उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित कथित आपत्तिजनक वीडियो शेयर करने पर गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर संग्राम छिड़ गया है। योगी आदित्यनाथ की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने के लिए आलोचना की जा रही है। प्रशांत की गिरफ्तारी के विरोध में कई मीडिया संगठनों की ओर से प्रेस क्लब से लेकर संसद भवन तक 10 जून यानी आज मार्च भी निकाला जा रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी मंगलवार को सुनवाई करने वाला है। गिरफ्तारी के खिलाफ प्रशांत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में प्रशांत की पत्नी ने कहा कि कुछ लोग बिना वर्दी घर पर आए और प्रशांत को गिरफ्तार करके ले गए। उन लोगों ने न कोई वारंट दिखाया और न ही कोई एफआईआर की कॉपी। ट्रांजिट रिमांड के लिए प्रशांत को दिल्ली में किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था या नहीं। इस पर भी सवाल है। प्रशांत की पत्नी ने यह भी दावा किया कि उसे एक पुलिसकर्मी ने फोन पर बताया था कि प्रशांत जिला जेल में हैं। उन्हें किस जेल में रखा गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
गौरतलब हो कि प्रशांत को शनिवार सुबह उनके दिल्ली स्थित घर से उठाया गया और शाम को जेल भेज दिया गया। पत्रकार पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। कनौजिया ने अपने ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो डाला था, जिसमें एक महिला को मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर कई मीडिया संस्थानों के संवाददाताओं से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है और इसमें वह दावा करते दिख रही है कि उसने मुख्यमंत्री को विवाह प्रस्ताव भेजा है। इसी पोस्ट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस बीच खबर है कि प्रशांत के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की एडिटर्स गिल्ड ने निंदा की है।
गिरफ़्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया है जो द वायर में भी पहले काम कर चुके हैं और उन्हें शनिवार को उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ़्तार करके लखनऊ ले जाया गया। प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा के अनुसार, “उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें एक महिला ख़ुद को योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी।”
इस वीडियो के साथ उन्होंने योगी का ज़िक्र करते हुए एक टिप्पणी की थी।
इस सम्बन्ध में लखनऊ के हज़रतगंज थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है और प्रशांत कनौजिया पर आईटी एक्ट की धारा 66 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई है।
समाजवादी पार्टी ने इस गिरफ़्तारी की आलोचना की है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “कानून व्यवस्था के मामले में फेल सरकार पत्रकारों पर अपनी हताशा निकाल रही है।”
पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना! कानून व्यवस्था के मामले में फेल सरकार पत्रकारों पर अपनी हताशा निकाल रही है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) 8 जून 2019
एफ़आईआर की प्रति में लिखा है कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रशांत कनौजिया ने योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करके उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ के आऱोप में नोएडा पुलिस ने एक टीवी न्यूज़ चैनल के हेड और संपादक को भी गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ़्तार किया है।
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