दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक स्तर पर दाखिले के लिए पंजीकरण शुल्क को लेकर भेदभाव करने का मामला सामने आया है। छात्र संगठनों की ओर से इसका विऱोध भी शुरू किया जाने लगा है। एसएफआई ने इस तरह से डीयू प्रवेश पंजीकरण शुल्क में असमानता को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर को एक ज्ञापन सौंपा। बता दें कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी से संबंधित छात्र के लिए आवेदन करने के लिए पंजीकरण शुल्क 300 है, जबकि ओबीसी से संबंधित छात्रों के लिए 750 प्रति प्रवेश-आधारित पाठ्यक्रम का भुगतान करना होगा।
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) व डूसू (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ) ने आवेदन फीस में 50 फीसद बढ़ोतरी (500 से 750 रुपये) तथा डीयू वेबसाइट में बार-बार आ रही समस्या को लेकर नॉर्थ कैम्पस के कला संकाय में प्रदर्शन किया। बता दें कि डीयू की वेबसाइट में पंजीकरण के समय लगातार समस्या बनी हुई है। इसके लिए ओटीपी जेनरेशन में समय भी अधिक लग रहा है। अभाविप ने दिल्ली सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट निर्गत नहीं करने की समस्या का भी विरोध कर रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से निर्णय लेने की मांग की है और साथ ही डीयू प्रशासन की कड़ी आलोचना भी की है।
एसएफआई की ओर से सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि दोनों के लिए शुल्क में भेदभाव रखने का मानदंड मनमाना है और इसलिए अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है क्योंकि दोनों श्रेणियों के लिए आरक्षण के आर्थिक मानदंड समान हैं। एसएफआई के उपाध्यक्ष सुमित का कहना है कि हमने प्रशासन से अपील की है कि ईडब्ल्यूएस कोटे से आवेदन करने वाले छात्रों और ओबीसी समुदाय से संबंधित छात्रों के बीच फीस को लेकर इस तरह का भारी अंतर सही नहीं है। इसे समान करते हुए जिन छात्रों से अतिरिक्त शुल्क लिए गए हैं उन्हें वापिस किए जाएं।
एसएफआई प्रवेश के लिए ओपन डेज सेशन के दिनों में हेल्प डेस्क लगाकर छात्रों की मदद कर रहा है।
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