भारतीय जनसंचार संस्थान में 09 फरवरी को एक पब्लिक टॉक का आयोजन किया गया। यह टॉक शिक्षा के सम्मान में आयोजित था। इस अवसर पर छात्र, एलुमनाई और अनेक मीडिया कर्मियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भारतीय जनसंचार संस्थान, देश के बड़े पत्रकारिता संस्थानों में एक है। संस्थान के लॉन में आयोजित पब्लिक टॉक में छात्रों ने स्पष्ट किया कि यह टॉक शिक्षा के सम्मान में है। कार्यक्रम में छात्रों ने आई.आई.एम.सी. प्रशासन द्वारा वर्तमान और पूर्व छात्रों के साथ किये जा रहे भेदभाव से असहमति जताई। टॉक के दौरान आई.आई.एम.सी के पूर्व छात्र और पत्रकार प्रशान्त कनौजिया ने अफोर्डेबल फ़ी और शिक्षा के सम्मान में आवाज़ उठाने वाले छात्रों का हौसला आफजाई भी किया। चर्चा के अंत में छात्रों ने मिलकर अनेक जनवादी कवितायें और क्रांतिकारी गीत भी गाये।
रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता के छात्र गौतम कुमार ने बताया कि हमारे टॉक (कार्यक्रम) को विफल करने के लिए आई.आई.एम.सी. प्रशासन ने संस्थान के छात्रों को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी भी ऐसे कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें संस्थान के साथ मतभेद हों तो उनके खिलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। लेकिन हम उनकी धमकी और दमनकारी क्रियाकलाप से नहीं डरेंगे। हम संस्थान प्रशासन की कमियों और भारतीय जनसंचार संस्थान एलुमिनाई एशोसिएशन नामक संस्था के बारे च्रर्चा कर रहे हैं और संस्थान हमारे असहमति जताने के मूल अधिकार का उलंघन नहीं कर सकता। यह बेहद दुखद बात है कि भविष्य के पत्रकारों को उनके सवाल उठाने के कारण संस्थान प्रशासन द्वारा धमकी दी जाती है। सवाल उठाना किसी भी पत्रकार का पहला कर्तव्य है।
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