगवा रंग की फिरकी में उलझ-उलझ देखो जनता गोल-गोल चक्कर काट रही है नेताजी हर बार आते हैं वही सड़े गले वादों वाला थाल हाथ में लिए और लगा घर-घर फिर देखो फेरी नयों की आड़ में पुराने बेच जाते हैं, ख़ुद तो ऊपर से नीचे सफ़ेदपोश बने रहते हैं तुम्हें हरा या भगवा बना जाते हैं हर बार वो क़समें खाते हैं मुद्दों पे चुनाव लड़ने की हम क़समें खाते हैं ईमान और ज़मीर से वोट डालने की, पर ज्यों-ज्यों चुनाव नज़दीक आते हैं मुद्दे, मुद्दे इस नाम का तो कोई जन्तु नज़र ही नहीं आता, आता है तो राम-रहीम ,अगड़े-पिछड़े, या फिर ख़ून ख़राबा और लड़ाई झगड़े, और इस लड़ाई झगड़ों में दोस्त, भाई, पड़ोसी सब खो जाते हैं और हम फिर से रह जाते हैं सिर्फ़ हिंदू या मुसलमान और इस तरह से सियासत एक बार फिर जीत जाती है और इंसानियत एक बार फिर से हार जाती है   (डॉक्टर संजय यादव “चारागर” पेशे से चिकित्सक हैं…


दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसा क्या किया कि प्रवेश परीक्षा में ज्यादातर छात्र रहे असफल, जानिए क्यों हो रहा ऐसा मजाक

-सुकृति गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में इस बार एमफिल-पीएचडी छात्रों के प्रवेश परीक्षा में 50 फीसद अंक लाना अनिवार्य कर दिया गया। यदि आपके 50 फीसद से कम अंक आए हैं तो आपको साक्षात्कार के…