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Zee News के कर्मचारी क्या सचमुच योद्धा हैं? 29 संक्रमित मामलों में सुधीर का कोई दोष नहीं?

हम बात कर रहे हैं एक ऐसे समय की जब कोरोना वायरस का फैलाव अपने चरम पर है औऱ पत्रकारिता जगत के वायरस भी फैल रहे हों वो 2 तरीके से एक तो न्यूज एंकर के द्वारा किसी संप्रदाय के खिलाफ प्रोपेगैंडा करके औऱ दूसरा कोरोना वायरस के फैलाव से। आपने सुना होगा हाल ही में जी न्यूज के एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ केरल में इसलिए एफआईआऱ हुई क्योंकि उन्होंने अपने टीवी शो डेली न्यूज एनालिसिस (डीएनए) में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की और इस्लाम का अपमान किया। ये मैं नहीं कह रहा हूं ये एफआईआर में लिखा है।  चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने 11 मार्च 2020 को अपने शो डीएनए में ‘जमीन जिहाद’ सेगमेंट के तहत एक चार्ट दिखाकर कई तरह के जिहाद के बारे में चर्चा कर उसका विश्लेषण किया था।

लेकिन अब एक और बात सामने आ रही है। मीडिया कंपनी जी न्यूज का नोएडा में स्थित दफ्तर भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुका है। यहां कोरोना के कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद पूरी बिल्डिंग को खाली करा दिया गया है। कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि सभी जरूरी एहतियात बरती जा रही हैं। फिलहाल पूरा सेटअप कंपनी की दूसरी बिल्डिंग में किया गया है।

जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने ट्वीट करते हुए बताया कि सबसे पहले 15 मई को जब एक कर्मचारी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि कई लोग जी न्यूज के संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने बकायदा स्टेटमेंट देकर कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है। फेक न्यूज है। हम इसे फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

हालाकि अब वो खुद बता रहे हैं कि कि 28 लोग और वहां कोरोना पॉजिटिव पाए गए। यानी कि जी न्यूज में हड़कंप मच गया है। और फेक न्यूज जिसे उन्होंने बताया उस पर विराम लग गया है। वह सच में तब्दील हो गया है औऱ अब 29 कोरोना पॉजिटिव केसेज के साथ जी न्यूज में काम चल रहा है।

इतनी संख्या में कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों के मिलने के बाद जी न्यूज ने अपना स्टूडियो और पूरा न्यूजरूम सील कर दिया। फिलहाल पूरे ऑफिस का सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। जब तक पूरा सैनिटाइजेशन नहीं हो जाता है, तब तक बाकी के कर्मचारी वैकल्पिक आफिस यानी दूसरे ऑफिस से काम करेंगे।

कंपनी की तरफ से ये भी बताया गया है कि टेस्टिंग लगातार जारी है। बाकी के सभी कर्मचारियों को भी टेस्ट किया जा रहा है। जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 2500 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी ने इसे एक चुनौती भरा वक्त बताया है और अपने कर्मचारियों के जल्द ठीक होने की कामना की है।

सोशल मीडिया पर खासकर ट्विटर पर सुधीर चौधरी और उनके जी न्यूज को योद्धा बताया जा रहा है बताया भी जाना चाहिए, लेकिन यह ट्रेंड कराने के पीछे मकसद क्या है? इसके बारे में भी जान लेना चाहिए आपको पता है कि मौलाना साद को लेकर कितनी अफवाहें और गलत न्यूज फैलाई गईं। तबलीगी जमात के लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिहादी बताकर कैसे उन्हे दुख की घड़ी में टीवी चैनलों पर साजिश बताया गया। कोरोना बम बताकर उनके दुख को और दुखमयी छड़ में तब्दील कर दिया गया। उनके ऊपर मामले छिपाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज की गईं। साथ ही कई ऐसी खबरें आईं। इन खबरों में जी न्यूज खुद भी शामिल है जहां कर्मचारी के पॉजिटिव मामले आने के बाद कंपनी पर केस दर्ज किया गया। जी न्यूज की एक खबर के मुताबिक नोएडा की ‘सीज फायर’ नाम की एक कंपनी पर जानबूझ कर हजारों लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप है। आरोप है कि उसने अपने कर्मचारियों की ट्रेवेल हिस्ट्री को छिपाया जिसका नतीजा ये हुआ कि उसकी कंपनी के कोरोना वायरस से संक्रमित कर्मचारियों का पता नहीं चला और ये बीमारी नोएडा में फैल गई। अभी तक कुल 31 केस पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें 17 लोग सिर्फ ‘सीज फायर’ नाम की इस कंपनी की लापरवाही की वजह से कोरोना पॉजिटिव हो गए। कंपनी के खिलाफ अब महामारी अधिनियम 1897 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या अब कर्मचारियों पर जो कहर बरपा है उसके जिम्मेदार सुधीर चौधरी खुद होंगे या नहीं। क्या उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाएगा?

तिनका कबहुं न निंदिए, जो पावन तर होय।

कबहुं उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।।

कबीर दास जी कहते हैं किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। चाहे एक तिनका भी हो चाहे एक कण भी हो किसी भी प्रकार की निंदा से बचना चाहिए। क्या पता वह हवा के झोके से उड़कर कब आंख में पड़ जाये तो दर्द असहनीय होगी। इसलिए परनिंदा नहीं करना चाहिए। खए छोटे से छोटा प्राणी व व्यक्ति के महत्व को स्वीकारना चाहिए वह भी समय पर आपके काम आ सकता है।

या समय पर आपकी पीड़ा का कारण बन सकता है। इसलिए किसी की निंदा से बचना चाहिए।

हम तो पहले से कहते रहे हैं कि कोरोना फैलाने को लेकर किसी के ऊपर एफआईआर दर्ज ही नहीं होनी चाहिए। यह एक बीमारी है। जो साजिश के तहत एक देह से दूसरे देह में नहीं प्रवेश करती। लोग यानी पत्रकार खुद निंदा करके अब अपनी ही बेइज्जती करवा रहे हैं। और अब उन्हें इसके लिए ट्विटर पर खुद को योद्धा भी बताना बड़ रहा है। आखिर किसलिए कोरोना बम बताने कि लिए या फिर जिहादी चार्ट में वर्गीकरण करने के लिए।

हम बीमारी की दुख की घड़ी में सबके साथ सहामुभूति रखते हैं। इनके साथ भी हैं। क्योंकि पत्रकार तो पत्रकार ही होता है। उसमें वैचारिक दोष तो मालिक से आता है। कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है। लेकिन इसकी आलोचना करना भी जायज है कि सुधीर चौधरी ने क्या सचमुच कोरोना के प्रति जागरुकता दिखाते हुए सोशल डिस्टेंसिग और कर्मचारियों के प्रति क्या सचमुच उदार रवैया अपनाया। क्या सभी कर्मचारियों के प्रति हमदर्दी दिखाई। या अब दुख की घड़ी में ही केवल सोशल मीडिया पर ही।

जी न्यूज ने अपनी खबर में लिखा है कि ICMR भी अब उन लोगों की टेस्टिंग करने की इजाजत दे रहा है जो Asymptomatic हैं। इसलिए हो सकता है कि आने वाले दिनों में Zee News में भी पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ जाए . हम भी मानते हैं कि संक्रमित लोगों की पहचान करके..उन्हें दूसरों से अलग करना ही इस वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका है और हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे।

तो क्या मान लें कि अभी भी जी न्यूज में कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या ज्य़ादा हैं। एक सवाल और कि खुद सुधीर चौधरी का कोरोना टेस्ट हुआ या नहीं यह भी एक सवाल है?

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

1 Comment on "Zee News के कर्मचारी क्या सचमुच योद्धा हैं? 29 संक्रमित मामलों में सुधीर का कोई दोष नहीं?"

  1. Thanks batane ke liye

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