SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

दोस्ती

बचपन के दोस्त (कविता)

एक बार फिर याद आए वो दोस्त जिन्होंने बचपन में की थी मिलकर अनगिनत शरारतें और किए थे साथ चलने के अनेकों वादे सब छूट गए कहीं पीछे, दूर बहुत दूर वो स्कूल की आख़िरी…


मित्रता दिवस पर विशेषः वो प्यारा सा सिलसिला है दोस्ती

-रीना मौर्या सुख- दुःख में जो साथ दे परायों में अपनों का अहसास दे जिससे जुड़ा न हो कोई मज़बूरी का रिश्ता जिसे दिल ने माना है अपना ही हिस्सा वो प्यारा सा अहसास है…


एडिमशन के वक्त मिली थी, कहां पता था कि साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले हैं

विवेक आनंद सिंह रात के 2 बजे थे। अचानक मोबाइल की घण्टी बजी….स्क्रीन पर नाम के साथ लाइट फ़्लैश हुई, लेकिन नाम देखते ही दिल मे एक घुप अँधेरा भी छा गया। न चाहते हुए…