हम बात करने जा रहे हैं बीजेपी और कांग्रेस का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के बारे में। यह आरोप प्रत्यारोप बीजेपी कांग्रेस प्रवक्ताओं और नेताओं के बीच ट्वीट के माध्यम से आजकल चल रहा है। और इसी आरोप प्रत्यारोप के बीच बीजेपी बेनकाब होती हुई दिख रही है। और इतना ही नहीं उसके चरित्र का पता लोगों को लगता जा रहा है। हम देख रहे हैं कि कैसे कोरोना कहर और सीमा तनाव के बीच इस तरह की घटिया राजनीति हो रही है। जनता मर रही है। कोरोना कहर को रोकने में नाकामी उजागर होती दिख रही है। साथ ही पड़ोसी देश आये दिन तनाव की स्थिति पैदा कर रहे हैं। लेकिन इन सबको उचित तरीके से हैंडल करने की बजाय बीजेपी और कांग्रेस आपस में एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। हम बात करेंगे दो मुख्य बातों की
पहला बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के चीयर्स वाले ट्वीट पर
दूसरा पीएम केयर्स फंड में चाइनीज कंपनियों के दान को लेकर
सबसे पहले हम संबित पात्रा की बात करते हैं आपको पता होगा कि ये महाश आये दिन अपने विवादित बयानों की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल किये जाते हैं। कई बार ये खुद कांग्रेस को ट्रोल करने की कोशिश भी करते हैं लेकिन फिर यही ट्रोल हो जाते हैं।
ट्विटर पर 26 जून को संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी जिसमें वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ दिखाई दे रहीं थी। उस तस्वीर को पात्रा ने दोबारा रीट्वीट भी किया। जिसपर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने उन्हें करारा जवाब दिया है। जवाब की बात करेंगे पहले पात्रा ने तस्वीर को रीट्वीट करते हुए क्या लिखा देखिये
प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्रों में शाही भोज में उस देश की परम्पराका निर्वाह हर प्रधानमंत्री या मंत्री को करना पड़ता है। यदि इन फ़ोटो की बात होगी तो ऐसे फ़ोटो तमाम प्रधानमंत्रियों के मिल जाएँगेiइनको twist देकर सोशल मीडिया पर इस्तेमाल करना उचित नहीं है। @INCIndia @BJP4India https://t.co/sO7JsPxH9F
— Rajeev Shukla (@ShuklaRajiv) June 27, 2020
इन्होंने लिखा “मेरे इस चित्र पर “लिबरल” और “कांग्रेसी” आपत्ति कर रहें है ..क्या एक महिला WINE नहीं पी सकती?? दोस्तों वो wine या जो उनको मर्ज़ी है पी सकती है ..इसमें कैसा लिंगभेद! हमें आपत्ति इस बात की है की इस चित्र में CONSPIRATOR, FOUNDATION और DONOR तीनो एक साथ cheers कर रहें है।” पात्रा के इस ट्वीट पर करार जवाब देते हुए शुक्ल ने लिखा “प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्राओं में शाही भोज में उस देश की परम्पराका निर्वाह हर प्रधानमंत्री या मंत्री को करना पड़ता है। यदि इन फ़ोटो की बात होगी तो ऐसे फ़ोटो तमाम प्रधानमंत्रियों के मिल जाएँगे। इनको ट्विस्ट देकर सोशल मीडिया पर इस्तेमाल करना उचित नहीं है।”
इसके बाद ऐसी कई फोटो सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने उजागर की जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी और तमाम बीजेपी नेता इसी तरह चीयर्स करते देखे गए।
इस तरह की घटिया राजनीति पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर बीजेपी की खूब आलोचना की। इसी में से एक यूजर ने लिखा कि “सर किसने क्या खाया-पिया ये देश का मुद्दा नहीं है। देश के असल मुद्दे हैं कमजोर विदेशी नीति, बर्बाद अर्थव्यवस्था, करोड़ों युवाओं की बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई और करोना महामारी से देश की सुरक्षा और उपाय मगर भाजपा अपने सत्ताधारी होने के दायित्वों को निभाने में पूरी तरह निष्फल रही है।”
राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसके राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से धन लिया। फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं।
इसके बाद कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स) में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है? कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते छह साल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ ’18 मुलाकातों’ पर भी सवाल उठाए और पूछा कि उन्होंने चीन को अब तक क्यों ‘हमलावर’ नहीं कहा। सिंघवी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान यह कहने के कुछ घंटों के बाद आया कि लद्दाख में उसकी जमीन पर बुरी नजर रखने वालों को भारत ने उचित जवाब दिया है।
अब “माँ-बेटे” ने किस किस से पैसा लिया था ये सवाल नहीं है
अब BREAKING NEWS तभी होगा जब पता चलेगा माँ-बेटे ने किससे पैसा नहीं लिया था? https://t.co/LsW8idDOy2— Sambit Patra (@sambitswaraj) June 27, 2020
सिंघवी ने कहा, ‘चौंकाने वाली बात यह है कि चीनी सेनाओं के हमारे क्षेत्र का अतिक्रमण करने के बावजूद प्रधानमंत्री को इस कोष में चीनी कंपनियों से धन प्राप्त हुआ…क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे कि 2013 में चीनी शत्रुता के बावजूद उन्हें इस कोष में चीनी मदद क्यों मिली।’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस विवादास्पद कोष में हुवेई ने सात करोड़ रुपये, टिकटॉक ने 30 करोड़ रुपये, पेटीएम ने 100 करोड़ रुपये, शियोमी ने 15 करोड़ रुपये और ओप्पो ने एक करोड़ रुपये दिये।
₹7 Crore in this fund has been received from Huawei. Everyone knows Huawei is the alter ego of People’s Liberation Army hence Chinese govt. 30 crores has come from Chinese company tiktok. Paytm with 38% Chinese controlled shareholding has donated: @DrAMSinghvi#PMCARESforChina
— Congress (@INCIndia) June 28, 2020
सिंघवी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह कहें कि चीन हमलावर है.’ सिंघवी ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सबसे ज्यादा चिंताजनक और सतर्क करने वाला तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कंपनियों से अपने (व्यक्तिगत नजर आने वाले) पीएम केयर्स कोष में दान की रकम प्राप्त की.‘ उन्होंने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों से विवादास्पद और अपारदर्शी तरीके से सैकड़ों करोड़ रुपये का दान स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे? प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देने की जरूरत है।’
पीएम केयर्स फंड कोविड-19 महामारी के कारण आने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के उद्देश्य से इस साल मार्च में बनाया गया था. तब से ही कुछ विपक्षी दलों की यह मांग रही है कि इस फंड में आने वाले दान को सार्वजनिक किया जाए। सिंघवी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के 2007 से ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) से संबंध रहे हैं और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे उसके अध्यक्षों का चीन के साथ अधिकतम संपर्क रहा है।
उन्होंने दावा किया, ‘भारत के इतिहास में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है, जिसके अध्यक्षों का बीते 13 वर्षों में चीन के साथ इतना संपर्क रहा है.’ उन्होंने कहा कि जनवरी 2007 और अक्टूबर 2008 में सिंह की सीपीसी से बात हुई, जनवरी 2011 में गडकरी पांच दिन के आधिकारिक दौरे पर चीन गए और शाह ने 2014 की शुरुआत में पार्टी विधायकों के एक प्रतिनिधिममंडल को चीन भेजा।
सिंघवी ने कहा कि इस सरकार के लिए लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा ‘इस सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं ‘मैं, मेरा, मेरे लिये’ और राजीव गांधी फाउंडेशन.’ कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की कि मोदी को कहना चाहिए कि ‘चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की’ और चौकियों व जमीन पर कब्जा किया। सिंघवी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि हम समझौता नहीं करने जा रहे और हम चीन को वापस खदेड़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा करेंगे तो विपक्ष समेत पूरा देश उनके पीछे खड़ा रहेगा।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने रेडियो पर ‘मन की बात’ में कहा कि भारत के वीर सपूतों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा, ‘लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है. भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।’
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