दौर था जो थम गया: अटल की जयंती पर विशेष
दौर था जो थम गया जल था जो जम गया दौर बदलने दो सफ़र फिर से शुरू होगा जल को जमने दो आसमां से बारिश बनके हमको आने दो सपना था जो बन गया अपना…
दौर था जो थम गया जल था जो जम गया दौर बदलने दो सफ़र फिर से शुरू होगा जल को जमने दो आसमां से बारिश बनके हमको आने दो सपना था जो बन गया अपना…
क्या सच होने वाला है जो मैंने अभी है देखा सपना था पर क्यों डरा रहा जैसे हो हकीकत जैसा छिपकली जो कूदती है इधर से उधर कल यही तो बोल रही थी मैं मम्मा…
तल्लीन चेहरों का सच कभी पढ़कर देखना कितने ही घुमावदार रास्तों पर होता हुआ यह सरपट दौड़ता है मन हैरान रह जाती हूँ कई बार इस रफ्त़ार से अच्छा लगता है शांत दिखना पर कितना…
किसी सफ़े पे थी खिलखिलाती याद उसकी किसी सफ़े पे था उसकी मुस्कराहटों का पहरा इश्क़ की किताबों में करवटें बदलती रूहों का जागना उंगलियों के पोरों की छुँअन से फिर कहना उनका हौले-हौले से…