न मूर्तियों से गोडसे जिंदा होंगे, न गोलियों से गांधी मर सकते हैं
गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते…गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं। नाथूराम गोडसे पर फिर से…
गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते…गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं। नाथूराम गोडसे पर फिर से…
आप सोच रहे होंगे कि मैंने “चुनाव, वादा और किसान” इस लेख का शीर्षक क्यों लिखा? आप बिलकुल सही सोच रहे हैं। आपको बता दूं इन तीनों शब्दों में एक गहरा नाता है। हमारे देश…
जब-जब देश में किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का ज़िक्र होता है तब-तब हमें समझ जाना चाहिए कि यह चुनावी सीजन है। इसके पहले तो राजनेताओ को किसानों की सुध आती ही नहीं है। अभी देश…
-साहित्य मौर्या हाल में संपन्न हुए देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव मीडिया में काफ़ी छाया रहा। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय,उत्तराखंड और जेएनयू छात्र संघ का चुनाव प्रमुख हैं। ऐसा लगा मानो ये छात्र…