सहायता करे
SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार प्रशांत को तुरंत रिहा करने का दिया आदेश

तस्वीरः गूगल साभार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर द वायर के पूर्व पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में उदारता दिखाते हुए पत्रकार को तुरंत रिहा करना चाहिए। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए, लेकिन क्या इस मामले में गिरफ्तारी न्यायपूर्ण हैराज्य सरकार को इस मामले में सही एक्शन लेना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा कि ऐसे कमेंट पब्लिक में नहीं होने चाहिए। कानून के तहत कार्रवाई जारी रहे, लेकिन पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाना जरूरी है। बेंच ने आगे कहा कि नागरिकों की स्वाधीनता अटल है। इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह (स्वतंत्रता) हमें संविधान से मिली है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गिरफ्तारी की निंदा की

राहुल गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि मुख्यमंत्री योगी मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आरएसएस-बीजेपी समर्थित प्रोपोगैंडा और मेरे बारे में फेक न्यूज फैलाने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाएगा तो ज्यादातर अखबारों और न्यूज चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी। पत्रकार को रिहा किया जाना जरूरी है। 

इस टिप्पणी की वजह से गिरफ्तार किया गया था

प्रशांत ने 6 जून को अपने ट्विटर पर और फेसबुक पर इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी शीर्षक से एक पोस्ट की थी। इसके साथ ही एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें एक युवती मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर खड़ी होकर खुद को योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी। इस पर उत्तर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली और 8 जून को कनौजिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। इस पर प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद वकील नित्या रामकृष्णन ने वैकेशन बेंच से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।

योगी पर टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार को लेकर दिल्ली में मार्च, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार प्रशांत को तुरंत रिहा करने का दिया आदेश"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*