उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर द वायर के पूर्व पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में उदारता दिखाते हुए पत्रकार को तुरंत रिहा करना चाहिए। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए, लेकिन क्या इस मामले में गिरफ्तारी न्यायपूर्ण है? राज्य सरकार को इस मामले में सही एक्शन लेना चाहिए।
Supreme Court orders immediate release of freelance journalist, Prashant Kanojia who was arrested by UP Police for ‘defamatory video’ on UP Chief Minister. pic.twitter.com/OTr47uEVSu
— ANI (@ANI) 11 जून 2019
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा कि ऐसे कमेंट पब्लिक में नहीं होने चाहिए। कानून के तहत कार्रवाई जारी रहे, लेकिन पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाना जरूरी है। बेंच ने आगे कहा कि नागरिकों की स्वाधीनता अटल है। इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह (स्वतंत्रता) हमें संविधान से मिली है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गिरफ्तारी की निंदा की
राहुल गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि मुख्यमंत्री योगी मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आरएसएस-बीजेपी समर्थित प्रोपोगैंडा और मेरे बारे में फेक न्यूज फैलाने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाएगा तो ज्यादातर अखबारों और न्यूज चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी। पत्रकार को रिहा किया जाना जरूरी है।
If every journalist who files a false report or peddles fake, vicious RSS/BJP sponsored propaganda about me is put in jail, most newspapers/ news channels would face a severe staff shortage.
The UP CM is behaving foolishly & needs to release the arrested journalists. https://t.co/KtHXUXbgKS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 11 जून 2019
इस टिप्पणी की वजह से गिरफ्तार किया गया था
प्रशांत ने 6 जून को अपने ट्विटर पर और फेसबुक पर ‘इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी’ शीर्षक से एक पोस्ट की थी। इसके साथ ही एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें एक युवती मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर खड़ी होकर खुद को योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी। इस पर उत्तर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली और 8 जून को कनौजिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। इस पर प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद वकील नित्या रामकृष्णन ने वैकेशन बेंच से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
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